उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले क्लबों को मिलेगी  10 हजार रुपये की प्रोत्साहन धनराशि 

 बैठक को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री जयवीर  सिंह ,साथ में हैं महानिदेशक पर्यटन मुकेश मेश्राम एवं निदेशक सूचना डॉ शिशिर. 
प्रणाम पर्यटन ब्यूरो

लखनऊ . बीते शुक्रवार 8 जुलाई को उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में युवा टूरिज्म एवं कल्चर क्लब का गठन होगा। इस क्लब में युवाओं को जोड़ते हुए विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां संपादित की जायेंगी। खासतौर से स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के छात्रों को शामिल किया जायेगा। जो क्लब उत्कर्षठ प्रदर्शन करेगा, उसको 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जायेगी। युवा क्लब के कार्यक्रमों के लिए शिक्षण संस्थानों की ऑडिटोरियम का उपयोग किया जायेगा।

पर्यटन मंत्री  गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन में पर्यटन विभाग की उपलब्धियां एवं समय-समय पर प्रमुख सचिव पर्यटन के साथ हुयी बैठकों एवं प्रस्तुतीकरण में लिये गये निर्णयों के अनुपालन की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा टूरिज्म एवं कल्चर क्लब के गठन में जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस क्लब का मुख्य उद्देश्य युवाओं में छिपी प्रतिभाओं को निखार कर उन्हें मंच प्रदान करना है। उन्होंने  विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि संस्कृति विभाग के अधीन आने वाले स्मारक, थीम पार्क, ऑडिटोरियम, ओपन एयर थियेटर आदि को जिला पर्यटन एवं संस्कृति विकास परिषद को सौंप दिया जाये। परिसर इनकी देखरेख, टिकट, मरम्मत आदि का कार्य सम्पादित करेगी और जिससे इन संस्थानों का विभिन्न गतिविधियों के लिए बेहतर उपयोग हो सकेगा, उन्होंने पर्यटन विभाग के अन्तर्गत निर्माणाधीन विभिन्न परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिये।

पर्यटन मंत्री ने आगे कहा कि ग्राम पंचायतों को दिये जाने वाले वाद्य यंत्रों में हारमोनियम, ढोलक, मंजीरा, झाझ एवं घुंघरू शामिल होगा। उन्होंने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वाद्य यंत्रों की गुणवत्ता उच्च कोटि की होनी चाहिए इसमें किसी प्रकार की कमीशनबाजी की कोई जगह नहीं होगी। वाद्य यंत्र अच्छे संस्थानों से खरीदे जाये और इनकी गुणवत्ता की जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि गांव के लोग खाली समय में इसके माध्यम से अपना मनोरंजन करेंगे, साथ ही लोकगीतों का संरक्षण भी हो सकेगा।

लोक संगीत के संरक्षण के लिए ग्रामीण अंचलों मे रहने वाले कलाकारों के पंजीकरण के संबंध में उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि कलाकारों का पंजीकरण पूरी पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित किया जायेगा। पंजीकरण के लिए अधिक से अधिक कलाकार आगे आये, इसके लिए जिलाधिकारियों के माध्यम से जिला सूचना अधिकारी को इसके प्रचार-प्रसार हेतु सामग्री तैयार करके उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 25 करोड़ की आबादी में विभिन्न विधाओं के कलाकार मौजूद है। उनकी संस्कृति विभाग से जोड़कर विभिन्न अवसरों पर प्रदर्शन करने का मौका दिया जाये।

पर्यटन मंत्री ने संस्कृति विभाग के अन्तर्गत आने वाले सभी संस्थानों के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि सभी संस्थान अपनी विभिन्न गतिविधियों को जनपद स्तर तक ले जाये। इनके विभिन्न कार्य जनपदों में भी दिखायी देने चाहिए। इन्होने कहा की सभी संस्थान 31 मार्च तक के लिए प्रस्तावित विभिन्न गतिविधियों का कैलेंडर तैयार करे ले। इसके लिए सभी जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित पर्यटन एवं संस्कृति परिषद से भी समन्वय स्थापित करे। उन्होने गाँव की गौरव गाथा कार्यक्रम मे झांसी की तरह वाराणसी और गोरखपुर को भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शामिल करे।

श्री जयवीर सिंह ने निर्देश दिया कि प्रत्येक जनपद में स्थित पुस्तकालयों एवं संग्रहालयों की सूची भी तैयार की जाये। इन पुस्तकालयों में संस्कृति विभाग की विभिन्न गतिविधियों से संबंधित पुस्तक अनिवार्य रूप से रखी जाये ताकि पाठकगण विभिन्न संस्थानों के माध्यम से की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर सके। उन्होने निर्देश दिये कि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के सभी कार्यक्रमों से संबंधित 31 मार्च तक का कैलेंडर तैयार करे। इसके साथ ही सभी संस्थान अपने-अपने डिग्री कोर्स चलाने पर मंथन करे। आवश्यकता होने पर विजिटिंग फैकल्टी के माध्यम से पठन-पाठन का कार्य शुरू कराये।

श्री जयवीर सिंह ने उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी को फाइन आर्ट का कोर्स संचालित करने के निर्देश दिये उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत कुछ बच्चों को लेकर की जा सकती है। इसके अलावा उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि आजादी का अमृत महोत्सव की थीम पर राजकीय कथक संस्थान, संत कबीर अकादमी, लोक जनजातीय कला एवं संस्कृति संस्थान कार्यक्रम तैयार करे।

प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने संस्थानों को निर्देश दिया कि पठन-पाठन की गतिविधियों एवं अन्य कोर्सों के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों से एमओयू हस्ताक्षरित करे। इसके अलावा हर संग्रहालय बुकलेट छपवाकर संग्रहालय के बारे में पूरी जानकारी दर्शकों तक पहुंचाने का प्रयास करे।

बैठक में प्रबन्ध निदेशक पर्यटन विकास निगम श्री अश्विनी कुमार पाण्डेय, विशेष सचिव संस्कृति श्री आनन्द कुमार सिंह, निदेशक सूचना एवं संस्कृति श्री शिशिर  के अलावा अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।