गुरु का ताल गुरुद्वारा का होगा पर्यटन विकास : जयवीर सिंह
लखनऊ : धार्मिक स्वतंत्रता के अमर प्रतीक गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष पर उत्तर प्रदेश ने सिख विरासत को सम्मान देते हुए आगरा स्थित गुरु का ताल गुरुद्वारा के समेकित पर्यटन विकास को नई गति दी है। इतिहास साक्षी है कि गुरु तेग बहादुर जी ने अपने आगरा प्रवास के दौरान यहां विश्राम किया था। इसी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को संरक्षित करते हुए राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के विकास मद से 02 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत किए हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। पर्यटन मंत्री ने बताया कि ‘सिख धर्म के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर जी अदम्य साहस और मानवता के प्रतीक रहे हैं। उनका बलिदान हमें अन्याय के विरुद्ध खड़े होने की प्रेरणा देता है। गुरु तज बहादुर जी की वीरता और मूल्यों के कारण उन्हें ‘भारत का कवच’ और ‘हिन्द दी चादर’ जैसे उपनाम प्राप्त हुए, जो आज भी समाज को सत्य, करुणा और न्याय के मार्ग पर अग्रसर करते हैं।’
पर्यटन के लिहाज से आगरा उत्तर प्रदेश का प्रमुख केंद्र रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, एनसीआर, लखनऊ और बुंदेलखंड क्षेत्र के करीब होने का फायदा भी पर्यटकों को मिलता है। विभिन्न रास्तों से आगरा तक पहुंचना सुलभ है। वर्ष 2024 में आगरा आने वाले पर्यटकों की संख्या करीब 1.78 करोड़ रही थी, जो वर्ष 2025 के जनवरी से जून तक 77,09,078 रही। प्रतिवर्ष देश ही नहीं दुनियाभर से बड़ी संख्या में पर्यटकों का आगरा आगमन होता है, जिससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, बल्कि रोजगार के भी रास्ते खुले हैं।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश का आगरा जिला पर्यटन मानचित्र पर चमकता श्ध्रुव ताराश् है। समृद्ध प्राचीन विरासत, विविध आध्यात्मिक स्थलों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित पर्यटन आकर्षणों की बदौलत यह जनपद देश-विदेश के यात्रियों के लिए एक अद्वितीय गंतव्य बन गया है। ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के साथ, प्रदेश का पर्यटन विभाग सर्वधर्म समभाव की भावना पर चलते हुए उत्तर प्रदेश की बहुआयामी आस्था-परंपराओं को सुरक्षा, सम्मान और नए विकास अवसरों से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।’
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