दिल्ली , कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, और उत्तर प्रदेश से पर्यटक पहुंच रहे हैं पर्यटक 

प्रणाम पर्यटन ब्यूरो 

 जयपुर, राजस्थान में घरेलु पर्यटकों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में 394 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राज्य में पर्यटन सीजन की अवधारणा लगभग खत्म हो चुकी है। यहां पर अब वर्ष पर्यन्त पर्यटक की मौजदूगी ने राजस्थान पर्यटन को गुलजार कर रखा है। 

इस सप्ताह से लेकर 15 अगस्त तक एक लंबा वीक एण्ड पर्यटकों के रोमांच को बढ़ाने में सहायक साबित हुआ है। आलम यह है कि जयपुर, उदयपुर और माउन्ट आबू सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर केवल अग्रिम बुकिंग करवाने वालों को ही जगह मिल सकेगी। इन पर्यटन स्थलों पर न तो वाहन उपलब्ध हैं और न वाहन। 

पर्यटन विभाग के उपनिदेशक दलीप सिंह राठौड़ का कहना है कि पर्यटकों को य़ह अपनी आदत बना लेनी चाहिए की जब भी वे किसी भी स्थान के लिए अपनी पर्यटन यात्रा सुनिश्चित करें तो इससे पहले वे अपनी यात्रा को प्लान करें क्योंकि बिना प्लानिंग के आपको यात्रा का आनंद नहीं मिल सकता। जहां तक राजस्थान की बात है कि राजस्थान पर्यटन इन दिनों पर्यटकों को ध्यान मे रखते हुए नए सर्किट बना रहा है। प्रदेश में इन दिनों धार्मिक पर्यटन बेहद बढ़ा है क्योंकि राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सर्वधर्म सम्भाव तीर्थ सर्किट बनाया गया है।

राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूअर ऑपरेटर्स( राटो)  के आला पदाधिकारियों मानें तो उनका कहना है कि राजस्थान में घरेलु पर्यटकों  अग्रिम बुकिंग करवाने के बाद ही प्रदेश का रुख करना चाहिए अन्यथा उन्हें यहां आने के बाद परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

राटो के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार राजस्थान में इन दिनों कर्नाटक (बेंगलूरू), पश्चिम बंगाल, गुजरात( सूरत व अहमदाबाद) सहित दिल्ली व दिल्ली (एनसीआर) व उत्तरप्रदेश से घरेलु पर्यटक खासी संख्या में आ रहे हैं, स्वतंत्रता दिवस तक एक लंबे वीक एण्ड ने पर्यटकों को मानो पंख लगा दिए हैं। महेंद्र सिहं के अनुसार वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के केंद्र सरिस्का (अलवर) व रणथम्भौर ( सवाईमाधोपुर), उदयपुर, कुम्भलगढ़, माउन्ट आबू सहित रणकपुर में इन दिनों खासी संख्या में घरेलू पर्यटक मौजूद हैं। 

एक्सोटिक टूअर्स एण्ड ट्रेवल के निदेशक देवीपाल सिंह के अनुसार गुजरात से आने वाला पर्यटक माउन्ट आबू, उदयपुर, कुम्भलगढ़ के साथ ही पाली के जंवाई बांध और जंवाई लेपर्ड सेंचुरी की ओर रूख कर रहा है  तो वहीं दिल्ली से राजस्थान का रुख करने वाले सरिस्का, रणथम्भौर, शेखावाटी ( झुंझुनू, मंडावा, अलसीसर, बीकानेर और चूरू) की ओर घूमने जा रहे हैं। वहीं जयपुर शहर से उदयपुर और रणकपुर के लिए लगातर बुकिंग हो रही हैं। उत्तर प्रदेश से आने वाला पर्यटक भरतपुर और दौसा (आभानेरी) सहित रणथम्भौर की ओर जा रहा है। 

 दुनिया में सबसे पसंदीदा शहरों की सूची में दूसरा स्थान पाने वाले उदयपुर का आलम तो यह है कि उदयपुर में केवल इस लंबे वीक एण्ड ही नहीं दिसम्बर और जनवरी तक के लिए एडवांस बुकिंग हो चुकी हैं। उदयपुर को अपने ट्रेवल प्लान में शामिल करने से पहले पर्यटकों को राजस्थान पर्यटन सेवा केंद्र सहित होटल्स सहित ट्रेवल प्लानर के साथ पूरी प्लानिंग करने बाद ही यहां का  रुख करना चाहिए। 

इन्ट्रेक्टेड टूअर टू इंडिया प्रा.लि. के निदेशक दिलीप सिंह चौहान के अनुसार पर्यटकों को अब राजस्थान आने से पहले ही  अपने टूअर को वैलप्लान करना होगा, जिससे अनकी यात्रा सुखद रहे क्योंकि राजस्थान में अब महज पर्यटक स्थल पर पहुंचने से ही आपका मकसद पूरा नहीं होगा क्योंकि आपको होटल में रूम भी चाहिए, पर्यटक वाहन भी चाहिए जो अगर  समय से उपलब्ध नहीं हो सकें तो आपका मजा किरकिरा हो सकता है। चौहान के अनुसार ऐसा नहीं है कि राजस्थान में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी है, ऐसा पर्यटक बिल्कुल नहीं सोचें क्योंकि अगर ऐसा होता तो कोरोना काल से लेकर अब तक राजस्थान में घरेलु और विदेशी पर्यटकों की संख्या में बेहतहाशा वृद्धि क्यों होती। चौहान का कहना है कि पर्यटक अगर अपने ट्रेवल को प्लान करके, .यात्रा करेंगे तो उनकी यात्रा का आनंद दो गुना हो जाएगा क्योंकि राजस्थान पर्यटन तो हमेशा अपने पर्यटकों को कहता है पधारो म्हारे देस....जो राजस्थान पर्यटन का स्लोगन भी है।