काशी के घाटों का वैश्विक मानचित्र पर उत्थान
भारत की प्राचीनतम जीवंत नगरी, वाराणसी, अपने ऐतिहासिक घाटों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। सदियों से यह घाट भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और आस्था का केंद्र रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने अब इन घाटों के सौंदर्यीकरण और संरक्षित करने के लिए 41.23 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाएँ स्वीकृत की हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य पर्यटकों और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ प्रदान करना है ताकि वे वाराणसी के पवित्र और ऐतिहासिक घाटों का एक विशेष अनुभव प्राप्त कर सकें।
परियोजनाओं की रूपरेखा और मुख्य उद्देश्य
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन विकास योजनाओं का उद्देश्य घाटों की धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सुंदरता को संजोए रखना और आधुनिक सुविधाओं का समावेश करना है। घाटों का पुनरोद्धार और विकास एक व्यापक रणनीति के तहत किया जा रहा है, जिसमें जल प्रबंधन, स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को प्राथमिकता दी गई है।
प्रमुख घाटों के लिए स्वीकृत धनराशि और कार्य
1. दशाश्वमेध घाट
जीर्णोद्धार और पर्यटन सुविधाओं के लिए 8.28 करोड़ रुपये की मंजूरी
अब तक 3 करोड़ रुपये जारी
2. गोला से नमो घाट
पर्यटन सुविधाओं के लिए 6.18 करोड़ रुपये स्वीकृत
अब तक 2.50 करोड़ रुपये जारी
3. अस्सी से संत रविदास घाट
घाटों के जीर्णोद्धार और विकास के लिए 8.25 करोड़ रुपये
अब तक 3 करोड़ रुपये जारी
4. अस्सी घाट
पुनरोद्धार कार्यों के लिए 6.21 करोड़ रुपये
अब तक 2.50 करोड़ रुपये जारी
5. अस्सी घाट से दशाश्वमेध घाट मार्ग
संपूर्ण मार्ग पर पर्यटन सुविधाओं के विस्तार हेतु 6.15 करोड़ रुपये
अब तक 2.50 करोड़ रुपये जारी
6. दशाश्वमेध घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर घाट के मध्य घाटों का जीर्णोद्धार
तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु 6.16 करोड़ रुपये
अब तक 2.50 करोड़ रुपये जारी
घाटों पर नई सुविधाएँ और संरचनाएँ
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन परियोजनाओं के तहत घाटों पर कई महत्वपूर्ण सुविधाएँ विकसित की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
आरती स्थल और पूजन स्थल का निर्माण
श्रद्धालुओं के लिए बैठने की विशेष सुविधाएँ
संपर्क मार्गों का सुधार और पक्के घाटों का पुनर्निर्माण
पत्थर की कलाकृतियाँ और साइनेज
अस्सी घाट पर एक भव्य वीआईपी मंडप का निर्माण
वाराणसी: आध्यात्मिकता और पर्यटन का संगम
वाराणसी केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र भी है। यह नगरी न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक यात्रियों को भी आकर्षित करती है। सरकार द्वारा घाटों के सौंदर्यीकरण की इस पहल से:
धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
स्थानीय व्यापारियों, गाइड, नाविकों और हस्तशिल्प उद्योग को आर्थिक लाभ होगा।
पर्यटकों को स्वच्छ, सुरक्षित और भव्य वातावरण मिलेगा।
वाराणसी को विश्व पर्यटन मानचित्र पर और भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होगा।
निष्कर्ष
वाराणसी के घाटों का सौंदर्यीकरण केवल एक विकास परियोजना नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनरुद्धार है। इन परियोजनाओं से न केवल घाटों की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता बनी रहेगी, बल्कि श्रद्धालु और पर्यटक भी एक भव्य और दिव्य अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल से काशी का प्राचीन गौरव और अधिक उज्ज्वल होगा, जिससे यह नगरी भारतीय आध्यात्मिकता और संस्कृति का एक अनमोल प्रतीक बनी रहेगी।
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