Rani Ki Vav. Photo: iStock |
इतिहास के पन्नों में अक्सर राजाओं और सम्राटों का ज़िक्र मिलता है, लेकिन भारत की कई भव्य ऐतिहासिक धरोहरें ऐसी भी हैं, जो महिलाओं की दृष्टि, प्रेम और नेतृत्व का प्रतीक हैं।
मुगल सम्राज्ञियों से लेकर राजपूत रानियों तक, कई महिलाओं ने अपने प्रियजनों की याद में, साम्राज्य की मजबूती के लिए या फिर कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अद्भुत स्मारकों का निर्माण करवाया। ये धरोहरें न केवल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना हैं, बल्कि इतिहास के उन पलों को भी जीवंत करती हैं, जब महिलाएं शक्ति और संवेदना का मेल थीं।
यहां हम आपको भारत की 7 सबसे शानदार ऐतिहासिक इमारतों के बारे में बता रहे हैं, जो महिलाओं द्वारा निर्मित की गई थीं और आज भी अपने सौंदर्य और महत्व के लिए जानी जाती हैं।
1. हुमायूं का मकबरा, दिल्ली
16वीं शताब्दी में बनी हुमायूं का मकबरा, भारत की पहली बाग़ीचे वाली मकबरा संरचना थी। इसे हुमायूं की पत्नी बेगा बेगम ने अपने पति की याद में बनवाया था। इस मकबरे की नक्काशीदार संगमरमर की छत, चारबाग शैली और विशाल गुंबद, बाद में ताजमहल के निर्माण की प्रेरणा बने। यह भारत के प्रमुख यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से एक है।
2. रानी की वाव, गुजरात
गुजरात के पाटण शहर में स्थित 'रानी की वाव' एक अद्भुत सीढ़ीदार कुआं (स्टेपवेल) है, जिसे 11वीं शताब्दी में रानी उदयामति ने अपने पति राजा भीमदेव प्रथम की याद में बनवाया था। यह कुआं सिर्फ जल संरक्षण के लिए ही नहीं, बल्कि भगवान विष्णु और अन्य देवी-देवताओं की खूबसूरत मूर्तियों के कारण भी प्रसिद्ध है। सात मंजिला यह संरचना एक भव्य कला दीर्घा जैसी प्रतीत होती है और इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
3. विरुपाक्ष मंदिर, कर्नाटक
7वीं शताब्दी में रानी लोकमहादेवी ने इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। उन्होंने इसे अपने पति राजा विक्रमादित्य द्वितीय की जीत की याद में बनवाया था। यह मंदिर, हम्पी के प्राचीन खंडहरों का एक हिस्सा है और अपनी भव्य गोपुरम (मुख्य द्वार), अद्भुत नक्काशी और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। आज भी यह मंदिर पूरी तरह कार्यरत है और यहां विभिन्न अनुष्ठान और उत्सव मनाए जाते हैं।
4. एतमाद-उद-दौला का मकबरा, आगरा
ताजमहल से पहले, एतमाद-उद-दौला का मकबरा बना था, जिसे अक्सर बेबी ताज भी कहा जाता है। इसे मुगल सम्राज्ञी नूरजहां ने अपने पिता मिर्ज़ा ग़ियास बेग की याद में बनवाया था। यह मकबरा सफेद संगमरमर और बारीक जड़ाऊ कला (पिएत्रा ड्यूरा) के लिए प्रसिद्ध है, जो बाद में ताजमहल की वास्तुकला के लिए प्रेरणा बनी। यह मकबरा यमुना नदी के किनारे स्थित है और मुगल स्थापत्य कला की उत्कृष्टता को दर्शाता है।
5. ताज-उल-मस्जिद, भोपाल
भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक, ताज-उल-मस्जिद, भोपाल की बेगम शाहजहां द्वारा बनवाई गई थी। गुलाबी बलुआ पत्थर से बनी यह मस्जिद अपने विशाल प्रांगण, ऊंचे मीनारों और भव्य गुंबदों के लिए जानी जाती है। हालांकि इसका निर्माण 19वीं शताब्दी में शुरू हुआ था, लेकिन यह 20वीं शताब्दी में जाकर पूरी हुई। यह मस्जिद न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि भोपाल के अनूठे इतिहास को भी दर्शाती है, जहां महिलाओं का शासन प्रभावी रहा था।
6. मिर्जन किला, कर्नाटक
16वीं शताब्दी में, रानी चेनाभैरादेवी ने इस किले का निर्माण करवाया था। उन्हें "पेपर क्वीन" कहा जाता था क्योंकि उनके शासनकाल में कर्नाटक से मसालों का व्यापार चरम पर था। यह किला समुद्र के किनारे स्थित एक अद्भुत संरचना है, जो प्राचीन गुप्त सुरंगों, विशाल दीवारों और रणनीतिक डिजाइन के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि आज यह किला आंशिक रूप से खंडहर हो चुका है, लेकिन फिर भी यह कर्नाटक की समृद्ध विरासत का प्रमाण है।
7. दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता
19वीं शताब्दी में, रानी रश्मोनी ने इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। यह मंदिर गंगा नदी के किनारे स्थित है और मां काली को समर्पित है। रानी रश्मोनी एक समाजसेवी और महिला सशक्तिकरण की प्रतीक थीं, जिन्होंने इस मंदिर को सभी जातियों और धर्मों के लोगों के लिए खोल दिया था। यह मंदिर रामकृष्ण परमहंस की साधना स्थली भी रहा है, जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है।
निष्कर्ष – महिलाओं की दूरदृष्टि और स्थापत्य कला का संगम
भारत में जब भी ऐतिहासिक धरोहरों की बात होती है, तो अक्सर राजा-महाराजाओं का नाम लिया जाता है। लेकिन ये 7 भव्य स्मारक इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय महिलाएं न केवल शक्तिशाली थीं, बल्कि वे कला, स्थापत्य और संस्कृति की संरक्षक भी थीं।
इन संरचनाओं ने भारत की इतिहास, संस्कृति और धार्मिक विरासत को समृद्ध किया है। तो अगली बार जब आप किसी ऐतिहासिक स्थल पर जाएं, तो इन महान महिलाओं के योगदान को याद करना न भूलें।
0 टिप्पणियाँ