प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ 2025 न सिर्फ आस्था का केंद्र बना हुआ है, बल्कि इसने शहर की पर्यटन, यात्रा और होटल इंडस्ट्री को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, अमृत स्नान के बाद भी लाखों श्रद्धालु रोजाना संगम में डुबकी लगाने आ रहे हैं, जिससे होटलों, लॉज और लक्जरी कॉटेज की मांग लगातार बनी हुई है।
55 करोड़ श्रद्धालुओं का पड़ा असर
इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को त्रिवेणी संगम में स्नान करने वालों की संख्या 55 करोड़ पार कर गई। यह संख्या दर्शाती है कि श्रद्धालुओं के लिए यह धार्मिक पर्व कितना महत्वपूर्ण है।
12 साल बाद हो रहा है महाकुंभ
हर 12 साल में आयोजित होने वाला यह महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस आयोजन में तीन अमृत स्नान और तीन विशेष स्नान तिथियां रखी गई थीं, जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। अब सिर्फ महाशिवरात्रि (26 फरवरी) का विशेष स्नान बाकी है।
होटल इंडस्ट्री में उछाल
हालांकि 29 जनवरी को हुई भगदड़ के बाद होटल और गेस्ट हाउस बुकिंग्स में कुछ गिरावट आई थी, लेकिन अब फिर से बुकिंग्स तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर मेले के आसपास के इलाकों में होटल, होमस्टे और लक्जरी टेंट्स पूरी तरह से भरे हुए हैं।
पर्यटन और यात्रा एजेंसियों को बड़ा लाभ
शहर की होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में 20-30% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि लाभ का मार्जिन 5-10% तक बढ़ा है। प्रयागराज होटल एंड रेस्टोरेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह के अनुसार, लक्जरी टेंट हाउस पूरी तरह से भरे हुए हैं, जिससे पर्यटन उद्योग को जबरदस्त लाभ हो रहा है।
महाकुंभ के बाद भी जारी रहेगा पर्यटन का असर
सरकार का कहना है कि महाकुंभ के दौरान जो पर्यटक प्रयागराज आ रहे हैं, वे यहां की संस्कृति, ऐतिहासिक स्थलों और धार्मिक महत्व को भी जानने में रुचि ले रहे हैं। इससे न सिर्फ पर्यटन क्षेत्र को मजबूती मिल रही है, बल्कि आने वाले वर्षों में भी यह ट्रेंड जारी रहेगा।
महाकुंभ 2025 ने प्रयागराज की अर्थव्यवस्था, होटल, पर्यटन और यात्रा एजेंसियों को एक नई ऊर्जा प्रदान की है। संगम की पवित्रता, लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और बढ़ती पर्यटकों की संख्या ने इस धार्मिक मेले को दुनिया के सबसे बड़े आयोजनों में से एक बना दिया है। 🚩✨
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