विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने स्पिरिचुअल ट्रायंगल पर किया फोकस
प्रयागराज | लखनऊ|उत्तर प्रदेश पर्यटन की ओर से कुंभ मेला प्राधिकरण के सहयोग से एक जून को सिविल लाइंस स्थित रामा कैंटिनेंटल में महाकुंभ पर टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत,कुंभ मेलाधिकारी विजय आनंद, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया और अरुणा शेट्टी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कुंभ मेलाधिकारी ने कहा कि प्रयागराज में कुंभ—महाकुंभ ही नहीं बल्कि हर बड़ी संख्या में पर्यटक आएं। इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने महाकुंभ की तैयारियों का खाका पेश किया। कहा कि प्रयागराज को अयोध्या और काशी के टूर पैकेज के साथ जोड़ा जाना चाहिए। प्रयागराज को तीर्थराज कहा जाता है। यहां महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक—आध्यात्मिक स्थल हैं। पर्यटन विभाग की ओर से इन स्थलों का विकास किया जा रहा है। साथ ही पर्यटक सुविधाएं भी विकसित की जा रही है। रेल, रोड और एयर कनेक्टिविटी अच्छी है। यहां बारहों महीने बड़ी संख्या में पर्यटक आएं इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने कहा कि महाकुंभ विश्व का बड़ा सांस्कृतिक आयोजन है और प्रयागराज विश्व का बड़ा मेजबानी करने वाला तीर्थ स्थल है। पर्यटन विभाग द्वारा विभिन्न धार्मिक—आध्यात्मिक स्थलों का विकास किया जा रहा है। जिले में ऐसे अनेक सुंदर स्थल हैं जो कम ज्ञात हैं। इनका प्रचार प्रसार कर और अधिक संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। हमें यह प्रयास करना चाहिए कि जो पर्यटक आएं वह दो—तीन दिन ठहरें और अधिक से अधिक स्थलों का भ्रमण करें।
विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने महाकुंभ की तैयारियों के साथ ही प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि उत्तर प्रदेश में धाार्मिक, आध्यात्मिक के साथ ही हेरिटेज, आर्ट—क्राफ्ट, रूरल—एग्री, मेडिकल टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म असीमित संभावनाएं हैं जिन्हें धरातल पर उतारने के लिए काम किया जा रहा है। ईशा प्रिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश किसी एक नहीं बल्कि लगभग अनेक धर्मों के अनुयायियों के लिए तीर्थ का केंद्र है। यहां गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल हैं। सिद्धार्थनगर जिले में स्थित कपिलवस्तु वह स्थान है जहां सिद्धार्थ गौतम ने शुरुआती 29 साल व्यतीत किए। यहीं से सत्य की खोज में निकले थे। श्रावस्ती वह स्थान है, जहां गौतम बुद्ध ने जेतवन में 25 वर्षावास व्यतीत किए। फर्रूखाबाद में स्थित संकिसा में भगवान बुद्ध देवलोक से पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। कौशाम्बी में बुद्ध ने बुद्धत्व के छठे और नौवें वर्ष व्यतीत किये। वाराणसी जिले में स्थित सारनाथ, पहले भगवान बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को 'चार आर्य सत्य' का प्रथम धर्म उपदेश दिया था। कुशीनगर वह स्थान है, जहां गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। इसी तरह जैन धर्म के 24 तीर्थांकरों में से 18 का जन्म यूपी में हुआ था। इसी तरह अन्य धर्मावलंबियों के लिए भी यहां महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं।
उन्होंने कहा कि चंद महीनों बाद महाकुंभ का आयोजन होने वाला है। ऐसे में यहां दूर—दराज से आने वाले श्रद्धालुओं का स्पिरिचुअल ट्रायंगल के तहत अयोध्या, काशी का भी भ्रमण कराया जा सकता है। जो पर्यटक काशी—अयोध्या आएंगे उन्हें प्रयागराज का भ्रमण कराया जा सकता है। अपने संबोधन के दौरान विशेष सचिव पर्यटन ने उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम द्वारा महाकुंभ को लेकर की जा रही तैयारियों का प्रस्तुतिकरण किया। बताया कि किस प्रकार श्रद्धालुओं को महाकुंभ में सुखद अनुभूति दी जा सकती है। हम श्रंगवेरपुर को टूरिस्ट विलेज के तौर पर तैयार कर रहे हैं। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने पर्यटन विभाग की ओर से प्रयागराज में कराए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। कहा कि हम प्रयागराज में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। पैनल डिस्कसन में आए कई सुझाव कार्यक्रम में पैनल डिस्किशन का आयोजन किया गया। इसमें कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद, दी इटा एजेंट्स एसोसिएशन आफ इंडिया की जनरल सेक्रेट्री अरुणा शेट्टी, होटल प्रयाग इन के अरुण गुप्ता, इंटैक की तरफ अनुपम परिहार ने हिस्सा लिया। इस दौरान कई सुझाव भी आए।