लखनऊ / मुख्यमंत्री  के निर्देशानुसार पर्यटन विभाग की अधूरी परियोजनाओं की आज गहन समीक्षा करते हुए प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने उन्हें गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जायेगा। इस मामले में लापरवाही एवं उदासीनता बरतने वाली कार्यदायी संस्थाओं एवं संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। उल्लेखनीय है कि  मुख्यमंत्री ने विगत 18 अगस्त को विभिन्न विभागों की अधूरी परियोजनाओं को पूरा न किये जाने पर आक्रोश व्यक्त किया था और उन्हें यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये थे।

पर्यटन मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि पर्यटन क्षेत्र में भारी निवेश की संभावनाओं को देखते हुए भविष्य में सेवा क्षेत्र जैसे होटल, रेस्टोरेन्ट, ट्रांसपोर्ट, टेबल आदि के लिए जमीन की आवश्यकता होगी, इसको दृष्टिगत रखते हुए महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के आस-पास जमीन की व्यवस्था अभी से सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  के विजन के अनुसार ओडीओडी, ऐडवेन्चर, ऐतिहासिक, धार्मिक, इको-टूरिज्म, हेलीपोर्ट, रोपवे, गढ़ी हवेली एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करानी होगी।

पर्यटन मंत्री पर्यटन भवन में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजनाओं एवं विभिन्न सर्किट के अंतर्गत संचालित निर्माणाधीन योजनाओं के प्रगति की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि सेवा सेक्टर का पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान है। प्रतिवर्ष लगभग 20 प्रतिशत की दर से सेवा सेक्टर में बढ़ोत्तरी हो रही है। पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटकों के लिए सर्वाधिक सुरक्षित होने के कारण देशी-विदेश सैलानियों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके अलावा इस सेक्टर में निवेशकों की रूचि बढ़ रही है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि कतर्निया घाट, मिर्जापुर एवं चन्दौली के जल प्रपातों इसके अलावा अन्य पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की ओर दूसरे राज्यों के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं का विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी किसानों  से बात कर निर्धारित दर पर जमीन खरीदने का कार्य तेजी से सुनिश्चित करें। इसके अलावा भारत सरकार एवं राज्य सरकार के पीएसयू के पास भी बेकार पड़ी जमीनों को चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि मण्डल विकास निगम, स्टेट वेयर कारपोरेशन तथा सरकारी अन्य जमीनों की भी पहचान करें। उन्होंने विभिन्न जनपदों में जमीन खरीदने की प्रक्रिया को और तेज करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वाराणसी, गोरखपुर, कुशीनगर, बौद्धिष्ट सर्किट कौशाम्बी, विन्ध्यवासिनी कॉरीडोर, मिर्जापुर तथा अयोध्या कॉरीडोर के लिए भूमि की उपलब्धता यथाशीघ्र सुनिश्चित करायी जाए।

पर्यटन मंत्री ने अयोध्या में निर्माणाधीन परियोजनाओं के निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग किये जाने तथा अधोमानक निर्माण पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि परियोजना प्रबंधक/सहायक परियोजना प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए संबंधित ठेकेदार को काली सूची में डाला जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या भगवान श्रीराम की नगरी होने के कारण इसके दर्शनाथ जापान, यू0के0, यूएस समेत दुनिया भर के श्रद्धालु एवं पर्यटक आते हैं। इससे देश की छवि खराब होगी। उन्होंने अधोमानक निर्माणों को तोड़कर सुधार करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सरकारी धन के बंदरबांट की किसी को अनुमति प्रदान नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्यों में हर स्तर पर पारदर्शिता एवं गुणवत्ता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के मामले में कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने निर्माण परियोजनाओं संबंधित क्लोजर रिपोर्ट 25 अगस्त तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

पर्यटन मंत्री ने विभिन्न सर्किटों में निर्माणाधीन परियोजनाओं के प्रगति की जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा राज्य सेक्टर, जिला सेक्टर एवं मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा स्वीकृत योजनाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा पीपीपी मॉडल पर रोपवे, हेलीपोर्ट के निर्माण की स्थिति पर्यटक आवास गृहों के लीज/पीपीपी मॉडल पर निजी निवेशकों किराया अनुबंध पर दी जाने वाली संपत्तियों के अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा नयी पर्यटन नीति 2023 की लिए प्रस्ताव/सुझाव मागे जाने के भी निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त स्वदेश दर्शन के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इसके अतिरिक्त फर्रुखाबाद के संकिसा, गोरखपुर में स्टेट इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट की स्थापना एवं गोरखपुर गौरव संग्रहालय के निर्माण व चौरी चौरा शहीद स्थल के पर्यटन विकास, इको टूरिज्म, महराजगंज सोहगीबरवा, वन्य जीव अभ्यारण स्थल, उ0प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद, जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव, पूर्ण परियोजनाओं के लोकार्पण की स्थित तथा मुख्यमंत्री की घोषणाओं के सापेक्ष की गई प्रगति की समीक्षा की।

बैठक में  प्रमुख सचिव पर्यटन  मुकेश कुमार मेश्राम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों/मण्डलों में तैनात अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने-अपने क्षेत्र में परियोजनाओं के लिए भूमि की व्यवस्था एवं खरीद की प्रक्रिया में तेजी लाएं, इसके साथ ही निर्माणाधीन परियोजनाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए पूरा करें। उन्होंने चित्रकूट के समेकित पर्यटन विकास के लिए प्रदेश टूरिज्म विभाग के साथ एमओयू हस्ताक्षरित की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा नयी परियोजनाओं जिनके लिए टोकन मनी कार्यदायी संस्थाओं को प्रदान की गयी है। उनका विवरण एवं कार्य प्रारम्भ करने की अद्यतन जानकारी प्राप्त की एवं आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने राजकीय निर्माण निगम, सिंचाई, सीएनडीएस आदि कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कराये जा रहे कार्यों की गहन समीक्षा की एवं समय से पूरा करने के निर्देश दिये। बैठक में विशेष सचिव पर्यटन एवं एमडी श्री अश्वनी कुमार पाण्डेय, उप निदेशक पर्यटन श्री दिनेश, उप निदेशक पर्यटन श्री कल्याण सिंह के अलावा अन्य अधिकारी एवं विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे। (स्रोत : सूचना विभाग ,उत्तर प्रदेश)