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शुभ्रा ओझा , मूलतः गोरखपुर की रहने वाली लेखिका एवं पत्रकार , अपने परिवार के साथ अमेरिका के शिकागो शहर में रह रही हैं . . |
"शक्ति नहीं संयम से कोरोना को हराये"
शिकागो से शुभ्र ओझा की रिपोर्ट
"अमेरिका" एक ऐसा शक्तिशाली और समर्थवान देश जहां
पहुचने के बाद लगता है, कि आप दुनिया के सबसे
सुरक्षित देश में हैं, लेकिन अब यह देश अमेरिका भी अन्य देशों की भांति COVID-19 (कोरोना
वायरस) के गिरफ्त में आ चुका हैं, और इस वायरस से लड़ने की भरपूर कोशिश कर रहा हैं, हर प्रकार से
सशक्त यह देश आज इक बहुत ही सूक्ष्म से वायरस के आगे लाचार नज़र आ रहा हैं।
अमेरिका में कोरोना वायरस के आंकड़े लगभग एक लाख तीस हजार के पार हो गए हैं, जिनमें से 2328
लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इन सब के बीच राहत देने वाली बात यह कि उपरोक्त
आंकड़ों में से 2612 लोग ठीक भी हो चुके है। (उपरोक्त आंकड़े 29 मार्च तक के है)
इस देश में संक्रमित लोगों के आंकड़े हर दिन लगभग दस हजार बढ़ते जा रहे है। यह
वायरस बहुत ही तेज़ी से लोगो को संक्रमित कर रहा हैं, जो कि बहुत ही
डरावना है।
यहां की
सरकार ने अगर प्रथम चरण में ही इस वायरस के रोकथाम का कड़ाई से पालन किया होता, तो शायद आज
संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख के पार नहीं होती। यहां की सरकार जागी लेकिन थोड़ी देर से, इसका परिणाम यह
हुआ कि संक्रमित लोग देश के हर स्टेट में पहुंच चुके थे, यह देखते हुए
स्टेट गवर्मेंट ने सभी संक्रमित स्टेट को लॉक डॉउन किया, जो कि थोड़ा पहले
करना चाहिए था। इन सब के बावजूद कोरोनो वायरस से पीड़ित लोगों को बचाने के लिए
यहां डॉक्टर, नर्स और पुलिस अपने कामों में दिन रात लगे हुए हैं, ताकि अधिक से अधिक
लोगों की जान बचाई जा सके, इतने प्रयासों के बाद भी न्यूयार्क और न्यू जर्सी की
स्थिति भयावह बनी हुई है। सतर्कता की दृष्टि से यहां लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ाने रद्द कर दी गई
हैं।
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कोरोना वायरस के संक्रमण को
दर्शाता अमेरिका का मैप |
मैं कुछ
वर्षों से अमेरिका के इलिनॉयस (Illinois) स्टेट के मंडेलाईन ( mundeline) सब-अर्ब
में रह रही हूंँ, जो शिकागो सिटी से 37 माइल्स की दूरी पर स्थित है। इस
स्टेट में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 3491 हो गयी हैं, जोकि महज़ दो
हफ्ते पहले 200-300 के आस-पास थी। अब आप इस आंकड़े से अंदाज़ा लगा सकते हैं, कि यह कोरोना वायरस
कितनी तेज़ी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है।
इस संक्रमण को
फैलने से रोकने के लिए गवर्नर जे.बी. पीट्ज़कर (J. B. Pritzker) ने विगत 20
मार्च को पूरे स्टेट में 7 अप्रैल तक लॉक डॉउन कर दिया। जिसकी वजह से सभी स्कूल, कॉलेज, मॉल, रेस्टोरेंट और
पार्क बन्द कर दिए गये।
लॉक डॉउन के
अफ़रा- तफ़री के बीच लोग अपने घरों में जरूरत की सभी चीजों को भरने लगे। जो लोग एक
महीने का सामान ले जाते थे, उन लोगों ने छ: महीने का सामान खरीदा, इस वजह से मार्केट
में टॉयलेट पेपर और बच्चों के डायपर खत्म हो गए। हैंड सैनिटाइजर और मास्क तो पिछले
एक महीने से ही मार्केट से गायब हैं।
लॉक डॉउन की
वजह से सभी लोग अपने- अपने घरों में बन्द है, कोई भी बिना वजह
कहीं भी बाहर नहीं जा रहा। सभी दोस्तो का हाल- चाल फ़ोन से लिया जा रहा। यहां पर
भी लोगों का एक वर्ग ऐसा है, जो समझ रहा कि हम ठीक है और हमें कुछ नहीं होगा, ऐसे लोग बिना वजह
घर से बाहर जाकर साइकिलिंग कर रहे, वॉक कर रहे और इधर-उधर घूम रहे। ऐसे लोगों से मैं यह
