Chadar Trek. Photo: iStock |
लद्दाख… ये नाम सुनते ही मन में बर्फ से ढके पहाड़, नीला आसमान, शांत वादियाँ और दिल धड़काने वाला रोमांच घूमने लगता है। अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं और कुछ हटकर करना चाहते हैं, तो लद्दाख की ट्रेकिंग आपके लिए एकदम परफेक्ट है। यहाँ की ऊँचाई, मुश्किल रास्ते और ठंडी हवा आपको थका जरूर देंगी, लेकिन हर कदम पर मिलने वाला नज़ारा आपकी सारी थकान उतार देगा।
इस ब्लॉग में हम आपको लद्दाख की 4 बेहतरीन ट्रेक्स के बारे में बताएंगे जो हर ट्रेकर की बकेट लिस्ट में होनी चाहिए। साथ ही हम आपको कुछ जरूरी टिप्स भी देंगे जिससे आपकी यात्रा और भी मजेदार और सेफ हो जाए।
1. मार्का वैली ट्रेक – संस्कृति, प्रकृति और रोमांच का तड़का
अगर आप ट्रेकिंग में सिर्फ चढ़ाई ही नहीं, बल्कि सुंदर घाटियाँ, नदी पार करना, पुराने मठ देखना और स्थानीय लोगों से मिलना चाहते हैं – तो मार्का वैली ट्रेक आपके लिए है। ये ट्रेक करीब 6 से 7 दिन का होता है और हेमिस नेशनल पार्क से होकर गुजरता है, जहाँ ब्लू शीप और अगर किस्मत अच्छी हो तो स्नो लेपर्ड भी देखने को मिल सकते हैं।
हाइलाइट्स
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5,200 मीटर ऊँचा कॉन्गमारू ला पास
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पारंपरिक लद्दाखी होमस्टे में रहना
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मक्खन वाली चाय और रात की अलाव पर बातें
2. चादर ट्रेक – जमी हुई ज़ांस्कर नदी पर चलना
हर सर्दी में ज़ांस्कर नदी बर्फ की चादर बन जाती है, और उस पर चलना एक अलग ही अनुभव होता है। तापमान -30°C तक गिर जाता है और ट्रेकिंग के दौरान बर्फ की परत पर चलना, बर्फीले झरनों को देखना और गुफाओं में रात गुज़ारना किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लगता।
ध्यान दें:
ये ट्रेक बिलकुल नौसिखियों के लिए नहीं है। तैयारी पूरी हो, तभी करें क्योंकि कई बार बर्फ अचानक पिघल भी सकती है।
3. स्टोक कांगरी ट्रेक – ऊँचाइयों से मोहब्बत करने वालों के लिए
अगर आप खुद को फिट मानते हैं और एक सच्चे ट्रेकर हैं, तो स्टोक कांगरी ट्रेक आपके लिए चैलेंज है। 6,153 मीटर ऊँचा ये शिखर भारत के सबसे ऊँचे ट्रेकिंग पीक में से एक है। रास्ते में ग्लेशियर पार करने होंगे, तीखी चढ़ाइयाँ होंगी और ऑक्सीजन की कमी से भी लड़ना होगा।
लेकिन जब आप चोटी पर पहुँचेंगे?
तो सामने कराकोरम रेंज और साफ दिन हो तो K2 की झलक – ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत पल होगा।
4. श्याम वैली ट्रेक – शुरुआती ट्रेकर्स के लिए परफेक्ट
हर कोई एकदम से ऊँचाई पर नहीं जा सकता। अगर आप ट्रेकिंग की दुनिया में नए हैं, तो श्याम वैली ट्रेक (जिसे बेबी ट्रेक भी कहते हैं) आपके लिए बेस्ट है। यहाँ की वादियाँ आसान हैं, रास्ते गाँवों से होकर जाते हैं और आपको स्थानीय लद्दाखी खानपान और संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलता है।
बोनस:
इंद्र घाटी के दृश्य, पुरानी मोनेस्ट्रीज़ और गाँव के लोगों की सादगी – सब कुछ दिल छू जाता है।
ट्रेकिंग पर जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान:
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फिटनेस जरूरी है:
रोजाना स्क्वाट्स, लुंजेस और सीढ़ियाँ चढ़ने की प्रैक्टिस करें। -
अक्लाइमेटाइजेशन:
ट्रेक से पहले लेह में 2-3 दिन रुक कर शरीर को ऊँचाई का आदि बनाएं। -
पैकिंग स्मार्टली करें:
लेयर्स में कपड़े पहनें, सनस्क्रीन और सनग्लासेस ज़रूर साथ रखें। -
गुड शूज और बैग:
ट्रेकिंग के लिए अच्छे ग्रिप वाले जूते और मजबूत बैग होना चाहिए। -
हाइड्रेशन जरूरी है:
ऊँचाई पर पानी की कमी जल्दी लगती है, तो लगातार पानी पीते रहें।
निष्कर्ष
लद्दाख की ट्रेकिंग सिर्फ एक यात्रा नहीं, एक आत्मिक अनुभव है। यहाँ की हवा, पहाड़, लोग और रास्ते – सब कुछ आपको जीवनभर याद रहेगा। हाँ, ये आसान नहीं है, लेकिन शायद इसी में इसकी खूबसूरती है।
तो फिर सोच क्या रहे हैं? बैग पैक कीजिए, ट्रेकिंग शूज पहनिए, और चल पड़िए लद्दाख की इन अद्भुत ट्रेक्स पर – एक रोमांचक और यादगार अनुभव की ओर!
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