पर्यटन शोधार्थियों को प्रमाण-पत्र, विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने की रणनीति तैयार
📍 लखनऊ | 17 फरवरी, 2025
उत्तर प्रदेश में पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम के तहत चयनित शोधार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने और पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार के लिए नई योजनाएं तैयार करना है।
पर्यटन भवन, गोमती नगर में आयोजित इस समारोह में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति, श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने शोधार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए और उन्हें विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर पर्यटन बढ़ाने की रणनीति बनाने के लिए प्रेरित किया।
उत्तर प्रदेश: पर्यटन का अनोखा संगम
श्री मेश्राम ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अपनी अनूठी पहचान है। यहां धार्मिक, आध्यात्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक पर्यटन के अनेक आयाम मौजूद हैं, जिससे यह घरेलू पर्यटन में देश में पहले स्थान पर है। अब सरकार विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए भी विशेष प्रयास कर रही है।
उन्होंने शोधार्थियों को सुझाव दिया कि वे संस्कृति, आयुष एवं अन्य विभागों के साथ मिलकर पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार की योजना बनाएं। साथ ही, प्रदेश में आयोजित होने वाले मेले, महोत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी सक्रिय भागीदारी करें।
पर्यटन संवर्धन के लिए शोधार्थियों की विशेष भूमिका
श्री मेश्राम ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय लोगों की मानसिकता बदलना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा:
"पर्यटकों को सिर्फ कमाई का जरिया नहीं, बल्कि अतिथि के रूप में देखना चाहिए। अतिथि देवतुल्य होता है। जब हम इस भावना को अपनाएंगे, तब पर्यटन में अप्रत्याशित वृद्धि होगी।"
इसके लिए विद्यालयों में बच्चों को शपथ दिलाई जाएगी, ताकि वे पर्यटन स्थलों और पर्यटकों के प्रति जागरूक बनें। बच्चों के जागरूक होने से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर शोधार्थियों की तैनाती
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत चयनित शोधार्थियों को मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान (MKITM) में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
अब इन शोधार्थियों को उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे:
✔ चित्रकूट, श्रावस्ती, संकिसा (फर्रुखाबाद), शाकुंभरी देवी (सहारनपुर), देवी पाटन (बलरामपुर)
✔ नैमिषारण्य (सीतापुर), शुकतीर्थ (मुजफ्फरनगर), कुशीनगर, कपिलवस्तु, वाराणसी, प्रयागराज
✔ दुधवा, पीलीभीत और अयोध्या
जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर भेजा जाएगा, जहां वे जिलाधिकारियों को रिपोर्टिंग करेंगे और पर्यटन को और अधिक विकसित करने की योजनाओं पर काम करेंगे।
युवा पर्यटन क्लब: भविष्य के ब्रांड एंबेसडर
पर्यटन सचिव ने युवा पर्यटन क्लब के सदस्यों को ब्रांड एंबेसडर के रूप में विकसित करने की बात कही। ये युवा पर्यटन स्थलों का प्रचार करेंगे, जागरूकता बढ़ाएंगे और लोगों को पर्यटन के प्रति आकर्षित करेंगे।
राज्य सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को भारत के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
✨ उत्तर प्रदेश पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार है! 🚀
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