भारत की पवित्र धरती प्रयागराज इस बार महाकुंभ 2025 के दौरान एक अनोखे सांस्कृतिक संगम का साक्षी बनने जा रही है। 22-23 फरवरी को आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय नृत्य और संगीत महोत्सव में 12 देशों के 142 कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह भव्य आयोजन भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के सहयोग से किया जा रहा है, जिसमें 'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना को सजीव किया जाएगा।
🌍 दुनिया भर के कलाकार करेंगे प्रस्तुति
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि इस महोत्सव में दक्षिण अफ्रीका, मंगोलिया, वियतनाम, फिजी, मलेशिया, किर्गिजस्तान, रूस, रवांडा, बांग्लादेश, मालदीव और फिलीपींस जैसे 12 देशों के कलाकार भाग लेंगे।
यह सांस्कृतिक समागम सिर्फ एक महोत्सव नहीं बल्कि वैश्विक संस्कृति के आदान-प्रदान का मंच भी बनेगा, जहां पारंपरिक और समकालीन कला शैलियों का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।
🎭 लखनऊ और प्रयागराज में कार्यक्रमों की झलक
📌 18-23 फरवरी – अंतरराष्ट्रीय कलाकारों का प्रतिनिधिमंडल लखनऊ और प्रयागराज का दौरा करेगा।
📌 19-20 फरवरी – लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर हॉल में सांस्कृतिक अभ्यास।
📌 22-23 फरवरी – गंगा पंडाल और महाकुंभ के अन्य मंचों पर भव्य प्रस्तुतियां।
🎶 भारत की संस्कृति के साथ विदेशी रंगों की छटा
महाकुंभ के इस विशेष आयोजन में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों द्वारा भव्य सांस्कृतिक प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी कोरियोग्राफी प्रसिद्ध कलाकार सुश्री रानी खानम करेंगी।
यह महोत्सव भारतीय संस्कृति की भव्यता को दुनिया के सामने पेश करेगा और विभिन्न देशों की सांस्कृतिक धरोहर को एक मंच पर लाकर वैश्विक संबंधों को मजबूत करेगा।
✨ महाकुंभ 2025 में क्यों जाएं?
✅ 12 देशों की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को देखने का मौका।
✅ गंगा तट पर अद्भुत नृत्य और संगीत प्रस्तुतियां।
✅ आध्यात्म और संस्कृति का अद्भुत संगम।
अगर आप संस्कृति प्रेमी हैं और दुनिया भर की कलाओं को एक मंच पर देखना चाहते हैं, तो 22-23 फरवरी को प्रयागराज जरूर जाएं और इस ऐतिहासिक महाकुंभ का हिस्सा बनें! 🚩🎊
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