जहाँ मर्दों के नाम ज्ञानप्पा व महिलाओं के ज्ञानव्वा
(प्रणाम पर्यटन ब्यूरो )
कोप्पल । अगर आप कर्नाटक  राज्य के कोप्पल डिस्ट्रिक्ट के गुनाल्ली गांव किसी शख्स से मिलने जा रहे हैं तो बेहतर होगा उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेकर जाएं। क्योंकि वहां सबका नाम ज्ञानप्पा होता है। ऐसे में अगर आप वहां गए तो आपसे पूछा जाएगा कि आपको किस ज्ञानप्पा से मिलना है? चिक्का ज्ञानप्पा या डोड्डा ज्ञानप्पा? चाय का ठेला लगाने वाला, बाल काटने वाला, छोटी-सी दुकान चलाने वाला, या फिर जमींदार? क्योंकि यहां हर कोने और गली में एक ज्ञानप्पा और ज्ञानव्वा है। गुनाल्ली गांव में, हर मर्द ज्ञानप्पा है और हर औरत ज्ञानव्वा। यहां जब कोई लड़का पैदा होता है तो उसका नाम ज्ञानप्पा रखा जाता है और बच्चियों को ज्ञानव्वा नाम दिया जाता है। जहां तक सवाल विशेष पहचान का है तो इन्हें न तो कोई उपनाम दिया जाता है और न ही कोई निकनेम। 

नॉर्थ कर्नाटक के इस गांव में ज्ञानप्पा एक ऐसा नाम है जो हद से ज्यादा कॉमन है। हमें भले ही लगता हो कि यहां के रहने वालों को आइडेंटिटी क्राइसिस का सामना करना पड़ता होगा लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। वो परिवार में पीढ़ियों से चली आ रहीं डोड्डा या चिक्का जैसी उपाधियों को नाम के आगे लगाकर सारे कन्फ्यूजन दूर कर लेते हैं। बड़ों को डोड्डा ज्ञानप्पा या डोड्डा ज्ञानप्व्वा पुकारा जाता है और छोटों को चिक्का ज्ञानप्पा या चिक्का ज्ञानव्वा कहा जाता है। और उन्हें जो इन दोनों के बीच आते हैं या तो हंसकर या फिर व्यावहारिक कुशलता से इस कन्फ्यूजन को दूर करना पड़ता है। स्कूलों में भी टीचर ज्ञानव्वा के लिए अटेंडेंस लेना माथापच्ची भरा काम होता है। इस गांव में 200 परिवार रहते हैं। नाम, जाति या धर्म के इतर यहां सभी एक ही नाम लेते हैं। यहां के लोगों की जिंदगी का हर दिन कन्फ्यूजन भरा होता है। जब किसी ज्ञानव्वा की ज्ञानप्पा से शादी होती है तो यह नाम के मामले में दूसरी शादियों से किसी तरह अलग नहीं होती। घरेलू मामलों में नामों की दुविधा तो कई बारी हास्यास्पद स्थिति पैदा कर देती है। यहां सभी का नाम संत ज्ञानेश्वर के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कई चमत्कार किए। उनके प्रति त्याग की भावना से लोगों ने अपने बच्चों के नाम उनके नाम पर रखना शुरू कर दिया। अब उन्हें लगता है कि अगर वो ऐसा नहीं करेंगे तो उन्हें दुर्भाग्य का सामना करना पड़ेगा।