उन्नाव के नवाबगंज पक्षी विहार और लखनऊ चिड़ियाघर में ईको-टूरिज्म का नया रंग

उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार नए कदम उठा रही है। खासकर, प्राकृतिक और वन्यजीव पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में नवाबगंज पक्षी विहार (जनपद उन्नाव) और लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इसके लिए 4.71 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसमें से 2.60 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए गए हैं।

यह पहल पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह के नेतृत्व में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की एक बड़ी योजना का हिस्सा है। इस योजना के तहत पर्यटकों को बेहतर अनुभव देने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं कि इन दोनों पर्यटन स्थलों में क्या-क्या नए बदलाव देखने को मिलेंगे!

1. नवाबगंज पक्षी विहार: पक्षी प्रेमियों के लिए एक अनोखा अनुभव

स्थान: नवाबगंज, जनपद उन्नाव, उत्तर प्रदेश

नवाबगंज पक्षी विहार उत्तर प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध बर्ड सैंक्चुरी में से एक है। यह जगह सर्दियों में साइबेरियन क्रेन, पेलिकन, ग्रे लैग गूज़, पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल और अन्य प्रवासी पक्षियों की शरणस्थली बन जाती है। अब इस स्थान को और आकर्षक एवं पर्यटक-अनुकूल बनाने के लिए निम्नलिखित सुधार किए जा रहे हैं—

👉 यहां क्या नया हो रहा है?

पर्यटकों के लिए फूड स्टॉल और स्वागत कक्ष – आगंतुकों की सुविधा के लिए नए फूड स्टॉल, स्वागत कक्ष और प्रतीक्षा क्षेत्र बनाए जाएंगे, जिससे वे अधिक आरामदायक यात्रा का अनुभव कर सकें।

ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और वर्चुअल रियलिटी (VR) डोम – यह तकनीक पक्षी प्रेमियों को एक अनूठा अनुभव देगी। अब वे डिजिटल रूप में पक्षियों की गतिविधियों को देख और समझ सकेंगे।

वातावरण सुधार के लिए पौधारोपण – पर्यावरण को और हरा-भरा बनाने के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाएगा।

यात्रा को और रोमांचक बनाने के लिए नई ट्रेल्स और वॉकवे – बर्ड वॉचिंग को अधिक रोमांचक और ज्ञानवर्धक बनाने के लिए पक्षी ट्रेल्स और नेचर वॉकवे को बेहतर बनाया जा रहा है।

इस योजना के लिए 2.80 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 1.60 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए गए हैं।

2. लखनऊ चिड़ियाघर: बच्चों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए नया रोमांच

स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश

लखनऊ का नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान (लखनऊ चिड़ियाघर) भारत के सबसे प्रसिद्ध चिड़ियाघरों में से एक है। यहां टाइगर, लायन, गैंडा, ज़िराफ़, और कई अन्य दुर्लभ जीवों को करीब से देखने का मौका मिलता है। अब इस चिड़ियाघर को और बेहतर बनाने के लिए कई नए सुधार किए जा रहे हैं—

👉 यहां क्या नया हो रहा है?

बच्चों के लिए नए झूले और एडवेंचर जोन – चिड़ियाघर में अब बच्चों के मनोरंजन के लिए नए झूले, सवारी, और एडवेंचर ज़ोन बनाए जा रहे हैं, जिससे बच्चों को वन्यजीवों के साथ-साथ मज़ेदार अनुभव भी मिलेगा।

बेहतर शौचालय सुविधाएं और स्वच्छता प्रबंधन – पर्यटकों की सुविधा के लिए स्वच्छ और आधुनिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है।

उन्नत पेयजल प्रबंधन – पूरे चिड़ियाघर परिसर में स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक वाटर डिस्पेंसर लगाए जाएंगे।

इको-फ्रेंडली कैफेटेरिया और विश्राम स्थल – पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इको-फ्रेंडली कैफेटेरिया और आरामदायक विश्राम स्थल विकसित किए जाएंगे।

इन सुधारों के लिए 1.91 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसमें से 1 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए गए हैं।

पर्यटन मंत्री ने क्या कहा?

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि—

"नवाबगंज पक्षी विहार और लखनऊ चिड़ियाघर दशकों से प्रमुख इको-टूरिज्म स्थल रहे हैं। अब समय आ गया है कि इन्हें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आकर प्रकृति और वन्यजीवों का आनंद उठा सकें।"

 उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है और इससे राज्य की पर्यटन क्षमता में बढ़ोतरी होगी।


 यहां क्यों जाएं? (Why Visit?)

प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों का अद्भुत अनुभव
ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी का अनूठा रोमांच
बच्चों और परिवारों के लिए शानदार मनोरंजन विकल्प
स्वच्छ और हरा-भरा वातावरण, जो मानसिक शांति प्रदान करता है

 यात्रा की योजना कैसे बनाएं? (Travel Tips)

कैसे पहुंचे?

  • नवाबगंज पक्षी विहार लखनऊ-उन्नाव हाईवे पर स्थित है, जो लखनऊ से लगभग 45 किमी दूर है।

  • लखनऊ चिड़ियाघर शहर के बीचों-बीच स्थित है, जो रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

बेस्ट टाइम टू विज़िट:

  • नवाबगंज पक्षी विहार जाने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च के बीच होता है, जब प्रवासी पक्षी यहां आते हैं।

  • लखनऊ चिड़ियाघर पूरे साल खुला रहता है, लेकिन ठंड के मौसम में यहाँ जाना सबसे अच्छा रहता है।

टिकट और एंट्री फी:

  • पक्षी विहार और चिड़ियाघर दोनों में प्रवेश के लिए न्यूनतम शुल्क लगता है, जो बहुत ही किफायती है।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नवाबगंज पक्षी विहार और लखनऊ चिड़ियाघर में किए जा रहे ये सुधार इको-टूरिज्म को एक नई दिशा देंगे। इससे पर्यटकों को न केवल बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि उत्तर प्रदेश की जैव विविधता और प्राकृतिक धरोहर को भी संरक्षित रखने में मदद मिलेगी। अगर आप प्रकृति और वन्यजीव प्रेमी हैं, तो यह यात्रा आपके लिए अविस्मरणीय होगी।

🚀 क्या आप इन जगहों पर घूमने की योजना बना रहे हैं? हमें कमेंट करके बताएं! 😊