Dakshineswar Kali Temple. Photo: iStock

 
Navratri 2025 करीब है और इस पावन पर्व पर देवी दुर्गा की आराधना करने वाले श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन करने की योजना बना रहे हैं। भारत के कई प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ हम आपको भारत के उन 8 प्रमुख दुर्गा मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहाँ इस Navratri 2025 के दौरान दर्शन कर आप आध्यात्मिक शांति और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

1. वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू-कश्मीर

स्थान: कटरा, त्रिकुटा पर्वत
विशेषता: गुफा मंदिर, 14 किमी की कठिन चढ़ाई

वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। यहाँ जाने के लिए श्रद्धालुओं को 14 किलोमीटर की चढ़ाई करनी होती है। भक्तगण "जय माता दी" के जयकारों के साथ इस पवित्र गुफा मंदिर तक पहुँचते हैं। Navratri 2025 के दौरान यहाँ लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। यदि आप धार्मिक यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो यह जगह आपके लिए सर्वोत्तम है।

2. दक्षिणेश्वर काली मंदिर, पश्चिम बंगाल

स्थान: कोलकाता, हुगली नदी के किनारे
विशेषता: 19वीं सदी में बना भव्य मंदिर, संत रामकृष्ण परमहंस से जुड़ा

यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और इसका ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। यह मंदिर कोलकाता में हुगली नदी के किनारे स्थित है और इसकी भव्यता देखने लायक है। इस मंदिर का संबंध महान संत रामकृष्ण परमहंस से भी रहा है। Navratri 2025 के अवसर पर यहाँ देवी दुर्गा के दर्शन का विशेष महत्व है।

3. कामाख्या मंदिर, असम

स्थान: गुवाहाटी, नीलांचल पर्वत
विशेषता: शक्तिपीठ, स्त्रीत्व और सृजन शक्ति का प्रतीक

कामाख्या देवी का यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और इसे स्त्री शक्ति की उपासना का सबसे महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहाँ देवी की मूर्ति नहीं है, बल्कि एक पवित्र गुफा में बहने वाला जल देवी के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। Navratri 2025 के दौरान यहाँ एक खास आयोजन होता है, जो भक्तों के लिए अनूठा अनुभव होता है।

4. ज्वाला देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश

स्थान: कांगड़ा जिला
विशेषता: यहाँ देवी की ज्वाला स्वयं प्रज्वलित रहती है

यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि यहाँ प्राकृतिक रूप से जलती हुई ज्वाला देवी का स्वरूप मानी जाती है। यह एक अद्भुत स्थान है, जहाँ बिना तेल और घी के लगातार अग्नि जलती रहती है। Navratri 2025 में यहाँ भक्तों का तांता लगा रहता है और देवी को लाल चुनरी और नारियल अर्पित किया जाता है।

5. चामुंडेश्वरी मंदिर, कर्नाटक

स्थान: मैसूर, चामुंडी हिल्स
विशेषता: 1000 साल पुराना मंदिर, मैसूर दशहरा का मुख्य आकर्षण

मैसूर के चामुंडी हिल्स पर स्थित यह भव्य मंदिर देवी दुर्गा के चामुंडेश्वरी रूप को समर्पित है। इस मंदिर तक पहुँचने के लिए भक्तों को 1,000 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। यह मंदिर Navratri 2025 के दौरान विशेष पूजा और उत्सव का केंद्र होगा।

6. कालीघाट मंदिर, पश्चिम बंगाल

स्थान: कोलकाता
विशेषता: शक्तिपीठ, यहाँ माता सती के दाहिने पैर की उंगली गिरी थी

यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और माना जाता है कि यहाँ माता सती के दाहिने पैर की उंगली गिरी थी। यह स्थान कोलकाता की सांस्कृतिक विरासत से भी जुड़ा हुआ है। Navratri 2025 के दौरान यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठानों का केंद्र बनेगा।

7. महालक्ष्मी मंदिर, महाराष्ट्र

स्थान: कोल्हापुर
विशेषता: देवी महालक्ष्मी (अंबाबाई) का भव्य मंदिर

कोल्हापुर में स्थित यह मंदिर देवी महालक्ष्मी को समर्पित है, जिन्हें दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है। इस मंदिर की भव्यता और ऐतिहासिक महत्व इसे महाराष्ट्र का एक प्रमुख धार्मिक स्थल बनाते हैं। Navratri 2025 के दौरान यहाँ विशेष आरती और अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा।

8. करनी माता मंदिर, राजस्थान

स्थान: बीकानेर
विशेषता: यहाँ देवी के भक्तों के रूप में हजारों चूहे रहते हैं

बीकानेर का करनी माता मंदिर अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में हजारों चूहे रहते हैं, जिन्हें देवी का भक्त माना जाता है। यहाँ अगर कोई श्रद्धालु सफेद चूहे के दर्शन कर ले, तो उसे बहुत शुभ माना जाता है। Navratri 2025 के दौरान यहाँ दर्शन का विशेष महत्व है।

निष्कर्ष: Navratri 2025 में करें इन अद्भुत मंदिरों के दर्शन

यदि आप Navratri 2025 के दौरान एक आध्यात्मिक यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो ये 8 प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर आपके लिए सबसे उत्तम रहेंगे। इन मंदिरों में भव्य पूजा-अर्चना, विशेष अनुष्ठान और देवी दुर्गा की अलौकिक अनुभूति प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।