उत्तर प्रदेश का चित्रकूट केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता से भरपूर एक अद्भुत पर्यटन स्थल भी है। अब इसे इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की तैयारी जोरों पर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने रानीपुर टाइगर रिजर्व के आसपास इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 13.68 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। इस पहल का उद्देश्य पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाना और इस क्षेत्र को एक विश्वस्तरीय इको टूरिज्म गंतव्य बनाना है।
चित्रकूट: अध्यात्म और प्रकृति का अनूठा संगम
चित्रकूट को धार्मिक आस्था का केंद्र माना जाता है, लेकिन यहां की हरी-भरी वादियां, झरने, जंगल और विविध वन्यजीवन इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक शानदार जगह बनाते हैं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह का कहना है कि सरकार चित्रकूट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक सुविधाओं का विस्तार कर रही है, जिससे पर्यटकों को यहां एक अनोखा और यादगार अनुभव मिल सके।
रानीपुर टाइगर रिजर्व: वन्यजीव प्रेमियों के लिए जन्नत
चित्रकूट में स्थित रानीपुर टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश का पहला टाइगर रिजर्व है, जिसे 2022 में घोषित किया गया था। यह रिजर्व अपने घने जंगलों, दुर्लभ वन्यजीवों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इस परियोजना के तहत इस क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिससे पर्यटक यहां के वन्य जीवन को और भी करीब से देख और महसूस कर सकें।
परियोजना के तहत विकसित की जाने वाली सुविधाएं:
सरकार इस क्षेत्र को आकर्षक और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण ढांचागत विकास कार्य कर रही है, जिनमें शामिल हैं –
✔️ पर्यटन कॉटेज: आधुनिक और आरामदायक कॉटेज बनाए जाएंगे, जहां पर्यटक जंगल के बीच ठहरने का अनुभव ले सकेंगे।
✔️ योग एवं ध्यान केंद्र: प्राकृतिक वातावरण में योग और ध्यान के लिए विशेष केंद्र विकसित किए जाएंगे।
✔️ ओपन पब्लिक एरिया: जहाँ पर्यटक प्रकृति के बीच खुली हवा में बैठकर सुकून महसूस कर सकें।
✔️ बहुउद्देश्यीय हॉल और पार्टी लॉन: पारिवारिक समारोह और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
✔️ रेस्तरां और रसोई: स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने के लिए एक शानदार भोजनालय भी बनाया जाएगा।
✔️ प्रवेश द्वार और हरित मार्ग: प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखते हुए इको-फ्रेंडली टूरिज्म सुविधाओं का विकास होगा।
✔️ प्रशासनिक भवन और क्लॉक रूम: पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रशासनिक व्यवस्थाएं होंगी।
पर्यटन से स्थानीय लोगों को मिलेगा लाभ
इस परियोजना का एक प्रमुख उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार और आर्थिक अवसर उपलब्ध कराना भी है। जब चित्रकूट में पर्यटन बढ़ेगा, तो होटल, रेस्तरां, टूर गाइड, परिवहन सेवाएं और हस्तशिल्प व्यवसाय में वृद्धि होगी। इससे क्षेत्र के लोगों की आय बढ़ेगी और उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा।
क्यों जाएं चित्रकूट?
अगर आप प्रकृति और अध्यात्म दोनों का आनंद लेना चाहते हैं, तो चित्रकूट आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यहाँ के घने जंगलों में बाघों और अन्य वन्यजीवों को देखने का रोमांच मिलेगा, तो दूसरी ओर कामदगिरि पर्वत, गुप्त गोदावरी और मंदाकिनी नदी जैसी धार्मिक और पौराणिक जगहें भी आपके मन को शांति देंगी।
निष्कर्ष
चित्रकूट में इको टूरिज्म के बढ़ते कदम इसे एक नए स्वरूप में ला रहे हैं। सरकार द्वारा उठाए गए ये प्रयास इस क्षेत्र को भारत के प्रमुख इको टूरिज्म स्थलों में शामिल कर सकते हैं। अगर आप प्राकृतिक सुंदरता, शांति, वन्यजीवन और आध्यात्मिक अनुभव एक साथ चाहते हैं, तो चित्रकूट की यात्रा आपकी "बकेट लिस्ट" में जरूर होनी चाहिए!
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