डॉ राजेश वर्मा ,लखनऊ

18 जुलाई से शुरू हुए मलमास का मेला 16 अगस्त को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मलमास के समय बिहार के राजगीर 33 करोड़ देवी देवता यहां आकर निवास करते हैं। राजगीर का धार्मिक और ऐतिहासिक काफी महत्व है। आइए जानते हैं मलमास के दौरान लगने वाले राजगीर मेले का महत्व यह है कि  मलमास में यहां 33 करोड़ देवी देवताओं का निवास होता है । श्रद्धालु  गाय का पूंछ पकड़कर नदीं को करते हैं । राजगीर में भगवान विष्णु की शालीग्राम के रूप में पूजा की जाती है। यहां पर ब्रह्मकुंड व सप्तधाराओं में स्नान का विशेष महत्व है। मलमास में कोई भी मांगलिक व शुभ कार्य का आयोजन नहीं किया जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु का ध्यान व जप तप करने का अधिक फल मिलता है।

पिंडदान का है विशेष महत्व

मलमास के दौरान जिनका निधन हो जाता है, उनका पिंडदान केवल राजगीर में ही होता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए यहां पिंडदान, तर्पण विधि और श्राद्ध कर्म वैतरणी नदी पर किए जाते हैं। हिंदू धर्म में वैतरणी नदी का विशेष महत्व है। पौराणिक धर्म ग्रंथों में खासकर राजगीर के पुरुषोत्तम मास मेले में भवसागर पार लगाने वाली नदी वैतरणी का महत्वपूर्ण उल्लेख मिलता है।

पापों से मिलती है मुक्ति

राजगीर की परंपरा के अनुसार, पुरुषोत्तम मास मेले के दौरान गाय की पूंछ पकड़कर वैतरणी नदी पार करने पर मोक्ष व स्वर्ग की प्राप्ति होती है और व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। वहीं जाने अनजाने में हुए पाप से मुक्ति के साथ-साथ सहस्त्र योनियों मे शामिल नीच योनियों से भी मुक्ति मिल जाती है।

राजगीर का है धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

पौराणिक वैतरणी नदी का इतिहास काफी गौरवमयी व समृद्धशाली रहा है। मलमास मेले के दौरान भारत के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु यहां गर्म कुंड के साथ साथ वैतरणी नदी में स्नान करते हैं। पुरोहित यहां एक माह तक गाय के बछड़ा को लेकर रहते हैं। राजगीर का धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों ही महत्व है। राजगीर कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। साथ ही मौर्य साम्राज्य का उदय भी यहीं से हुआ था। राजगीर में वैतरणी नदी के अलावा 22 कुंड और 52 धाराएं भी हैं।

राजगीर मलमास मेला में आधुनिक सुविधाओं से युक्त वीआईपी टेंट सिटी

राजकीय राजगीर मलमास मेला में पर्यटन विभाग, बिहार द्वारा स्टेट गेस्ट हाउस मैदान में वीआईपी टेंट सिटी बनाया गया है।इसमें कुल 25 अलग-अलग टेंट कॉटेज बनाये गए हैं। प्रत्येक टेंट में डबल बेड की सुविधा है। पूर्णतः वातानुकूलित प्रत्येक टेंट में अटैच्ड शौचालय एवं बाथ रूम की व्यवस्था है। सभी टेंट में बैठने के लिए अलग से लाउन्ज रूम भी बनाये गए हैं।कोई भी श्रद्धालु/पर्यटक मलमास मेला की अवधि में 1000 रुपये (दो व्यक्तियों के लिए) के भुगतान के आधार पर इसका उपयोग कर सकते हैं। (Information & Public Relations Department, Government of Bihar & Bihar Tourism Foundation Bihar Tourism)