birthplace of Paramahansa Yogananda in Gorakhpur, India. The image features a beautifully developed heritage s

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश—योग गुरु परमहंस योगानंद जी की जन्मस्थली को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। उत्तर प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग के सहयोग से इस ऐतिहासिक स्थल पर अत्याधुनिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिससे न केवल देश बल्कि विदेशों से भी पर्यटकों का आगमन बढ़ेगा।


परियोजना का मुख्य उद्देश्य

परमहंस योगानंद जी ने पूरी दुनिया में योग और ध्यान का प्रचार किया। उनकी शिक्षाओं से प्रेरित लाखों अनुयायी आज भी उनके आदर्शों का पालन करते हैं। पर्यटन विभाग ने इस महत्वपूर्ण स्थल के विकास के लिए 27.68 करोड़ रुपए की योजना स्वीकृत की है, जिसमें 5 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं।

पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करना और परमहंस योगानंद जी के जीवन और शिक्षाओं को संरक्षित करना है।


कैसा होगा नया पर्यटन केंद्र?

परमहंस योगानंद जी की जन्मस्थली पर तीन मंजिला भवन का निर्माण किया जाएगा:

  1. ग्राउंड फ्लोर: स्वागत कक्ष, हॉल, पर्यटकों के लिए विश्राम स्थल।
  2. पहली मंजिल: बड़े हॉल और ध्यान केंद्र।
  3. दूसरी मंजिल: योग और ध्यान कक्ष, संग्रहालय, प्रदर्शनी हॉल।
  4. अन्य सुविधाएं: लिफ्ट, पार्किंग, कैफेटेरिया, गाइड सुविधा।


विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण

गोरखपुर तेजी से एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है। पिछले वर्ष यहां 36 लाख से अधिक पर्यटक आए थे, जिसमें करीब 3,000 विदेशी आगंतुक भी शामिल थे।
परमहंस योगानंद जी के लाखों अनुयायी विदेशों में हैं, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी।


उत्तर प्रदेश: पर्यटन में नया कीर्तिमान

पर्यटन मंत्री के अनुसार, उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर है, और अब सरकार विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भी कई योजनाएं बना रही है।


निष्कर्ष

परमहंस योगानंद जी की जन्मस्थली का यह विकास भारत की योग और ध्यान परंपरा को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का एक अनूठा प्रयास है। यह न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। गोरखपुर अब न केवल एक धार्मिक स्थल बल्कि एक वैश्विक योग केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।