कुम्भ में वरिष्ठजनों की सेवा
भारत की संस्कृति में वरिष्ठ नागरिकों का विशेष सम्मान होता है। इसी परंपरा को निभाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कुम्भ क्षेत्र में "श्रवण कुम्भ" का आयोजन किया है। यह पहल समाज कल्याण विभाग द्वारा वरिष्ठजनों के स्वास्थ्य, सम्मान और सेवा को ध्यान में रखते हुए की गई है।
1847 वरिष्ठजनों को मिले निःशुल्क उपकरण
समाज कल्याण मंत्री श्री असीम अरुण ने जानकारी दी कि अब तक कुल 1847 वरिष्ठजनों को निःशुल्क उपकरण प्रदान किए जा चुके हैं। इन उपकरणों में कान की मशीन, कमर की बेल्ट, घुटने की बेल्ट, छड़ी, व्हीलचेयर, स्पाइनल सपोर्ट और कॉलर सर्फिकल जैसी चीजें शामिल हैं। यह पहल उन वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को सरल और अधिक आरामदायक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में स्वास्थ्य परीक्षण
समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक श्री ए. के. सिंह ने बताया कि श्रवण कुम्भ में देशभर के विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एम्स दिल्ली, झारखंड, पीजीआई लखनऊ और चंडीगढ़ के डॉक्टर यहां स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं। इसके अलावा, केरल, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब और अन्य राज्यों से आए डॉक्टर भी वरिष्ठजनों की निःशुल्क जांच कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग के पंडाल में ओपीडी चलाई जा रही है।100 बेड का अस्थायी वृद्धाश्रम
श्रवण कुम्भ के तहत समाज कल्याण विभाग ने 100 बेड का अस्थायी वृद्धाश्रम भी स्थापित किया है। इस वृद्धाश्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न वृद्धाश्रमों से आए निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों को ठहराया गया है। यहां उन्हें संगम स्नान का अवसर भी दिया जा रहा है, जो उनके लिए एक आध्यात्मिक और सुखद अनुभव बन रहा है।वरिष्ठजनों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
श्रवण कुम्भ न केवल वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह उन्हें समाज का अभिन्न हिस्सा बनाए रखने की पहल भी है। प्रदेश सरकार की यह योजना दर्शाती है कि वह वरिष्ठजनों के सम्मान और उनकी देखभाल के लिए प्रतिबद्ध है।इस अनूठी पहल से यह स्पष्ट होता है कि सरकार न केवल कुम्भ मेले के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को बढ़ा रही है, बल्कि सामाजिक कल्याण को भी प्राथमिकता दे रही है। श्रवण कुम्भ, वास्तव में, सेवा और सम्मान की भावना को प्रकट करने वाला एक सराहनीय आयोजन है।
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