Report by-Hripsime Nerisisan,Yerevan (Armenia)

Yerevan(Armenia) । कोरोना वायरस को देश में फैलने से रोकने के लिए अर्मेनियाई सरकार ने 16 मार्च को आर्मेनिया गणराजय में आपातकाल की घोषणा कर दी थी, जिसके तहत नागरिकों को स्वतन्त्रता जैसे अधिकारो पर प्रतिबंध लग गया था । इस दौरान देश की सभी शिक्षण संस्थाओं में पठन-पाठन का काम  भी रोक दिया गया। पता हो कि आर्मेनिया के शिक्षण संस्थानों में दूरस्थ शिक्षा का सर्वाधिक उपयोग होता है । जहां पर शिक्षकों,प्रोफेसर आन लाइन के माध्यम से प्रशिक्षण का आयोजन करते हैं । इस समय यहाँ पर हज़ार से अधिक भारतीय छात्र आध्यनरत हैं । जो अपने देश अभी तक वापस नहीं लौट सके हैं ,जिनकी देख-भाल अर्मेनियाई सरकार कर रही है ।
नेर्सिस्यान ह्रिप्सिमे (अर्मेनिया)


पता हो कि आर्मेनिया में सरकार ने आपातकाल के तहत बीस से अधिक लोगों को एक जगह इकठ्ठा होने पर पाबंदी लगा राखी है , साथ ही सभी सामाजिक ,धार्मिक ,राजनीतिक या सांस्कृतिक के साथ-साथ पारिवारिक कार्यक्रमों पर भी रोक लगी हुई है। केवल इतना ही नहीं यहाँ के लोग घर से बाहर भी नहीं निकल सक रहें हैं ,अगर जरूरी हुआ निकलना तो उन्हें अपना पहचान पत्र साथ रखना आवश्यक होता है ।  
 इस बीच आज (बुधवार,एक अप्रैल ) से देश में सभी रेल व सड़क परिवहनों पर भी पाबंदी लगा दी गई है। एमर्जेंसी में टैक्सी सेवाएँ चलेंगी ,लेकिन उनकी संख्या बहुत कम होगी। उनका उपयोग तभी होगा,जब बहुत आवश्यक हो। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है । इन लाइनों को लिखे जाने तक कोरोना के 532 मामले पाज़िटिव पाये गए हैं । इस बीच  आर्मेनिया के प्रधान मंत्री ने यहाँ की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि 'हमें इस वायरस को फैलने से रोकना है । जिसके लिए आप सभी देशवासियों का सहयोग चाइए। इसके लिए आप सभी भी पहल करें ,ताकि इस महामारी पर नियंत्रण पाया जा सके। 
 ( इस बीच प्रणाम पर्यटन भारत से आर्मेनिया में रह रहे भारतियों से संपर्क करने का प्रयास कर रहा है । जैसे ही उनसे संपर्क होता है ,उनकी बात भी आप तक डट इन के माध्यम से पाहुचने का प्रयास किया जाएगा। - संपादक )