लखनऊः दिनांकः 08 जुलाई, | राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य, उत्तर प्रदेश सरकार डॉ. नीलकंठ तिवारी द्वारा विश्व बैंक सहायतित उत्तर प्रदेश प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक पर्यटन निदेशालय के सभागार में की गई। समीक्षा बैठक में राज्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश इस कारण महिमामण्डित है कि भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी अधिकांश महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रदेश की धरा पर सम्पन्न हुई हैं, परन्तु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की अवस्थापन सुविधाओं का अभाव होने के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी है। बैठक में डॉ0 नीलकंठ ने सुझाव दिया कि सारनाथ एवं कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विपश्यना केंद्रों की स्थापना की जानी चाहिए, जिससे अधिक से अधिक पर्यटक भगवान बुद्ध की धरती पर आकर शांति प्राप्त कर सकें।  

समीक्षा के दौरान राज्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों के निर्माण कार्य मानक के अनुरूप गुणवत्तापरक कराये जाए, जिससे अगले 50 साल तक वहाँ कुछ कराने की आवश्यकता न हो। उन्होंने कहा कि आगरा एवं ब्रज क्षेत्र में कराए जा रहे कार्यों में लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी निर्माण कार्य में शिथिलता न बरती जाए।राज्यमंत्री ने प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम को निर्देश दिया कि विश्व बैंक सहायतित उ0प्र0 प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजनाओं की माइक्रो स्तर पर समीक्षा स्वयं करें। विश्व बैंक सहायतित उ0प्र0 प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना एक अभिनव परियोजना है। इस परियोजना में प्रदेश के दो प्रमुख पर्यटन क्षेत्रों-आगरा एवं ब्रज के अन्तर्गत पर्यटन विकास सम्बन्धी गतिविधियों के माध्यम से गरीबी-उन्मूलन तथा रोजगार-सृजन करने की योजना है। इसके अन्तर्गत चिन्हित क्षे़त्रों में स्थित पर्यटन स्मारकों/स्थलों पर मूलभूत पर्यटक वाले स्थानीय लोगों के आर्थिक/सामाजिक स्तर के उन्नयन तथा रोजगारपरक अवसर हेतु विभिन्न गतिविधियाँ की जाती हैं।

उक्त परियोजना के अन्तर्गत जनपद-आगरा की दो परियोजनाएं कछपुरा एवं मेहताब बाग क्षेत्र के समेकित पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण, शाहजहां पार्क तथा ताजमहल एवं आगरा फोर्ट के मध्य विशिष्ट पर्यटक मार्ग का निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य तथा जनपद मथुरा की दो परियोजनाएं श्री बांके बिहारी जी मन्दिर क्षेत्र का समेकित पर्यटन विकास,  श्री बांके बिहारी जी मन्दिर को आने-जाने वाली चिन्हित 22 गलियों  के ओवरहेड विद्युत लाइनों को भूमिगत करने का कार्य प्रगति पर है।उपरोक्त के अतिरिक्त उ0प्र0 शासन एवं विश्व बैंक के अनुमोदनोपरान्त परियोजना के अन्तर्गत सारनाथ एवं कुशीनगर के कार्याक्षेत्रो को भी सम्मिलित किया गया है, जिसका एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण कराए जाने की अपेक्षा डॉ0 नीलकंठ तिवारी द्वारा की गई है। बैठक में विशेष सचिव पर्यटन, श्री शिवपाल सिंह तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। (रपट:सुनील कुमार कनौजिया)