प्रणाम पर्यटन ब्यूरो
लखनऊः उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने पर्यटन विकास एवं मा0 मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के क्रियान्वयन से जुड़े विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं तथा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निर्माणाधीन परियोजनाओं के सभी कार्य गुणवत्ता एवं समयबद्धत्ता के साथ आगामी 15 जनवरी, 2023 तक हरहाल में पूरा करें एवं उससे संबंधित हाई रिज्युलूशन फोटोग्राफ एवं क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिन परियोजनाओं के लिए धनराशि आवंटित कर दी गई है उससे जुड़ी टेंण्डर की प्रक्रिया पूरा कराकर निर्माण कार्य जल्द-जल्द शुरू कराया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का प्रयोग करने पर संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जायेगी।
पर्यटन मंत्री आज यहां पर्यटन भवन में विगत अप्रैल, 2022 से अक्टूबर, 2022 तक समय-समय पर आयोजित समीक्षा बैठकों में दिए गए निर्देशों एवं निर्णयों के कार्यान्वयन के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं के प्रोजेक्ट मैनेजर एवं पर्यटन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य शुरू होने से पहले एवं निर्माण के समय आपसी समन्वय बनाकर लोकेशन पर जाकर निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि कुछ कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं को तेजी से पूरा नहीं कर रहे हैं, यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि लम्बित परियोजनाओं एवं अवशेष कार्यों को तत्काल पूरा करा लिया जाये।
जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न धार्मिक पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटकों के लिए स्थापना सुविधाओं से संबंधित योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं के पूरा हो जाने से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी तथा साफ-सुथरा वातावरण मिलने पर प्रदेश की छवि भी देशी और विदेशी शैलानियों के बीच में एक अच्छा संदेश पहुँचायेगी। उन्होंने हर ऐजेन्सी को आवंटित परियोजनाओं की बिन्दुवार समीक्षा की और कमियां पाये जाने पर कुछ एजेन्सियों को अपनी कार्य पद्धति में बदलाव लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उ0प्र0 ने पर्यटन के क्षेत्र में भारी निवेश आने की संभावना है, इससे प्रदेश में पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि निर्मित परियोजनाओं में उच्च गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया जाए।
जयवीर सिंह ने कहा कि कार्य में किसी प्रकार की डुप्लीकेसी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने वृन्दावन में बनी हुई सड़क को दोबारा बनाये जाने की जानकारी होने पर इसकी जांच हेतु मण्डलायुक्त को पत्र लिखने का निर्देश दिया, ताकि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जा सके। उन्होंने महाराजा सुहेलदेव से संबंधित कार्य बसंत पंचमी से पूर्व पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने धनराशि स्वीकृत होने के बाद कार्य में अपेक्षित गति न लाने पर नाराजगी व्यक्त की।
पर्यटन मंत्री ने उ0प्र0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के लिए पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस समिट के दौरान 10 लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है। पर्यटन सेक्टर में भारी निवेश आाने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया एवं जापान से भी पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के लिए प्रतिष्ठित कम्पनियों ने रूचि दिखाई है। इसके लिए पर्यटन विभाग तैयारी शुरू करे। उन्होंने कहा कि पर्यटन सेक्टर के लिए यह सुनहरा अवसर है, इसलिए प्रदेश की क्षमता एवं सामर्थ्य को निवेशकों के समक्ष प्रदर्शित करके अधिक से अधिक निवेश प्राप्त करना है। उन्होंने मा0 मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के अंतर्गत संचालित निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव पर्यटन ने कहा कि अप्रैल, 2022 से लेकर अब तक 194 परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं। लम्बित एवं अवशेष कार्यों वाली परियोजनाओं को शीघ्र ही पूरा किया जाए। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को कार्य में तेजी लाने एवं आवंटित धनराशि का समय से उपयोग करके आवश्यक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कार्यदायी संस्थाएं एवं क्षेत्रीय अधिकारी अपने-अपने अधीन संचालित योजनाओं के सभी कार्य आगामी 15 जनवरी तक पूरा कर लें। जो योजनाएं धरातल पर आकार नहीं ले सकती उनकों निरस्त करके आवंटित धनराशि मुख्यालय को वापस की जाएं।
समीक्षा बैठक में विशेष सचिव पर्यटन श्री अश्वनी कुमार पाण्डेय, महानिदेशक पर्यटन श्री प्रखर मिश्र (आईएफएस), पर्यटन सलाहकार श्री जे0पी0 सिंह, उपनिदेशक श्री दिनेश एवं कल्याण सिंह सहित विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि, क्षेत्रीय अधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे। (स्रोत उत्तर प्रदेश सूचना विभाग )
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