Lathmar Holi. Photo: iStock |
होली केवल रंगों से खेलने का त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारत के विभिन्न हिस्सों में अनोखे रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश की लट्ठमार होली से लेकर केरल की मंजन कूली तक, हर स्थान की होली का अपना ही रंग और आकर्षण है। आइए जानते हैं भारत में मनाई जाने वाली 9 अनोखी होली परंपराओं के बारे में।
1. लट्ठमार होली - बरसाना और नंदगांव, उत्तर प्रदेश
बरसाना की लट्ठमार होली सबसे प्रसिद्ध परंपराओं में से एक है। इस होली में महिलाएँ पुरुषों को लाठियों से मारती हैं, जबकि पुरुष इसे बचने की कोशिश करते हैं। यह परंपरा भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम प्रसंग से जुड़ी हुई है। इस दौरान पूरा माहौल रंगों, हंसी-मजाक और भक्तिभाव से भर जाता है।
2. हुरंगा - बलदेव, उत्तर प्रदेश
मथुरा के दाऊजी मंदिर में मनाई जाने वाली हुरंगा होली में महिलाएँ पुरुषों के कपड़े फाड़कर उन पर रंग डालती हैं। यह परंपरा बहुत ही अनोखी और मस्ती भरी होती है, जिसमें हर कोई उत्साह के साथ भाग लेता है।
3. फूलों की होली - वृंदावन, उत्तर प्रदेश
वृंदावन की फूलों वाली होली में गुलाल की जगह ताजे फूलों की वर्षा की जाती है। यह होली विशेष रूप से बांके बिहारी मंदिर में खेली जाती है, जहाँ भक्तगण भक्ति संगीत के साथ इस दिव्य होली का आनंद लेते हैं।
4. रंग पंचमी - महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में होली के पाँच दिन बाद रंग पंचमी मनाई जाती है। इसे अधिक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखा जाता है, जिसमें यह माना जाता है कि रंग लगाने से आत्मा शुद्ध होती है और देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
5. शिगमो - गोवा
गोवा में मनाई जाने वाली शिगमो होली, रंगों के साथ-साथ पारंपरिक गोवन नृत्य, संगीत और भव्य झांकियों के साथ एक भव्य उत्सव होता है। यह होली और कार्निवल का एक अनोखा मिश्रण है।
6. मंजन कूली - केरल
केरल की मंजन कूली होली में रंगों के बजाय हल्दी युक्त पानी का उपयोग किया जाता है। यह त्योहार कुदुम्बी समुदाय द्वारा मनाया जाता है और इस दौरान पारंपरिक संगीत और नृत्य का आयोजन किया जाता है।
7. ढोल जात्रा - पश्चिम बंगाल और ओडिशा
ढोल जात्रा में भगवान कृष्ण और राधा की भक्ति में झूमते लोग रंगों के साथ-साथ ढोल बजाते हुए नाचते-गाते हैं। यह पर्व पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
8. याओशांग - मणिपुर
मणिपुर में होली को याओशांग उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो छह दिनों तक चलता है। यह रंगों के साथ पारंपरिक नृत्य, खेल प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अनोखा संगम होता है।
9. कुमाऊँनी होली - उत्तराखंड
कुमाऊँ क्षेत्र की होली एक शांत और सांगीतिक आयोजन होती है, जिसमें पारंपरिक शास्त्रीय संगीत, लोक गायन और आध्यात्मिक बैठकों का आयोजन किया जाता है। इसे बैठकी होली, खड़ी होली और महिला होली के रूप में मनाया जाता है।
निष्कर्ष
भारत में होली केवल रंगों से खेलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के विभिन्न हिस्सों में अनोखी और विविधतापूर्ण परंपराओं के साथ मनाई जाती है। अगर आप इस बार कुछ नया अनुभव करना चाहते हैं, तो इनमें से किसी भी स्थान पर जाकर वहाँ की अनोखी होली का आनंद लें।
0 टिप्पणियाँ