महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में ‘राजभाषा के रूप में हिंदी के 75 वर्ष’ विषय पर हुआ विशेष व्‍याख्‍यान
वर्धा,: महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में शनिवार, 14 सितंबर को गालिब सभागार में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ‘राजभाषा के रूप में हिंदी के 75 वर्ष’ विषय पर विशेष व्‍याख्‍यान से हिंदी पखवाडे का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए पूर्व राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि गांधी हिंदी के अनन्य सेवक थे । उन्‍होंने कहा कि महात्मा गांधी हिंदी के बड़े हिमायती थे। 30 जनवरी 1948 को गांधी जी के जाने के बाद हिंदी को बहुत बड़ा धक्का लगा। हिंदी के सवाल पर राजगोपालाचारी से भी गांधी जी का मतभेद हुआ। श्री पुरोहित ने कहा कि गांधी की कर्म भूमि में आकर वे गर्व का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हिंदी ज्ञान की खान है । श्री पुरोहित आज महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में ‘राजभाषा के रूप में हिंदी के 75 वर्ष’ विषय पर विशेष व्याख्यान दे रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने की।
श्री पुरोहित ने कहा कि हिंदी को तन-मन से स्‍वीकार करने से जीवन गांधीमय हो जाएगा। गांधी और हिंदी में सादगी का समान भाव है। उन्‍होंने भारतेंदू प्रेमचंद, तुलसीदास, कबीर, मैथिली चरण गुप्‍त और हरिवंश राय बच्‍चन के हिंदी के योगदान को स्‍मरण करते हुए उनकी कविताओं को उद्धृत किया। अध्‍यक्षीय वक्‍तव्‍य में कुलपति प्रो. कृष्‍ण कुमार सिंह ने कहा कि हिंदी की ताकत और पहचान बड़ी है। अहिंदी भाषियों ने हिंदी को बढ़ावा देने में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है। यही कारण है कि भारतीय भाषाओं के साथ आगे बढ़ रही है। इस अवसर पर मीडिया समय का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। जिसका कला निर्देशन राजेश आगरकर द्वारा किया गया।
स्वागत भाषण एवं विषय प्रवर्तन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने किया। श्री पुरोहित का परिचय राजभाषा अधिकारी राजेश कुमार यादव ने दिया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान के संदेश का वाचन किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सिंह ने श्री पुरोहित का शॉल, सूतमाला एवं विश्वविद्यालय का प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव एवं दूर शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनंद पाटील ने किया। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं कुलगीत से तथा समापन राष्‍ट्रगान के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, केंद्र निदेशक, संकाय सदस्य, विद्यार्थी, शोधार्थी, अधिकारी एवं कर्मचारी भारी संख्या में उपस्थित थे। कोलकाता एवं प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र एवं सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी मराठी भाषा तथा तत्त्वज्ञान अध्ययन केंद्र, रिध्दपुर (अमरावती) केंद्रों के शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी भी ऑनलाइन जुडे।