जयपुर ।राजस्थान पर्यटन विभाग इन दिनों उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के नेतृत्व में प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से देश के पहले पायदान पर स्थापित करने के लिए लगातार नवाचार कर रहा है। पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री राकेश शर्मा के अनुसार प्रदेश में बर्फ और समन्दर के अतिरिक्त पर्यटन के सभी आवश्यक उत्पाद यहां मौजूद हैं।श्री राकेश शर्मा का कहना है कि पर्यटन विभाग प्रदेश में रोजगार उत्पन्न करने और विदेशी मुद्रा लाने में प्रमुख भूमिका निभाता है। ऐसे में पर्यटन विभाग का मुख्य फोकस प्रदेश में ट्रेवल मार्ट, फेयर व फेस्टिवल्स को प्रमोट करने की ओर होता है जिससे लोक कला, कलाकार, संस्कृति, संगीत का तो संरक्षण होता ही है साथ पर्यटन से जुड़े तमाम स्टेक होल्डर्स को भी व्यवसाय प्राप्त होता है। अतिरिक्त निदेशक श्री शर्मा ने कहा कि उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की मंशानुसार पर्यटन विभाग, पर्यटन उद्योग को जन-जन तक व गांव गांव तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे राज्य पर्यटन क्षेत्र में न सिर्फ देश का अग्रणी राज्य बने वरन विदेशों में भी राजस्थान का परचम फहराए। उन्होंने कहा कि राजस्थान वैडिंग टूरिज्म में देश-दुनिया में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। देश की 75 फीसदी हैरिटेज प्रॉपर्टियां राजस्थान में हैं। राज्य में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर के अलावा भरतपुर, सवाईमाधोपुर और शेखावाटी क्षेत्र भी इन दिनों वैडिंग डेस्टिनेशन में खासे उभर रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान वैडिंग डेस्टिनेशन व वैडिंग टूरिज्म क्षेत्र में अपनी अमिट पहचान बनाएगा क्योंकि यहां पर लगभग सौ से अधिक हैरिटेज प्रॉपर्टियां है जहां पर लगातार डेस्टिनेशन वैडिंग हो रही हैं, श्री राकेश शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की मंशा के अनुरूप ही राजस्थान में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है साथ ही राजस्थान को विकास एवं खुशहाली के पथ पर तीव्र गति से आगे ले जाने के साथ ही प्रदेश की गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने तथा पारंपरिक लोक कलाओं से जुड़े कलाकारों को संबल प्रदान करने के कार्य को भी प्राथमिकता देने में जुटे हैं।
श्री शर्मा के अनुसार राजस्थान प्रदेश रणबांकुरों की जननी के रूप में देश-विदेश में अपनी अलग ही पहचान रखता है। आज भी महाराणा प्रताप जैसे शूरवीर प्रदेश के निवासियों के लिए प्रेरणा स्वरूप है इस दृष्टि से महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों जैसे चावंड- हल्दीघाटी- गोगुंदा कुंभलगढ़- दिवेर- उदयपुर आदि को सम्मिलित करते हुए महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट भी विकसित किया जा रहा है। यह महराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट भविष्य में पर्यटकों की पहली पसंद के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल होगा। 
अतिरिक्त निदेशक श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश पर्यटन विभाग दूसरे राज्यों के साथ मिलकर पर्यटन को बढ़ावा देने वाली योजनाओं पर काम कर रहे हैं जिससे पूरे देश में विकास की बयार बहे और वसुधैव कुटुम्बकम का सपना पुनः साकार हो। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास राजस्थान को पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करते हुए, यहां आने वाले पर्यटकों को उच्च स्तरीय अनुभव प्रदान करने के साथ ही प्रदेश की नैसर्गिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण तथा स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका के अवसरों को बेहतर करना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया गया है एवं उसके अनुरूप विभिन्न करो, स्टाम्प शुल्क, बिजली दरों में पर्यटन इकाईयों को छूट प्रदान की जा रही है। पर्यटकों की सुरक्षा के बारे में उन्होंने कहा कि राजस्थान में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पर्यटन सहायता बल काम कर रहा है। वहीं राज्य में बॉर्डर टूरिज्म को भी बढ़ावा देने की दिशा में तेज गति से काम हो रहा है।