नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान, जिसे राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान भी कहा जाता है, कर्नाटक राज्य के कोडागु और मैसूर जिलों में स्थित है। यह उद्यान नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व का एक अभिन्न हिस्सा है और भारत के सबसे समृद्ध जैव विविधता वाले स्थानों में से एक है। यह स्थान अपनी हरी-भरी वनस्पति, झरनों, घास के मैदानों और समृद्ध वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है।
इतिहास और महत्व
नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1955 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में की गई थी और बाद में 1988 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया। यह उद्यान बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और मुदुमलई वन्यजीव अभयारण्य के साथ जुड़ा हुआ है, जिससे यह दक्षिण भारत के प्रमुख टाइगर रिजर्व में से एक बन गया है।
वनस्पति और प्राकृतिक सौंदर्य
यह उद्यान साल, चंदन, टीक और अन्य प्रकार के मिश्रित पर्णपाती वनों से घिरा हुआ है। यहाँ कई झीलें, जलधाराएँ और घास के मैदान भी हैं, जो इसे वन्यजीवों के लिए एक आदर्श आवास बनाते हैं।
वन्यजीव और जैव विविधता
नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान बाघों, हाथियों और अन्य दुर्लभ जीवों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख वन्यजीवों में शामिल हैं:
बंगाल टाइगर: यह उद्यान प्रोजेक्ट टाइगर के तहत संरक्षित क्षेत्र का हिस्सा है।
एशियाई हाथी: यहाँ बड़ी संख्या में हाथियों का झुंड देखने को मिलता है।
तेंदुआ, स्लॉथ बियर, हिरण और गौर: इनके अलावा, चीतल, सांभर, जंगली सुअर और कई अन्य स्तनधारी भी यहाँ पाए जाते हैं।
पक्षियों की विविधता: यह उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है, जहाँ हॉर्नबिल, ईगल, पेलिकन, किंगफिशर जैसी 270 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
प्रमुख आकर्षण और गतिविधियाँ
सफारी: नागरहोल में जीप सफारी, बस सफारी और एलीफेंट सफारी का आनंद लिया जा सकता है।
कबिनी नदी सफारी: यह नदी सफारी पर्यटकों को वन्यजीवों को देखने का अनूठा अनुभव देती है।
फोटोग्राफी: प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए यह स्थान बेहद आकर्षक है।
ट्रेकिंग और कैम्पिंग: वन विभाग की अनुमति से ट्रेकिंग और कैम्पिंग की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान जाने का सही समय
इस उद्यान की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई के बीच होता है, क्योंकि इस दौरान वन्यजीवों को देखने की संभावना अधिक रहती है। मानसून के दौरान (जून-सितंबर) यहाँ अत्यधिक बारिश होती है, जिससे सफारी सेवाएँ प्रभावित हो सकती हैं।
कैसे पहुँचें?
निकटतम हवाई अड्डा: मैसूर हवाई अड्डा (96 किमी)
निकटतम रेलवे स्टेशन: मैसूर रेलवे स्टेशन (80 किमी)
सड़क मार्ग: नागरहोल मैसूर और बेंगलुरु से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
निष्कर्ष
नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति और वन्यजीवन प्रेमियों के लिए एक परफेक्ट गंतव्य है। यहाँ का समृद्ध वन्यजीवन, घने जंगल, खूबसूरत झीलें और रोमांचक सफारी इसे भारत के शीर्ष वन्यजीव स्थलों में से एक बनाते हैं। यदि आप प्रकृति की गोद में सुकून और रोमांच दोनों का अनुभव करना चाहते हैं, तो नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान आपकी यात्रा सूची में जरूर होना चाहिए।
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