लखनऊ ब्यूरो अयोध्या में पर्यटन को ग्लोबत स्तर पर विकसित करने के लिए यूपी की योगी सरकार प्रयासरत है। इसी के चलते पर्यटकों की अयोध्या यात्रा को यादगार बनाने के चलते अयोध्या के गुप्तार घाट के समीप सरयू नदी के निकट 75 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में श्रीरामचरित मानस' अनुभव केंद्र विकसित करने का फैसला लिया गया है। अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा इसे विकसित किया जाएगा। अयोध्या के आयुक्त गौरव दयाल के मुताबिक अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या आने जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। इसी के मद्देनज़र वर्तमान सरकार द्वारा विभिन्न विकास कार्य कराए जा रहे हैं। श्री रामचरितमानस अनुभव केंद्र के विकास के लिए प्राधिकरण द्वारा टेंडर के माध्यम से वाराणसी की अभियंत्रण मानक एजेंसी का चयन किया गया है। इसमें प्राधिकरण द्वारा खुद का धन नहीं व्यय करना होगा। बल्कि प्राइवेट एजेंसी द्वारा ही निवेश किया जाएगा। राम चरित मानस अनुभव केन्द्र में श्रीराम के जीवन चरित्र के साथ ही उनके जन्मस्थान अयोध्या के साथ ही उत्तर प्रदेश की संस्कृति, विरासत एवं परंपरा का अनुभव कराएगी। इस अनुभव केन्द्र के अन्तर्गत 100 टेंट की टेंट सिटी के साथ ही राम दरबार,धार्मिक हाट, टायलेट ब्लाक,लैंडस्केप जोन,ओपन सीटिंग, श्री राम जल समाधि स्थल, लोक नृत्य स्टेज, म्यूजिक स्टेज, रामलीला, इंटरटेनमेंट, सिटिंग प्लाजा, अंब्रेला सेंड सेटिंग, गेस्ट रूम, ओपन एयर थिएटर, हियरिंग, कलाग्राम, श्री राम जाप पथ, ध्यान गुफा,योगा क्षेत्र, फूड कोर्ट सहित अन्य सुविधाएं होंगी। वॉटर स्पोर्ट्स की भी व्यस्था की जाएगी। आपको बता दें कि ये सभी निर्माण पूर्णतया अस्थायी होंगे। इसमें 16x16 फिट के टेंट लगाये जायेंगे ।
अयोध्या, काशी, प्रयागराज, मथुरा और चित्रकूट के लिए चलेंगे इलेक्ट्रिक बसें इस बीच प्रदेश सरकार ने राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना तैयार की है जिसके तहत अब अयोध्या, काशी, प्रयागराज, मथुरा और चित्रकूट के लिए इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। इनके चलने से उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों तक लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप परिवहन निगम ने प्रथम चरण में अपने बस बेड़े में ढाई सौ इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए भारत सरकार की फेम टू स्कीम के तहत मिलने वाले 40% अनुदान के लिए पत्र भेजा है। भारत सरकार ने इस संबंध में विचार करने के लिए अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। परिवहन निगम केपेक्स मॉडल पर आधारित व्यवस्था के तहत इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बसें चलाएगा। प्रबंध निदेशक परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि प्रदेश सरकार एवं परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह के निर्देश के अनुपालन में परिवहन निगम के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ाने की योजना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की मंशा प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे अयोध्या काशी प्रयागराज मथुरा चित्रकूट को प्रदेश की राजधानी से इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से सीधे जोड़ना है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर के मुताबिक इलेक्ट्रिक बसें प्रदूषण मुक्त पर्यावरण हितैषी होने के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी किफायती हैं। इसी क्रम में सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प के चलते पर्यावरण के अनुकूल प्रदूषण मुक्त बसों का संचालन करने का फैसला लिया है। सरकार ने यात्रियों के बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का निर्णय लिया है।
अब राममय होगा लखनऊ-अयोध्या हाइवे का नज़ारा खबर है कि अयोध्या में हो रहे भव्य राम मंदिर निर्माण के चलते अब अयोध्या हाइवे को भी संवारा जाएगा। जिसके चलते राजधानी से अयोध्या जाने वाले रामभक्तों की राह आसान होगी। हाइवे के सौंदर्यीकरण का प्लान बनाया गया है। अयोध्या हाईवे की मरम्मत और सौंदर्यीकरण के लिए एनएचआई ने 446 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है। हाईवे को इस तरह संवारा जाएगा कि यात्रा सुगम होने के साथ ही पूरा मार्ग राममय नजर आए। इसके लिए अलग-अलग जगहों पर अयोध्या के ऐतिहासिक महत्व और राममंदिर से जुड़े प्रतीक भी लगाए जाएंगे। इस हाइवे पर टूटे डिवाइडर ठीक किए जाएंगे और सड़क पर डामर की मजबूत मोटी परत बिछाई जाएगी। अयोध्या रोड, कमता, चिनहट, मटियारी, चौराहा, तिवारीगंज, सहित कई जगहों पर हाईवे की हालत खस्ता हाल है जिससे वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि इसी महीने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर सितंबर में काम शुरू कराने की तैयारी है। 2024 की शुरुआत में काम पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है। 113 किमी लंबे लखनऊ-अयोध्या 4 लेन हाईवे (एनएच 27) को नए सिरे से बनाने के अलावा डिवाइडर और साइड पटरी को भी ठीक कराया जाएगा। लखनऊ से अयोध्या के बीच विशेष रूप से तैयार साइनेज भी लगाए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि जनवरी के चौथे सप्ताह में नवनिर्मित राममंदिर परिसर में रामलला के दर्शन शुरू हो सकते हैं। इससे पहले ही हाइवे को ठीक करने का काम पूरा करना है। इसके लिए लिए पूरे काम को दो भागों में बांटा गया है। पैकेज-1 का काम लखनऊ से अयोध्या के बीच 60 किमी और पैकेज-2 का काम 53 किमी में कराया जाएगा। इसके लिए दो अलग-अलग कंपनियों को काम दिया जा सकता है।काम पूरा करने का समय भी अधिकतम छह महीने ठेकेदार कंपनी को दिया जाएगा। हाईवे संवरने के बाद लखनऊ के मटियारी से अयोध्या बाईपास को जोड़ने का काम होगा। अयोध्या बाईपास को छह लेन बनाने का काम एनएचएआई पहले ही शुरू करा चुका है।