5 Reasons Why Mukteshwar Is The Summer Weekend Getaway You've Been Dreaming Of
Mukteshwar Mahadev Temple. Photo: iStock

जब शहरों की गर्मी दम घोंटने लगे, ट्रैफिक का शोर सिर चढ़ने लगे और मन शांति की तलाश में भटकने लगे — तब वक्त होता है बैग पैक करने का और किसी ठंडी, सुकूनभरी जगह की ओर निकल जाने का।

मुक्तेश्वर, उत्तराखंड के कुमाऊं रीजन में छुपा हुआ एक ऐसा ही गुप्त रत्न है — जो अब भीड़भाड़ से दूर है, लेकिन हर मामले में दिल जीत लेने वाला।

यहाँ हम आपको बताएंगे वो 5 वजहें जिनकी वजह से मुक्तेश्वर आपकी अगली गर्मियों की वीकेंड ट्रिप जरूर होनी चाहिए।

1. यहां का मौसम और माहौल — एकदम रिफ्रेशिंग!

मुक्तेश्वर की ऊंचाई लगभग 2,285 मीटर है, और यहीं की सबसे बड़ी खासियत है — इसका मौसम। ना ज़्यादा ठंडा, ना ज़्यादा गर्म — बस एकदम परफेक्ट। सुबह-सुबह हल्की सी ठंड, हवा में देवदार और चीड़ के पेड़ों की खुशबू, और चाय की चुस्की के साथ हिमालय की झलक।

यहां का सुकून ऐसा है कि लगता है जैसे समय थम गया हो। भीड़ नहीं, ट्रैफिक नहीं, और न ही सेल्फी-स्टिक वाले टूरिस्ट। अगर आप वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, तो यहां कुछ दिन रहकर काम करना किसी थेरेपी से कम नहीं होगा।

2. बर्डवॉचिंग यहाँ एक एक्सपीरियंस है

अगर आपने कभी सोचा है कि "बस कुछ देर चुपचाप बैठकर नेचर को महसूस किया जाए," तो मुक्तेश्वर आपकी जगह है।

यह इलाका 200 से भी ज़्यादा पक्षियों की प्रजातियों का घर है — जैसे कि हिमालयन ग्रिफ़न, बार्बेट्स, वुडपेकर, और यहां तक कि माउंटेन हॉक ईगल भी।

बस एक कप चाय लें, बालकनी में बैठें और सुबह की रोशनी में उन पक्षियों को देखें — ये नेचर का लाइव शो है, वो भी फ्री में।

3. भालू गाड़ वॉटरफॉल — ट्रेकिंग और रिलैक्सेशन का परफेक्ट कॉम्बो

मुक्तेश्वर से थोड़ी दूर एक छोटा सा ट्रेक आपको ले जाता है भालू गाड़ वॉटरफॉल की ओर — और सच मानिए, ये जगह किसी फिल्म के सीन जैसी लगती है।

लगभग 60 फीट ऊँचाई से गिरता हुआ झरना, नीचे बना एक नैचुरल पूल, और चारों ओर हरियाली — यहां का नज़ारा आंखों और दिल दोनों को ठंडक देता है।

थोड़ी ट्रेकिंग करनी पड़ती है (अच्छे जूते पहनना मत भूलिए), लेकिन जब आप वहां पहुंचते हैं तो जो शांति मिलती है, वो हर कदम की मेहनत वसूल कर देती है।

4. खाने और रहने का इंतज़ाम — कमाल का है

मुक्तेश्वर भले ही एक छोटा सा हिल स्टेशन है, लेकिन यहां का फूड सीन काफी दिलचस्प है।

होटल और होमस्टे में आपको मिलती हैं गरमागरम पहाड़ी दाल-सब्जी, घर की बनी रोटियां, और ऑर्गेनिक सलाद — और अगर मन कुछ मॉडर्न खाने का हो, तो यहां कुछ कैफे भी हैं जो वुड-फायर्ड पिज्जा और फ्रेश ब्रू कॉफी सर्व करते हैं।

रहने की जगहें भी एक से बढ़कर एक — लकड़ी से बने कमरों में बड़ी-बड़ी खिड़कियां, हिमालय की झलक, और कभी-कभी तो बर्फ से ढके पहाड़ भी दिख जाते हैं।

 5. आध्यात्म और शांति — बिना भीड़भाड़ के

मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, इस पूरे क्षेत्र की आत्मा है। 350 साल पुराना यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर बना है, जहां से पूरे हिमालय का नज़ारा दिखता है।

यहां ना तो लाउडस्पीकर हैं, ना ही ज़बरदस्ती कुछ बेचने वाले दुकानदार। सिर्फ मंदिर की घंटियों की आवाज़, हल्की हवा, और मन की शांति।

अगर आप किसी ऐसी जगह जाना चाहते हैं जो आध्यात्मिक हो लेकिन शांत और सौम्य, तो यह मंदिर आपके लिए परफेक्ट है।

निष्कर्ष: क्यों जाएं मुक्तेश्वर?

मुक्तेश्वर कोई दिखावे वाला टूरिस्ट प्लेस नहीं है — और शायद यही इसकी सबसे बड़ी खूबी है। यह आपको वो सुकून देता है जिसकी आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है।

सोलो ट्रिप, कपल्स गेटअवे, या दोस्तों के साथ रोड ट्रिप — मुक्तेश्वर हर मौके के लिए बेस्ट है।

तो अगली बार जब वीकेंड प्लान कर रहे हों, और मन किसी नई जगह जाने का करे — तो मॉल रोड या ओवरहाइप्ड डेस्टिनेशन को छोड़िए और चलिए मुक्तेश्वर की ओर।

बस ध्यान रहे — ज्यादा लोगों को मत बताना, ये जगह जितनी कम भीड़ वाली है, उतनी ही खास है!