कहना चाहूंगी कि "यह कोरोना वायरस हैं, आपके घर का कोई
सदस्य नहीं हैं, इसको आपसे कोई लेना-देना नहीं हैं, यह बिल्कुल नहीं
समझने वाला कि आप घर में बोर हो रहे और आपको मज़े करने घर से बाहर जाना हैं, या अपने दोस्तों
संग मस्ती करने जाना हैं। यह एक भयानक वायरस हैं, जो बिना किसी
भेदभाव के किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति पर अटैक कर देगा।" इन लोगो को यह बात
बिल्कुल नहीं समझ आ रही कि ये लोग वायरस के कैरियर (माध्यम) का कार्य कर रहे और
जाने अंजाने स्वस्थ व्यक्तियों को यह वायरस देकर उनके जान को भी संकट में डाल रहे।
ऐसे लोगों के लिए सरकार को कड़े से कड़े नियम बनाना चाहिए और उसे जल्द से जल्द
लागू किया जाना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित किया जा सके।
यहां लॉक
डॉउन की स्तिथि में जिनका काम घर से हो सकता हैं, वो सभी अपना काम
वर्क फ्रॉम होम कर रहे, लेकिन जरूरी उपक्रम से जुड़े हुए लोगों ( जैसे - डॉक्टर, नर्स, पुलिस, सफाईकर्मी, पोस्टऑफिस में काम
करने वाले, डिलिवरी पर्सन्स, स्टोर पर काम करने
वाले लोग आदि ) को अपने काम के लिए घर से निकलना पड़ रहा है।
स्कूल बन्द
होने की वजह से सभी बच्चे घर में बन्द हैं, और ई - लरनिंग के
द्वारा घर से ही पढ़ाई कर रहे। स्कूल डिस्ट्रिक और टीचर्स पूरा प्रयास कर रहे कि
सभी वर्ग के बच्चों के संपर्क में रहा जाये। कुछ कॉलेज ऑनलाइन भी क्लासेज ले रहे।
हरसंभव प्रयास किया जा रहा कि पढ़ाई में कम से कम लॉस हो। स्कूल के साथ ही साथ
बच्चों की सभी एक्स्ट्रा एक्टिविटी ( कराटे, डांस, सॉकर ) की क्लासेज
बन्द हैं, लेकिन सभी इंस्टीट्यूट बच्चों को ऑनलाइन प्रैक्टिस करा
रहे। इससे यह फायदा हो रहा घर पर बच्चे कुछ नया सीख रहे और बोर भी नहीं हो रहे, लेकिन फिर भी सभी
बच्चें अपने स्कूल, फ्रैंड्स और टीचर्स को मिस कर रहे। हर रोज़ स्कूल जाने
वाले बच्चें आज अपने घरों में बन्द हैं, और हर रोज़ विश कर रहे कि स्कूल जल्दी ओपन हो।
आज के
परिवेश की गंभीरता को देखते हुए सभी मंदिर और चर्च आम लोगों के लिए बन्द कर दिए
गये हैं। कुछ मंदिर पूजा करते हुए ऑनलाइन वीडियो सभी भक्तगणों के बीच शेयर कर रहे।

स्टेट
गवर्मेंट की तरफ से हर रोज़ संक्रमित लोगों की संख्या बताई जा रही, और सभी से अपील की
जा रही कि आप सभी अपने घरों में रहे, सोशल डिस्टेंस बनाये रखें, बिना वजह बाहर ना
जाएं, एक जगह कई लोग
इक्कठा ना हो और दिन में कई बार अपने हाथ अच्छे से धुलते रहे।
इन सब के बीच वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की टीम कोरोना
वायरस के मॉलिक्यूल (molecules) को समझने और उसे ब्रेक करने के प्रयास में लगी हुई है।
यहांँ के एबॉट कंपनी (Abbott
Laboratories) ने दो दिन पूर्व यानी 27 मार्च
को यह बताया किया कि उसने एक ऐसा कोरोना वायरस टेस्ट किट तैयार किया है, जो सिर्फ 5 मिनट
में वायरस का रिपोर्ट बता देगा। जिसको एफ डी ए ने एप्रूव कर दिया हैं। इसका मतलब
इस टेस्ट किट के द्वारा किसी भी व्यक्ति की कोरोना वायरस की रिपोर्ट नेगेटिव है या
पॉजिटिव सिर्फ पांँच मिनट में पता चल जायेगी। अब, बस इंतज़ार हैं, तो बस इस बात का
कि दुनिया के सभी वैज्ञानिक और डॉक्टर मिल कर इस वायरस का परमानेंट इलाज़ ढूंढ़
ले। तब तक हम सबको एकजुट होकर इस बहुत ही सूक्ष्म वायरस, लेकिन बहुत ही
शक्तिशाली वायरस से बच कर रहना हैं, और कोशिश करना है कि अपने आस-पास के लोगों को भी इस
वायरस के बारें में जागरूक करें और इस विश्वव्यापी युद्ध में सबकी जीत सुनिश्चित
करें।
1 टिप्पणियाँ
Brilliant work, beautifully written.
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