आरडीटीएम 2025 केवल मेला नहीं, बल्कि बदलती सोच और नई संभावनाओं का आईना है : रुक्मणि रियाड़,पर्यटन आयुक्त
प्रणाम पर्यटन ब्यूरो
जयपुर। राजस्थान डोमेस्टिक ट्रैवल मार्ट (आरडीटीएम) 2025 सम्पन्न हो चुका है, लेकिन इसके जरिए राज्य ने पर्यटन का जो नया खाका पेश किया है, वह आने वाले वर्षों की दिशा साफ़ करता है। तीन दिन तक चले इस आयोजन ने यह दिखा दिया कि राजस्थान केवल किलों और हवेलियों का प्रदेश नहीं, बल्कि घरेलू पर्यटन, निवेश, रोजगार और महिला सशक्तिकरण का उभरता केंद्र है। इस पूरे परिदृश्य में सबसे प्रमुख भूमिका रही राज्य की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी की, जिन्होंने पर्यटन को विकास की धुरी बनाने का विज़न सामने रखा।उद्घाटन से लेकर समापन तक दिया कुमारी हर मंच पर केंद्र में रहीं। उनका यह संकल्प उनके भाषण में दिखा की राजस्थान को दुनिया का नंबर वन डेस्टिनेशन बनाना है” अब एक वकत्वय नहीं है यह उससे कहीं आगे बढ़कर रणनीतिक दिशा बन गया है। उन्होंने साफ़ कहा कि राज्य सरकार पर्यटन सुविधाओं पर 5000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। साथ ही महिला पर्यटकों के लिए विशेष मोबाइल ऐप की घोषणा कर उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सुरक्षा और सहजता पर्यटन की पहली शर्त है। इस कदम ने न केवल महिला पर्यटकों बल्कि महिला उद्यमियों और ग्रामीण महिलाओं तक सकारात्मक संदेश पहुंचाया।
मार्ट की सबसे बड़ी उपलब्धि रही रिकॉर्ड स्तर पर हुई कारोबारी गतिविधियां। बी.एम. बिड़ला सभागार में आयोजित बी2बी सत्रों में 19,296 व्यावसायिक मुलाक़ातें की गई। 285 प्रदर्शकों ने 600 से अधिक पर्यटन स्थलों के में बताया। 295 होस्टेड बायर्स, 543 नॉन-होस्टेड बायर्स तथा 700 से अधिक वॉक-इन विज़िटर्स ने राजस्थान की पर्यटन संभावनाओं में गहरी रुचि दिखाई। यह आँकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि राजस्थान घरेलू पर्यटन बाज़ार में अब सबसे बड़ी ताक़त बनकर उभर रहा है।आरडीटीएम का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू रहा महिला सशक्तिकरण। ‘लखपति दीदी पहल’ के तहत स्वयं सहायता समूहों को स्टॉल उपलब्ध कराए गए। दौसा, बाड़मेर और जयपुर की महिलाओं के बनाए हस्तशिल्प, चमड़े की जूतियाँ, ब्लॉक प्रिंट, लकड़ी के शिल्प और पेपर उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान मिली। यह पहल बताती है कि पर्यटन अब केवल होटल-रेस्तरां तक सीमित नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं की आजीविका और आत्मनिर्भरता का मजबूत साधन बन रहा है।
इस आयोजन ने परंपरा और आधुनिकता का शानदार संगम दिखाया। उद्घाटन सत्र में शेखावाटी की हवेलियों और धरोहर संरक्षण योजनाओं का उल्लेख किया गया, जबकि बी2बी मीटिंग्स और सोशल मीडिया ब्रांडिंग ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजस्थान अब तकनीक और मार्केटिंग की मदद से आधुनिक पर्यटन ब्रांड बनेगा। सबसे अहम रहीं स्टेकहोल्डर्स के लिए आयोजित फैम ट्रिप्स। एक यात्रा में जयपुर, मंडावा, बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर और जवाई शामिल रहे। दूसरी यात्रा में बूंदी, कोटा, रणथंभौर, अलवर और सरिस्का के पर्यटन स्थल दिखाए गए तो वहीं तीसरी यात्रा में पुष्कर, जोधपुर, रणकपुर, कुम्भलगढ़ और उदयपुर को शामिल किया गया।इन यात्राओं ने यह संदेश दिया कि राजस्थान की असली पहचान महज़ जयपुर-उदयपुर-जैसलमेर तक सीमित नहीं है। छोटे कस्बे, किले, प्राकृतिक स्थल और ग्रामीण पर्यटन भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं।
पर्यटन विभाग की आयुक्त रुक्मणि रियाड़ ने कहा कि यह आयोजन केवल मेला नहीं, बल्कि बदलती सोच और नई संभावनाओं का आईना है। फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म ऑफ राजस्थान (एफएचटीआर) के अध्यक्ष कुलदीप सिंह चंदेला के शब्दों में– जब परंपरा और आधुनिकता साथ आती है, तो पर्यटन जगत को नई दिशा मिलती है।आयोजन के दौरान पर्यटन क्षेत्र में योगदान देने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान भी किया गया, जिससे यह संदेश गया कि राजस्थान अपने अनुभवी लोगों और नई प्रतिभाओं दोनों को बराबर महत्व देता है।कुल मिलाकर, आरडीटीएम 2025 ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पर्यटन अब राजस्थान की राजनीति, समाज और अर्थव्यवस्था – तीनों का मूल स्तंभ बनने जा रहा है। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी का नेतृत्व उन्हें न केवल राज्य की पहली महिला उप मुख्यमंत्री के रूप में सशक्त करता है, बल्कि उन्हें राजस्थान के पर्यटन भविष्य की पहचान भी बनाता है क्योंकि राजस्थान अब केवल धरोहर और रेगिस्तान का प्रतीक नहीं, बल्कि पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण का राष्ट्रीय मॉडल बनकर उभर रहा है।
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