जहाँ मिलेगी सभी प्रसिद्ध मंदिरों की जानकारी
प्रणाम पर्यटन ब्यूरो /लखनऊ / अयोध्या, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को ग्लोबल पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने तथा राम मंदिर परिसर में ही संग्रहालय बनाने के निर्देश दिए हैं। जिससे राम मंदिर के साथ ही देशभर के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी ग्लोबल स्तर पर उपलब्ध हो सके।अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के साथ ही योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यहां विशेष संग्रहालय का निर्माण कराया जाएगा। इसकी तैयारी की जा रही है। इसमें देशभर के बड़े मंदिरों के इतिहास वास्तुकला तथा उनके बारे में तमाम जानकारियों को एक मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा। पर्यटन विभाग द्वारा संग्रहालय के निर्माण को लेकर विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है। संग्रहालय को 12 दीर्घाओं में विभाजित किया जाएगा। यह दीर्घाएं मंदिरों के वैज्ञानिक और दार्शनिक पहलू के साथ ही कर्म और श्रद्धा की भावना भी जगायेंगी। गौरतलब है कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है। सनातन धर्म किसी एक विशेष समुदाय तक सीमित नहीं है। यह एक व्यापक विचारधारा वाली समझ है। ऐसे पूजा आराधना अपने इष्ट से जुड़ने के कई मार्ग हैं। भारत के कोने कोने में फैले असंख्य मंदिरों के जरिए सनातन धर्म और इसकी विविधता को सदियों से अभिव्यक्ति मिलती रही है। उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक वास्तुकला की दृष्टि से भारतीय मंदिर बेजोड़ माने जाते हैं। इसीलिए प्रेदेश सरकार ने अयोध्या में इस संग्रहालय के निर्माण का फैसला किया है। संग्रहालय के बनने के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं को श्री राम मंदिर के साथ-साथ संग्रहालय में मौजूद देश के सबसे बड़े मंदिरों के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सकेगी। इसके साथ ही युवा पीढ़ी को मंदिरों की उपयोगिता के बारे सरकार बताएंगी।
उधर दूसरी तरफ अयोध्या में बन रहे प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर की कुछ ताजा तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें आप साफ देख सकते हैं कि भगवान राम के मंदिर के भूतल के बाद प्रथम तल ने भी आकार लेना शुरू कर दिया है। प्रथम तल पर खड़े हुए खंभों की ऊंचाई लगभग 10 फीट के आसपास है। इन तस्वीरों को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। आपको बता दें कि राम मंदिर का निर्माण बड़ी तेजी के साथ किया जा रहा है। मंदिर को 2024 तक तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण की बात की जाए तो भूमि भूजन के बाद से ही मंदिर निर्माण का काम बड़ी तेजी के साथ चल रहा है। लेकिन जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है मंदिर के निर्माण में और तेजी देखी जा रही है। ग्राउंड फ्लोर का ढांचा बनकर तैयार है होने के बाद फर्स्ट फ्लोर का निर्माण तेजी से करवाया जा रहा है। प्रथम तल ने भी आकार लेना शुरू कर दिया है। प्रथम तल पर खड़े हुए खंभों की ऊंचाई लगभग 10 फीट के आसपास है। आपको बता दें कि ग्राउंड फ्लोर पर प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इस तल के ढांचे के निर्माण के बाद अब उसके खंभों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरने के साथ ही फर्श और बिजली की सजावट का काम होना है। मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना होनी है। वहीं दूसरे तल को ऊंचाई के लिए अभी बनाया जाएगा। इस पर किस देवी देवता की मूर्ति की स्थापना की जाएगी ये अभी तय नहीं किया गया है। लेकिन मंदिर निर्माण तय समय में हो जाए इसके लिए समय-समय पर कारीगरों और कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि राम मंदिर का भूतल 170 खंभों पर खड़ा है। इसमें देवी-देवताओं की खूबसूरत नक्काशी की जा रही है, क्योंकि यह नक्काशी महीन है, इसलिए इसे पहले से इन खंभों पर नहीं किया जा सकता था। इसके अलावा मंदिर की दीवारों और छतों पर भी खूबसूरत नक्काशी की गई है। सफेद मार्बल से बने गर्भगृह की दीवारों और छत पर खूबसूरत और बारीक नक्काशी दिखाई देगी। मंदिर का गर्भगृह सफेद संगमरमर के 6 खभों पर टिका है जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंड स्टोन के हैं। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में उनके जन्मोत्सव के समय यहीं पर दोपहर में 12:00 बजे सूर्य की किरण कुछ देर के लिए रामलला के ललाट पर पड़ने वाली है। यह दृश्य बड़ा ही अद्भुत होगा। यही वह स्थान है जहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था। इसी गर्भगृह की नक्काशी युक्त छत के नीचे भव्य सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे। आपको बता दें कि यूपी की योगी सरकार अयोध्या के पूरे क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हुए विकसित कर रही है। जिसके लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। अयोध्या का विकास इस प्रकार से किया जा रहा है कि यहां आने वाले पर्यटकों को एक अद्भुत एहसास हो सके।