उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8.08 लाख करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की है, जिसमें 400 करोड़ रुपये धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य के प्रमुख तीर्थ स्थलों के विकास के लिए निर्धारित किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश: भारत का नया तीर्थ केंद्र
पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में पर्यटन को लेकर असाधारण वृद्धि देखी गई है। 2024 में 65 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने राज्य का दौरा किया, जिनमें 14 लाख विदेशी पर्यटक भी शामिल थे।
राज्य सरकार ने इस बढ़ती पर्यटन संख्या को देखते हुए धार्मिक पर्यटन को और अधिक समृद्ध बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस योजना के तहत अयोध्या, मथुरा, नैमिषारण्य और चित्रकूट जैसे धार्मिक स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिससे ये स्थान श्रद्धालुओं के लिए और भी आकर्षक बन सकें।
मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के विकास योजना के तहत बजट आवंटन:
- अयोध्या: ₹150 करोड़
- मथुरा: ₹125 करोड़
- नैमिषारण्य: ₹100 करोड़
- चित्रकूट: ₹50 करोड़
- मुख्य राजमार्गों पर सुविधाओं के विकास के लिए: ₹100 करोड़
धार्मिक स्थलों के विकास की नई पहल
बांके बिहारी जी मंदिर, मथुरा-वृंदावन कॉरिडोर:
- ₹100 करोड़ भूमि अधिग्रहण के लिए
- ₹50 करोड़ निर्माण कार्यों के लिए
मिर्जापुर के प्रसिद्ध मंदिरों का जीर्णोद्धार:
- ₹100 करोड़ भूमि खरीद के लिए
- ₹100 करोड़ निर्माण कार्यों के लिए
- इसमें मां विंध्यवासिनी मंदिर, मां अष्टभुजा मंदिर, और मां काली खो मंदिर का परिक्रमा पथ और सुविधाओं का विस्तार शामिल है।
संरक्षित मंदिरों का पुनर्निर्माण और संरक्षण:
- ₹30 करोड़ मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए
वैदिक अध्ययन और शोध को बढ़ावा:
- ₹100 करोड़ नैमिषारण्य, सीतापुर में वेद विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए
राज्य सरकार का दृष्टिकोण
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ राज्य की संस्कृति, परंपरा और विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, उत्तर प्रदेश न केवल भारत का प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल बनेगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी एक मुख्य आकर्षण बन जाएगा।
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