पर्यटन,नमामि गंगे परियोजना का भाग है: जी. अशोक कुमार
प्रणाम पर्यटन ब्यूरो
केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने शुक्रवार 10 फरवरी को यहां उ.प्र. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन आयोजित ’’टूरिज्म लेवरेजिंग द कल्चरल हेरीटेज फार टूरिज्म इन माडर्न एण्ड प्रोग्रेसिव यूपी’’ सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उ.प्र. में शांति, सुरक्षा, समरसता एवं विश्वास का माहौल है। निवेशकों के लिए विभिन्न नीतियों के अंतर्गत छूट की व्यवस्था की गयी है। नये-नये क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उ0प्र0 की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार द्वारा वन ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। उ0प्र0 उत्पादकों के लिए एक बड़ा उपभोक्ता बाजार भी है। देश की अर्थव्यवस्था में उ.प्र. का 08 प्रतिशत योगदान है। इसलिए निवेशक दिल खोलकर यूपी में निवेश के लिए आगे आयें। राज्य सरकार उन्हें हर स्तर पर सुरक्षा एवं सहयोग प्रदान करेगी।
उ.प्र. के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने सभी अतिथियों एवं देश-विदेश से आये निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि बदले परिवेश में उ.प्र. में निवेश के लिए निवेशकों में विशेष रूचि एवं उत्साह दिखाया है। जिसके फलस्वरूप अब तक 33 लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित हो चुके हैं। अकेले पर्यटन विभाग ने 01 लाख 17 हजार करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर करने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि जिस गति से निवेशक उ0प्र0 को लेकर उत्साहित हैं, उससे साफ है कि उ.प्र.एक दिन हिन्दुस्तान का पहला राज्य बनेगा।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि योगी जी के नेतृत्व में नया उ.प्र. निवेशकों के स्वागत के लिए तैयार है। उनका निवेश पूरी तरह से सुरक्षित एवं संरक्षित है। नये उ.प्र. में सुरक्षा की पूरी गारंटी है। नये उ0प्र0 में बेहतर कनेक्टिविटी, उभरता हुआ पर्यटन एवं विभिन्न सांस्कृतिक सभ्यताओं का समागम है। नयी पर्यटन नीति में निवेशकों के लिए 20 प्रतिशत की सब्सिडी की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि पर्यटन में अब तक जो निवेश प्राप्त हुआ है, उससे उ.प्र.की तस्वीर बदल जायेगी और लगभग 04 लाख से अधिक नागरिकों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन का तेजी से विकास एवं पर्यटकों को सुखद अनुभव प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, रामायण सर्किट, बुन्देलखण्ड सर्किट, ब्रज सर्किट, महाभारत सर्किट, जैन सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट और क्राफ्ट सर्किट के साथ प्रदेश के व्यंजन, हस्तशिल्प एवं ओडीओपी उत्पाद विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रहे हैं। अयोध्या, काशी, प्रयागराज, मथुरा, वृन्दावन, बरसाना, कुशीनगर, श्रावस्ती, सारनाथ जैसे विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। इन स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मौजूद हैं। वर्ष 2017 के बाद उ.प्र. के बदले माहौल में देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष-2023 के बाद अयोध्या में करोड़ों पर्यटकों का आना-जाना होगा। इससे होटल, रेस्टोरेन्ट, ढाबा, ट्रैवल एजेन्सी, बुकिंग एजेन्ट आदि के लिए प्रचुर मात्रा में व्यवसायिक गतिविधियाॅ सुलभ होंगी। उन्होंने निवेशकों का आवाहन किया कि उ0प्र0 आयें और यहा की सुविधा एवं आतिथ्य सत्कार का लाभ उठायें।
सुश्री विद्यावती डीजी ए.एस.आई. ने कहा कि उ.प्र. में विभिन्न संस्कृतियों एवं आध्यात्म का केन्द्र है। उ.प्र. पूरी तरह बदल चुका है। जिसके कारण पिछले वर्ष रिकार्ड संख्या में पर्यटक उ.प्र. आये। उन्होंने बड़े शहरों के अलावा अछूते स्थलों को भी पर्यटन मैप पर लाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भीतरगाव कानपुर के गुप्तकाल के मंदिर, देवगढ़, हस्तिनापुर, मेरठ के मंदिरों की अनोखें बनावटें एवं अनूठी स्थापत्य कला के कारण पर्यटकों को आकर्षित करने की अद्वितीय क्षमता है। उन्होंने निवेशकों से अनछुए क्षेत्रों को भी अपनी प्राथमिकता में शामिल करने का सुझाव दिया। जी. अशोक कुमार, डीजी नमामि गंगे ने गंगा बेसिन में प्राकृतिक खेती, श्री अन्न का उत्पादन, योगा के अलावा नदियों से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन नमामि गंगे परियोजना का भाग है। प्राकृतिक खेती के विभिन्न उत्पादों को नमामि गंगे ब्रांड के रूप में लोकप्रिय बनाया जा सकता है।
पैनल सत्र को श्री संजय बंदोपाध्याय चेयरमैन इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी आफ इंडिया, श्री संतोष कुट्टी चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर महिन्द्रा हॉलीडे रिजॉर्ट, श्री एम.एल. श्रीवास्तव एसीएस पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन सिक्किम गंगटोक, डा. ज्योत्सना सूरी सीएमडी, ललित सूरी हास्पेटिलटी ग्रुप, सुश्री सोनिया कृपलानी, अन-नोन प्लेनेट आफ इंडिया, मुम्बई ने भी उ.प्र. के बदले परिवेश में निवेशकों से निवेश करने की बात कही। इन वक्ताओं ने कहा कि उ.प्र.प्राकृतिक सम्पदाओं की धरती है। यहां 12 पर्यटन सर्किट विकसित किये गये हैं। ईको एवं वेलनेस टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। निवेशकों को इसका लाभ उठाना चाहिए।
सत्र के अंत में प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम ने उ.प्र. में निवेश की विभिन्न सम्भावनाओं, नये क्षेत्रों, बदले हुए परिवेश, बेहतर कनेक्टिविटी, नई पर्यटन नीति-2022, अवस्थापना सुविधाओं का विकास के बारे में निवेशकों को जानकारी दी। इस अवसर पर भारत सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, उ.प्र. पर्यटन विभाग के विशेष सचिव श्री अश्वनी पाण्डेय, महानिदेशक पर्यटन श्री प्रखर मिश्र सहित बड़ी संख्या में देशी-विदेशी निवेशक मौजूद थे।
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