A realistic digital painting of the grand International Ramayana Conclave in Ramtek, Maharashtra. The scene captures a vibrant cultural event with a l

महाराष्ट्र का रामटेक एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। यह वही पावन भूमि है, जहाँ भगवान श्रीराम अपने वनवास काल के दौरान अगस्त्य ऋषि से मिले थे और उन्होंने राक्षसों के संहार की प्रतिज्ञा ली थी। इस ऐतिहासिक धरोहर को जीवंत करने के उद्देश्य से त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है।

यह भव्य आयोजन 07 से 09 मार्च 2025 तक चलेगा और इसमें भक्ति, नृत्य, संगीत, और काव्य का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग और अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति, परंपरा, और भक्ति को संजोने का एक बड़ा प्रयास है।

कार्यक्रम की मुख्य झलकियां

1. अखिल भारतीय कवि सम्मेलन (07 मार्च 2025)

रामटेक के नेहरू ग्राउंड में देशभर के ख्याति प्राप्त कवि अपनी काव्य रचनाओं की सरिता बहाएंगे। इस दौरान श्रीराम के जीवन और मर्यादा को लेकर कविताओं का पाठ किया जाएगा।

सम्मिलित होने वाले प्रमुख कवि:
नरेंद्र मिश्र धड़कन (छत्तीसगढ़)
निशा आनंद (छत्तीसगढ़)
मनीष वाजपेयी (कामठी)
रामवृक्ष मिश्रा (नागपुर)
राजेंद्र शुक्ल सहज (मध्य प्रदेश)
स्वयं श्रीवास्तव (लखनऊ)
प्रमोद शाहू पारखी (महाराष्ट्र)

यह कवि सम्मेलन रामायण और भगवान श्रीराम के आदर्शों पर आधारित होगा, जिसमें भारतीय संस्कृति की झलक मिलेगी।

2. भव्य भजन संध्या (08-09 मार्च 2025)

रामटेक का नेहरू मैदान दो रातों तक भक्ति के रंग में रंगा रहेगा। पूरे माहौल को राममय बनाने के लिए भजन संध्या का आयोजन किया गया है, जिसमें देश के जाने-माने भजन गायक अपनी प्रस्तुति देंगे।

स्वाति मिश्रा (मुंबई) – "मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे" जैसे भजनों से भक्ति का संचार करेंगी।
राजीव सिंह (भोपाल) – अपने भजनों की लड़ी से संध्या को और भी मोहक बनाएंगे।
प्रिया पाटीदार – महिला दिवस के उपलक्ष्य में अपनी सुमधुर आवाज़ से आयोजन की शोभा बढ़ाएंगी।
पद्मश्री अनूप जलोटा – 09 मार्च को अपने भजनों से समापन समारोह को भव्य बनाएंगे।

3. नारी सम्मान शोभायात्रा (08 मार्च 2025)

महिला दिवस के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक से नेहरू ग्राउंड तक भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह आयोजन महिलाओं की शक्ति और सम्मान को समर्पित होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे।

रामटेक का ऐतिहासिक महत्व

रामटेक वह पावन स्थान है, जहाँ भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान ऋषि अगस्त्य से शस्त्रों का ज्ञान प्राप्त किया था। यह वही स्थान है जहाँ उन्हें ब्रह्मास्त्र प्रदान किया गया था और उन्होंने राक्षसों के विनाश की प्रतिज्ञा ली थी।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि रामायण कॉन्क्लेव का उद्देश्य भगवान श्रीराम के जीवन दर्शन को जीवंत करना और भारतीय संस्कृति की विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुँचाना है।

अंतर्राष्ट्रीय महत्व

इस रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन केवल भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल, श्रीलंका और देश के छह राज्यों में भी किया जा रहा है। इसके तहत राम वन गमन पथ से जुड़े 10 ऐतिहासिक स्थानों पर विशेष आयोजन किए जा रहे हैं, जिससे भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों का महत्व और अधिक बढ़े।

समापन

त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव एक भव्य आध्यात्मिक आयोजन होगा, जो भारतीय संस्कृति, भक्ति, संगीत और साहित्य का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा। यह सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक संस्कृति का पुनर्जागरण होगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भगवान श्रीराम के आदर्शों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

अगर आप रामायण और भारतीय संस्कृति से जुड़े इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो 07 से 09 मार्च 2025 के बीच रामटेक जरूर जाएं और इस भव्य आध्यात्मिक महोत्सव का आनंद लें! 🚩🔥