image credit: corbettnationalpark.in
परिचय
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का पहला और सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे 1936 में ‘हैली नेशनल पार्क’ के रूप में स्थापित किया गया था। यह उत्तराखंड के नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में फैला हुआ है और अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। इस पार्क का नाम प्रसिद्ध शिकारी और संरक्षणवादी जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने बाघ संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
पार्क का भूगोल और क्षेत्रफल
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान लगभग 1,318 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें से 520 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया और बाकी बफर जोन है। यह उद्यान हिमालय की तलहटी में स्थित है और इसमें घास के मैदान, साल के घने जंगल, नदियाँ और पहाड़ी क्षेत्रों का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है।
यहां पाए जाने वाले वन्यजीव
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान मुख्य रूप से बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इसके अलावा यहाँ कई अन्य वन्यजीव भी पाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- हाथी
- तेंदुआ
- चीतल, सांभर और बारहसिंगा
- जंगली सूअर
- घड़ियाल और मगरमच्छ
- 300 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ
सफारी और पर्यटन अनुभव
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान को पांच मुख्य जोन में बांटा गया है, जहां सफारी का आनंद लिया जा सकता है:
- ढिकाला जोन – सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय जोन, जहां बाघों और हाथियों को देखने की अधिक संभावना होती है।
- बिजरानी जोन – घास के मैदानों और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध।
- झिरना जोन – पूरे वर्ष खुला रहने वाला जोन।
- दुर्गा देवी जोन – यह जोन पक्षी प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन स्थान है।
- सोनानदी जोन – कम भीड़भाड़ वाला इलाका, जहां शांति से वन्यजीवों को देखा जा सकता है।
सफारी के लिए जीप सफारी और कैंटर सफारी के विकल्प उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों को जंगल के रोमांचक सफर पर ले जाती हैं।
यहां जाने का सबसे अच्छा समय
- नवंबर से जून – इस दौरान पार्क का अधिकांश हिस्सा खुला रहता है और वन्यजीवों को देखना आसान होता है।
- अप्रैल से जून – ग्रीष्मकाल में जानवर पानी के स्रोतों के पास देखे जा सकते हैं।
- मानसून (जुलाई से सितंबर) – इस दौरान कुछ जोन बंद रहते हैं, लेकिन प्रकृति अपनी सबसे सुंदर अवस्था में होती है।
कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर एयरपोर्ट (85 किमी) है।
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन रामनगर (12 किमी) है, जो दिल्ली और अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग: दिल्ली से जिम कॉर्बेट की दूरी 260 किमी है, जिसे 5-6 घंटे में तय किया जा सकता है।
आवास और सुविधाएँ
उद्यान के आसपास कई रिसॉर्ट्स और होटल उपलब्ध हैं, जहां पर्यटक ठहर सकते हैं। ढिकाला जोन के अंदर फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में ठहरना एक अलग ही अनुभव देता है।
निष्कर्ष
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि भारत के समृद्ध वन्यजीवों का एक महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं और वन्यजीवों को करीब से देखना चाहते हैं, तो यह स्थान आपके लिए परफेक्ट है। यहां की रोमांचक सफारी, हरी-भरी घाटियाँ और अद्भुत वन्यजीव आपको एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेंगे।
क्या आप तैयार हैं इस रोमांचक सफर के लिए? 🚙🌿🐅
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