उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं। अब अयोध्या, काशी और मथुरा के अलावा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, हापुड़ आदि जिलों में भी पर्यटन सुविधाओं का तेजी से विकास किया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) ने 85 करोड़ रुपये की विशेष सहायता स्वीकृत की है।
पर्यटन विकास के लिए स्वीकृत धनराशि
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए विभिन्न योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थलों का समेकित विकास शामिल है।
मुजफ्फरनगर: शुकतीर्थ में साउंड एंड लाइट शो के लिए 12.68 करोड़ रुपये
मेरठ: 1857 की क्रांति स्थलों और शहीद स्मारक के पर्यटन विकास के लिए 4.53 करोड़ रुपये
हस्तिनापुर: ऐतिहासिक पर्यटन विकास के लिए 15.04 करोड़ रुपये
सरधना: पर्यटन विकास के लिए 4.54 करोड़ रुपये
बुलंदशहर: मां अवंतिका देवी मंदिर के पर्यटन विकास के लिए 11.37 करोड़ रुपये
गाजियाबाद: दूधेश्वर नाथ मंदिर के पर्यटन विकास के लिए 5.52 करोड़ रुपये
इसके अलावा, हापुड़ और मुजफ्फरनगर में पहले से निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए भी धनराशि जारी की गई है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल
पर्यटन मंत्री ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई ऐसे स्थल हैं, जिनका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। अब इन स्थलों को बेहतर बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक पर्यटक आकर्षित हो सकें।
1. शुकतीर्थ, मुजफ्फरनगर
यह वह पवित्र स्थान है, जहां वट वृक्ष के नीचे शुकदेव महाराज ने राजा परीक्षित को पहली बार श्रीमद्भागवत कथा सुनाई थी। यहां धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और साउंड एंड लाइट शो इसे और भी आकर्षक बनाएगा।
2. 1857 क्रांति स्थल, मेरठ
1857 की स्वतंत्रता संग्राम की पहली चिंगारी मेरठ से ही उठी थी। यहां स्थित शहीद स्मारक और अन्य क्रांति स्थलों को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास को करीब से देख सके।
3. हस्तिनापुर, मेरठ
हस्तिनापुर महाभारत काल से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां कई जैन और हिंदू मंदिर स्थित हैं, जिनका पर्यटन विकास किया जाएगा। इसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
4. सरधना, मेरठ
सरधना अपनी ऐतिहासिक चर्च और अन्य संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। इसे भी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे इसकी सांस्कृतिक धरोहर को और अधिक प्रचारित किया जा सके।
5. मां अवंतिका देवी मंदिर, बुलंदशहर
यह मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है और अब इसके पर्यटन विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
6. दूधेश्वर नाथ मंदिर, गाजियाबाद
गाजियाबाद का यह प्रसिद्ध मंदिर भक्तों के बीच विशेष महत्व रखता है। इसे भी धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सरकार की प्राथमिकता में पर्यटन
पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में देश में पहले स्थान पर है और सरकार इसे और अधिक मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करने के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
निष्कर्ष
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किया जा रहा यह प्रयास न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करेगा, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। आने वाले समय में यह क्षेत्र पर्यटन के नए केंद्र के रूप में उभरेगा, जहां देश-विदेश से पर्यटक आकर इसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का अनुभव कर सकेंगे।
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