अयोध्या में बनने वाले 'राम मंदिर ' का माडल चित्र । 
प्रणाम पर्यटन ब्यूरो
खनऊ , नई योजना के  मुताबिक राम मंदिर में एक सबसे ऊंचा शिखर होगा जो गर्भ ग्रह के ऊपर बना होगा, जिसकी ऊंचाई पहले 141 फीट थी लेकिन मंदिर के नए डिजाइन को बैलेंस करने के लिए अब उसे बड़ा करके 161 फीट कर दिया गया है । अयोध्या के राम मंदिर का बदला हुआ स्ट्रक्चर कुछ इस प्रकार से होगा। नए प्लान के मुताबिक राम मंदिर में एक सबसे ऊंचा शिखर होगा जो गर्भ ग्रह के ऊपर बना होगा जिसकी ऊंचाई पहले 141 फीट थी लेकिन मंदिर के नए डिजाइन को बैलेंस करने के लिए अब उसे बड़ा करके 161 फीट कर दिया गया है। मंदिर की लम्बाई 310 फीट से बढ़कर अब 360 फीट हो जाएगी और चौड़ाई 160 फीट से बढ़कर 235 फीट हो जाएगी।
इसके अलावा राम मंदिर में पहले दो गुंबद थे जिसकी जगह अब पांच गुंबद होंगे यानी पहले मंदिर में जो दो सभा मंडप थे अब उसकी जगह मंदिर में कुल 5 मंडप होंगे। इनकी संरचना कुछ इस प्रकार होगी। मंदिर का जो पुराना स्ट्रक्चर आपने देखा होगा, उसमें मुख्य शिखर के आगे दो मंडप बने हुए दिखाई देते हैं अब इसके आगे एक और मंडप बनेगा। इसके अलावा शिखर के आगे सबसे पहले बने गूढ़ मंडप के अगल-बगल में दो और मंडप बनाए जाएंगे। इस प्रकार से कुल मिलाकर के 5 मंडप और एक मुख्य शिखर होगा। इसी वजह से नए डिजाइन के हिसाब से मंदिर के स्ट्रक्चर को बैलेंस करने के लिए मुख्य शिखर का एक तल और बढ़ाकर के उसकी ऊंचाई को 161 फीट कर दिया गया है और उसके निर्माण का काम सेकेंड फ्लोर के बाद से शुरू होगा। इसके हिसाब से मंडप की करस्पोंडिंग हाइट में भी कुछ बढ़ावा होगा, इसलिए पहले जो गूढ़ मंडप में गुंबद ग्राउंड प्लस 1 फ्लोर के ऊपर बनना था वह अब ग्राउंड प्लस 2 फ्लोर के ऊपर बनेगा लेकिन मंडप के सेकेंड फ्लोर पब्लिक की एंट्री के लिए खुले नहीं होंगे। वहीं इसकी ऊंचाई 98 फीट होगी। 98 फीट के गूढ़ मंडप के अगल-बगल में 62.5 फीट कीर्तन मंडप और प्रार्थना मंडप ये दोनों मंडप भी ग्राउंड प्लस वन फ्लोर के होंगे।
गूढ़ मंडप के आगे रंग मंडप- 76 फीट का ये ग्राउंड प्लस वन फ्लोर का होगा। उसके आगे यानि मंदिर की एंट्री पर नृत्य मंडप- 56 फीट का इसमें गुंबद ग्राउंड फ्लोर के ऊपर ही बना होगा। शिखर के ग्राउंड फ्लोर पर जहां पर गर्भगृह है, वहां रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी। उसके ऊपर वाले फ्लोर पर राम दरबार की मूर्तियां लगेंगी। ग्राउंड से फर्स्ट फ्लोर पर जाने के लिए सीढ़ियां होंगी, जिनकी चौड़ाई अब बढ़ा कर 6 फीट से बढ़ाकर 16 फीट करने की योजना है। इसके अलावा मंदिर की नक्काशी में कोई खास बदलाव नहीं होगा क्योंकि पहले से जो पत्थर तराशे गए हैं ऐसा बताया जा रहा है कि उसमें 30 सालों से लोगों के संघर्ष की भावनाएं जुड़ी हुई हैं इसलिए उन सभी पत्थरों का पूरी तरह मंदिर के निर्माण के उपयोग में लाए जाने का निर्णय किया गया है, इसलिए उन सभी पत्थरों को मंदिर के निर्माण कार्य में इस्तेमाल किया जाएगा।
 अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर के इस आकार को बढ़ाने से पहले बहुत सारे फैक्टर्स का विश्लेषण किया गया, क्योंकि 30 साल पहले जब यह मंदिर प्लान किया गया था तब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि इस मंदिर में सालाना 5 लाख लोग विजिट करेंगे लेकिन बदले हुए हालात और आज की परिस्थिति को देखते हुए यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है मंदिर में हर रोज एक लाख से ज्यादा लोग विजिट करें इसलिए मंदिर के आकार को आज की परिस्थितियों के हिसाब से डालना जरूरी था।
  इसके लिए देश के सबसे ज्यादा विजिट किए जाने वाले 10 टेंपल की महीनों तक स्टडी की गई। यह मंदिर है सोमनाथ मंदिर, तिरुपति बालाजी मंदिर, अंबाजी मंदिर, अक्षरधाम दिल्ली, काशी विश्वनाथ मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, जगन्नाथ पुरी, बद्रीनाथ मंदिर, गोल्डन टेंपल और सांवलिया जी तीर्थ चित्तौड़गढ़ मंदिरों का एनालिसिस करने के बाद एक मत यह भी आया था कि मंदिर के डिजाइन को बदल दिया जाना चाहिए था लेकिन लोगों की इस मंदिर से जुड़ी हुई भावनाओं को ध्यान में रखते हुए और इस टेंपल के आर्किटेक्ट की टीम द्वारा दिए गए सुझावों को मान रखते हुए फिर इसी डिजाइन को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया।