अगर आप इतिहास, वास्तुकला और संस्कृति के शौकीन हैं, तो महाराष्ट्र का औरंगाबाद शहर आपकी ट्रैवल बकेट लिस्ट में जरूर होना चाहिए। यह शहर अपनी समृद्ध ऐतिहासिक धरोहरों और अद्भुत स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है। इसे 'सिटी ऑफ गेट्स' यानी दरवाजों का शहर भी कहा जाता है, क्योंकि यहां कभी 52 भव्य दरवाजे हुआ करते थे, जिनमें से अब सिर्फ 13 ही अस्तित्व में हैं।
औरंगाबाद का ऐतिहासिक सफर
इस शहर का इतिहास करीब 400 साल पुराना है। सन 1610 में मलिक अंबर ने 'खड़की' नाम से इस शहर की स्थापना की थी, जिसे बाद में उसके पुत्र फतेह खान ने 'फतेहनगर' नाम दिया। लेकिन 1653 में मुगल बादशाह औरंगजेब ने इसे अपनी राजधानी बनाया और तभी से इसका नाम औरंगाबाद पड़ा।
यहां के किलों, मकबरों, गुफाओं और अन्य ऐतिहासिक स्मारकों को देखकर आपको मुगल, निजाम और मराठा शासनकाल की झलक मिलेगी। इस शहर में कई पर्यटन स्थल हैं, जो अपनी अनोखी बनावट और इतिहास की कहानियां समेटे हुए हैं।
औरंगाबाद के प्रमुख पर्यटन स्थल
1. बीबी का मकबरा – 'दक्खिन का ताजमहल'
अगर आप ताजमहल की खूबसूरती देखना चाहते हैं, लेकिन आगरा नहीं जा सकते, तो औरंगाबाद में मौजूद 'बीबी का मकबरा' आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है। इसे औरंगजेब के बेटे आजम शाह ने अपनी मां राबिया-उद-दौरानी की याद में बनवाया था। इसकी वास्तुकला ताजमहल से मिलती-जुलती है, इसलिए इसे 'दक्खिन का ताजमहल' कहा जाता है।
2. अजंता और एलोरा गुफाएं – अद्भुत कला का खजाना
अगर आप प्राचीन गुफाओं और भित्तिचित्रों को देखने के इच्छुक हैं, तो अजंता और एलोरा की गुफाएं आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हैं। अजंता गुफाएं बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई हैं, जबकि एलोरा की गुफाओं में हिंदू, बौद्ध और जैन मंदिरों की सुंदर नक्काशी देखने को मिलती है। यहां स्थित 'कैलाश मंदिर' एक विशाल पत्थर को तराशकर बनाया गया है, जो दुनिया के सबसे बड़े मोनोलिथिक संरचनाओं में से एक है।
3. दौलताबाद किला – अभेद्य सुरक्षा का प्रतीक
यह किला कभी देवगिरि के नाम से जाना जाता था और इसे मोहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी बनाया था। यह एक पहाड़ी पर स्थित है और इसकी सुरक्षा प्रणाली बेहद अनोखी है, जिसमें कई गुप्त सुरंगें और मजबूत दरवाजे शामिल हैं।
4. खुलताबाद – मुगल बादशाह औरंगजेब की अंतिम विश्राम स्थली
खुलताबाद एक ऐतिहासिक जगह है, जहां मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र स्थित है। यहां बनी बेगम बाग, भद्रा मारुति मंदिर और निजाम कालीन विश्रामगृह भी देखने लायक स्थान हैं।
5. घृष्णेश्वर मंदिर – 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक
यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और एलोरा गुफाओं के पास स्थित है। यह धार्मिक स्थल हिंदू श्रद्धालुओं के बीच विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
6. पैठण – संत एकनाथ महाराज की भूमि
पैठण ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण जगह है। यह संत एकनाथ की जन्मस्थली है और यहां का जायकवाड़ी डैम, जिसे 'नाथसागर' भी कहा जाता है, एक प्रमुख आकर्षण है। साथ ही, पैठण अपने 'पैठणी साड़ियों' के लिए भी मशहूर है।
औरंगाबाद की खासियतें
उद्योग और व्यापार: यहां ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल और टेक्सटाइल इंडस्ट्री तेजी से विकसित हो रही है।
शिक्षा और प्रशासन: यहां डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, मुंबई हाईकोर्ट की खंडपीठ और कई प्रशासनिक कार्यालय स्थित हैं।
खास त्योहार: मकर संक्रांति के समय यहां पतंगबाजी का खास आयोजन होता है, जिसमें पूरे देश से लोग भाग लेते हैं।
कैसे पहुंचे औरंगाबाद?
हवाई मार्ग: औरंगाबाद एयरपोर्ट से मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और अन्य बड़े शहरों के लिए फ्लाइट्स उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग: औरंगाबाद रेलवे स्टेशन से देश के प्रमुख शहरों तक ट्रेन कनेक्टिविटी है।
सड़क मार्ग: मुंबई, पुणे, नागपुर और अन्य शहरों से औरंगाबाद सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
निष्कर्ष
औरंगाबाद एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक रूप से समृद्ध शहर है। यहां का हर कोना एक नई कहानी बयां करता है। अगर आप कभी महाराष्ट्र घूमने जाएं, तो इस शहर को अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करें। यह शहर आपको इतिहास, कला, धर्म और संस्कृति का अद्भुत मिश्रण देखने का मौका देगा। तो चलिए, अपनी अगली यात्रा की योजना बनाइए और औरंगाबाद की खूबसूरती को करीब से महसूस कीजिए!
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