बत्तीसी बावड़ी सुगम पहुंच मार्ग भारतीय पुरातत्व की अनदेखी का शिकार
मजीद खां पठान / चंदेरी मध्य प्रदेश/ बात यह नहीं है कि है कि बत्तीसी बावड़ी पहुंच मार्ग का निर्माण मध्यप्रदेश राज्य गठन दिनांक 01 नवंबर 1956 ईस्वी से लेकर आज तक क्यों नहीं हो पाया है। बात यह भी नहीं है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) द्वारा 1956 ईस्वी में राष्ट्रीय महत्व का घोषित स्मारक बत्तीसी बावड़ी का ऊबड़-खाबड़ पहुंच मार्ग रास्ता पर आज तक पक्का निर्माण तो दूर की बात है मुरमीकरण भी नहीं हो सका है।सोचने और समझने वाली बात यह है कि पहुंच मार्ग निर्माण संदर्भ में दिसंबर 2014 ईस्वी से प्रारंभ हुई शासकीय प्रक्रिया पूर्ण कब होगी विचारणीय हैं। क्या शासकीय प्रक्रिया पूर्ण होने की कोई समय सीमा तय हैं ? या फिर यूं ही चंदेरी पर्यटन हेतु आवश्यक बुनियादी सुविधाओं को दरकिनार अथवा नजर अंदाज कर संबंधित विभाग सार्वजनिक समस्या का निराकरण न करते हुए आपस में ही एक दूसरे के मध्य पत्राचार करते हुए अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान्य करते रहेंगे । नौ वर्ष व्यतीत उपरांत स्थिति जस की तस बनी रहना अत्यंत दुखदाई है।
गौरतलब बात यह भी है कि 2014 ईस्वी से प्रारंभ शासकीय प्रक्रिया अंतर्गत एक बार नहीं अनेक बार संबंधित विभागों से लिखित और मौखिक निवेदन किया जाता रहा है बदले में हर बार प्राप्त आश्वासन रूपी ऑक्सीजन ने हमारी उम्मीदों को अभी तक जीवित रखा है। बातों की बात यह है कि पहुंच मार्ग निर्माण हेतु हर बार की तरह एक बार फिर से ध्यान आकर्षित करते हुए आवेदन पत्र दिनांक 15/06/ 2023 श्रीमान प्रमुख सचिव महोदय पर्यटन विभाग मध्य प्रदेश शासन भोपाल, श्रीमान प्रबंध संचालक महोदय मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम भोपाल, श्रीमान प्रबंध संचालक महोदय मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड भोपाल, श्रीमान अनुविभागीय अधिकारी महोदय चंदेरी एवं श्रीमान मुख्य नगर पालिका अधिकारी महोदय चंदेरी को प्रेषित किए गए। खूबसूरत बात यह रही कि मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड भोपाल द्वारा उक्त आवेदन पत्र संज्ञान में लेते हुए अपर प्रबंधक संचालक महोदय मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 5940/ योजना/ एम.पी.टू. बो./ 2023 दिनांक 13/09/ 2023 मय हमारा आवेदन पत्र दिनांक 15/ 06/2023 छाया प्रति अधीक्षण पुरातत्वविद् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) भोपाल मंडल, भोपाल को आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित कर आवेदक को अवगत कराने का उल्लेख किया गया।
अधीक्षण पुरातत्वविद् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) द्वारा उक्त शासकीय पत्र का उत्तर अपर प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड भोपाल को प्रेषित करते हुए पत्र क्रमांक चंदेरी/ जन/ सब सर्किल /1/17/ स्मा- 2363 भोपाल, दिनांक 20/09/2023 पत्र प्रतिलिपि आवेदक को प्रेषित की गई। अधीक्षण पुरातत्वविद् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) भोपाल मंडल, भोपाल द्वारा प्रेषित प्रतिलिपि पत्र के माध्यम से ज्ञात हुआ की अपर प्रबंधक संचालक मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड भोपाल को जारी पत्र में साफ-साफ उल्लेखित किया गया है कि- "भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का मुख्य कार्य राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक का संरक्षण, सुरक्षा व संवर्धन करना है। स्मारकों तक पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य स्थानीय प्रशासन अथवा अन्य संबंधित संस्थाओं से संबंधित है। चूंकि उल्लेखित स्मारक वन परिक्षेत्र में स्थित है। अतः उक्त स्मारक पर पहुंच मार्ग निर्माण के लिए स्थानीय प्रशासन के अतिरिक्त वन विभाग से भी अनुमति आवश्यक है, किंतु उक्त पहुंच मार्ग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आधिपत्य में नहीं है।"
अब देखने वाली बात यह है कि उक्त पत्र प्राप्ति उपरांत मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड भोपाल इस दिशा में क्या आगामी प्रक्रिया अपनाता हैं या फिर पूर्व की भांति वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, राजस्व विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) एवं स्थानीय नगरीय निकाय में आपसी शासकीय पत्राचार चलायमान बना रहेगा और चंदेरी पर्यटन बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहते हुए यूं ही संघर्ष करता रहेगा। सौ बात की एक बात यह है की बत्तीसी बावड़ी वन विभाग सीमा में स्थित होकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) का संरक्षित स्मारक है। पहुंच मार्ग का अधिकांश भाग वन विभाग एवं शेष भाग राजस्व विभाग सीमा अंतर्गत है। बावड़ी और पहुंच मार्ग नगरीय निकाय सीमा अंतर्गत है, और हम अपनी सीमा अंतर्गत चंदेरी पर्यटन हित में आवेदन पत्र के माध्यम से निरंतर गुहार लगा रहे हैं। याद रखना होगा की बत्तीसी बावड़ी पहुंच मार्ग निर्माण हेतु अभी तक दर्जनों शासकीय-गैर शासकीय पत्रों का आदान-प्रदान हो चुका है। इसी क्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल से प्राप्त पत्र का हवाला देते हुए पुनः एक आवेदन पत्र श्रीमान अनुविभागीय अधिकारी महोदय एवं श्रीमान मुख्य नगर पालिका अधिकारी महोदय चंदेरी को प्रेषित कर चंदेरी पर्यटन एवं सार्वजनिक हित में आवश्यक कार्यवाही किए जाने का निवेदन इस आशा और विश्वास के साथ किया है कि चंदेरी पर्यटन को जल्दी से जल्दी यह सौगात प्राप्त होगी। एक दिन तो गुजरिए चंदेरी में