प्रयागराज का कर्जन ब्रिज पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित होगा 

(सूचना विभाग,उत्तर प्रदेश,द्वारा)

लखनऊ, 13 जुलाई, उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने प्रेस प्रतिनिधियों के समक्ष अपने विभाग की 100 दिन की कार्ययोजना के अंतर्गत अर्जित की गयी उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि पर्यटन सेक्टर आमदनी एवं रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण जरिया है। इसके साथ ही पर्यटन एवं संस्कृत विभाग की कई योजनाओं के माध्यम से पर्यटन को गॉव तक ले जाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गयी है। उन्होंने बताया कि उ0प्र0 की कानून व्यवस्था पूरे देश में सबसे उत्कृष्ठ हो जाने के कारण कोरोना काल खण्ड के बाद देशी-विदेशी पर्यटकों की उ0प्र0 पहली पसंद बन गया है।

उन्हों ने अपने विभाग की उपलब्धियों को विस्तार से बताते हुए कहा कि  प्रदेश की विभिन्न जनपदों में संचालित पर्यटन विभाग की 170 परियोजनाओं को पूर्ण करने के लक्ष्य के सापेक्ष 172 परियोजनायें पूरी कराई गयी। इसके अलावा लोक संगीत के संरक्षण, संवर्धन एवं पर्यटन विकास हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद का गठन कराया गया। पर्यटन मंत्री ने आगे बताया कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इको पर्यटन विकास बोर्ड के गठन की प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में 100 कक्षों का आधुनिक सुविधायुक्त भव्य भागीरथी अतिथि गृह का  मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश एवं  मुख्यमंत्री  उत्तराखण्ड द्वारा संयुक्त रूप से लोकार्पण किया गया।

श्री सिंह ने बताया कि आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर  11 से 17 अगस्त,  तक पर्यटन निगम द्वारा संचालित सभी राही पर्यटक आवास गृहों में श्रद्धालुओं/पर्यटकों से आवासीय किराया मात्र 75 प्रतिशत चार्ज करने का निर्णय लिया गया है। मथुरा एवं आगरा में पी0पी0पी0 मॉडल पर हेलीपोर्ट संचालन की प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 05 डेस्टिनेशन विकसित करने हेतु केन्द्रीय पर्यटन मंत्री एवं सचिव, पर्यटन मंत्रालय के साथ संयुक्त बैठक में सहमति बनी है। ब्रज पर्यटन परिपथ के समेकित पर्यटन विकास हेतु  केन्द्रीय मंत्री, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के साथ संयुक्त बैठक में सहमति बनी है।

उन्हों ने आगे कहा कि भारतीय नौसेना मंत्रालय, भारत सरकार से नौसेना पोत, आईएनएस गोमती को प्रदेश में लाने का निर्णय लिया गया है। प्रयागराज में ओल्ड कर्जन ब्रिज को गंगा गैलरी/हेरिटेज पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु रेलवे की सहमति प्राप्त की जायेगी। इसके अलावा प्रयागराज की पौराणिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने हेतु प्रयागराज में डिजिटल कुम्भ म्यूजियम की स्थापना से सम्बन्धित कार्यवाही की जा रही है।

संस्कृति विभाग की उपलब्धियॉ को भी गिनाया मंत्री ने 

उन्हों ने इस मौके पर  संस्कृति विभाग की 100 दिन के कार्यकाल में प्राप्त की गयी उपलब्धियों की जानकारी प्रेस प्रतिनिधियों को देते हुए कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अयोध्या शोध संस्थान द्वारा अयोध्या में देश एवं विदेश की प्रसिद्ध रामलीला मण्डलियों द्वारा दिनांक-02 अप्रैल, 2022 से पुनः नित्य रामलीला का पुनः मंचन शुरू करा दिया गया है। श्री सिंह ने बताया कि मगहर में नवनिर्मित संतकबीर अकादमी के विभिन्न भवनों का लोकार्पण किया गया। संतकबीर के प्राकट्य दिवस के अवसर पर वाराणसी में तीन दिवसीय ‘कबीर महोत्सव’ का आयोजन तथा मगहर में दो दिवसीय ‘कबीर महोत्सव’ का आयोजन किया गया। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के अन्तर्गत गुजरात सरकार से सांस्कृतिक आदान-प्रदान हेतु समझौता किया गया। उन्हों ने बताया कि रामनवमी के अवसर पर अयोध्या शोध-संस्थान द्वारा अयोध्या, श्रंृग्वेरपुर प्रयागराज में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराया गया। कबीर अकादमी द्वारा पंडित दीनदयाल विश्वविद्यालय, गोरखपुर में संत कबीर शोध पीठ की स्थापना की गयी। अयोध्या शोध संस्थान द्वारा ‘ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण’ के अन्तर्गत 100 ग्रंथों का प्रकाशन कराया गया।

मंत्री ने आगे बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत चार दिवसीय ‘अमृत संगीत उत्सव’ का आयोजन किया गया। उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी द्वारा 18 मण्डलों में शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया गया। डॉ0 भीमराव आंबेडकर की जयंती पर डॉ0 भीमराव आंबेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ में भारतरत्न बाबासाहेब डॉ0 भीमराव आंबेडकर पर आधारित प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराया गया। इसके अलावा ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल जी के जन्म दिवस के अवसर पर शाहजहांपुर से चौरी-चौरा गोरखपुर तक अमृत यात्रा का  आयोजन संपन्न हुआ तथा भातखण्डे संगीत सम विश्वविद्यालय को भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया।