300-KM-Long Traffic Jam Paralyses Routes To Maha Kumbh (PTI Image) |
प्रयागराज, 10 फरवरी। महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण प्रयागराज की सड़कों पर अब तक का सबसे लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। लगभग 300 किलोमीटर तक फैले इस जाम ने शहर के मुख्य मार्गों को जाम कर दिया, जिससे लाखों यात्री और श्रद्धालु घंटों तक फंसे रहे।
त्रिवेणी संगम की ओर उमड़ा आस्था का सैलाब
हरिद्वार, वाराणसी, लखनऊ और आसपास के अन्य शहरों से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम—जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है—में पुण्य स्नान करने के लिए प्रयागराज की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन, भारी संख्या में वाहनों और श्रद्धालुओं के चलते हाईवे और शहर की मुख्य सड़कें पूरी तरह अवरुद्ध हो गई हैं।
महाकुंभ की ओर बढ़ते यात्री फंसे, यातायात व्यवस्था चरमराई
रविवार को प्रयागराज के सिविल लाइंस और शास्त्री ब्रिज मार्ग पर हजारों वाहन घंटों तक रेंगते नजर आए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मध्य प्रदेश के मैहर पुलिस ने कहा कि "प्रयागराज की ओर बढ़ना असंभव हो गया है," क्योंकि जबलपुर से लेकर मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश सीमा तक 250 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
सोशल मीडिया पर भी इस ट्रैफिक जाम को लेकर लोग अपनी व्यथा सुना रहे हैं। एक यूजर ने पोस्ट किया, "जबलपुर के पास 15 किलोमीटर लंबा जाम है और अभी भी प्रयागराज 400 किलोमीटर दूर है। कृपया महाकुंभ आने से पहले ट्रैफिक अपडेट जरूर देखें।" वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, "दुनिया के सबसे बड़े ट्रैफिक जाम में फंसा हूँ, प्रयागराज पूरी तरह से जाम हो चुका है।"
अब तक 43 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 43 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। लेकिन बढ़ती भीड़ के चलते यातायात व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। प्रशासन की ओर से कुछ वैकल्पिक मार्ग सुझाए गए हैं, लेकिन यह भीड़ के आगे नाकाफी साबित हो रहे हैं।
महाकुंभ के अवसर पर उप्र में वाहनों को टोल मुक्त किया जाना चाहिए, इससे यात्रा की बाधा भी कम होगी और जाम का संकट भी। जब फ़िल्मों को मनोरंजन कर मुक्त किया जा सकता है तो महाकुंभ के महापर्व पर गाड़ियों को कर मुक्त क्यों नहीं? pic.twitter.com/1ceISd8WNK
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 9, 2025
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल, टोल-फ्री यात्रा की मांग
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस अव्यवस्था के लिए सरकार की आलोचना की और मांग की कि महाकुंभ के दौरान वाहनों को टोल-फ्री किया जाए ताकि यातायात जाम की समस्या को कम किया जा सके। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा,
"महाकुंभ में फंसे लाखों श्रद्धालुओं के लिए तत्काल आपातकालीन व्यवस्था की जानी चाहिए। भक्त भूखे-प्यासे, थके-मांदे ट्रैफिक में फंसे हैं। क्या आम श्रद्धालु इंसान नहीं है?"
श्रद्धालुओं को हो रही भारी परेशानी
ट्रैफिक में फंसे लोगों की स्थिति खराब होती जा रही है। श्रद्धालु घंटों तक बिना पानी और भोजन के जाम में फंसे हैं। महिलाओं के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी और थकावट के कारण कई लोग सड़कों पर ही बेहोश हो रहे हैं। मोबाइल नेटवर्क और बैटरी खत्म होने से श्रद्धालु अपने परिवारों से भी कट गए हैं, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है।
रेलवे ने लिया बड़ा फैसला
प्रयागराज जिला प्रशासन के अनुसार, संगम रेलवे स्टेशन को 9 फरवरी दोपहर 1:30 बजे से 14 फरवरी रात 12 बजे तक बंद कर दिया जाएगा। हालांकि, इस दौरान अन्य आठ रेलवे स्टेशन—प्रयागराज छिवकी, नैनी, प्रयागराज जंक्शन, सुबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग और झूसी—पर ट्रेनों का संचालन सामान्य रूप से जारी रहेगा।
क्या प्रशासन संभाल पाएगा स्थिति?
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, लेकिन इस बार की अव्यवस्थित यातायात व्यवस्था ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम स्थिति को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
महाकुंभ 2025: आस्था और चुनौती का संगम
महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति, आस्था और परंपराओं का उत्सव है। लेकिन यात्रियों की बढ़ती संख्या और प्रशासनिक चुनौतियों ने इसे एक कठिन परीक्षा बना दिया है। लाखों श्रद्धालु अभी भी प्रयागराज पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रशासन की अगली रणनीति क्या होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
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