बच्चे प्राणि उद्यान आते हैं, तो यह स्थल उन्हें प्रकृति से जोड़ता है- के.पी.मलिक

लखनऊ: नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान का 101वाँ स्थापना दिवस बहुत धूम-धाम से प्राणि उद्यान स्थित बारादरी लॉन में मनाया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डा0 अरूण कुमार, विभाग एवं विशिट अतिथि विभाग के राज्य मंत्री श्री के0पी0 मलिक, रहे।

मुख्य अतिथि द्वारा प्राणि उद्यान के गेट संख्या-2 पर स्थिति सेल्फी प्वाइंट का अनावरण किया गया। तत्पश्चात एरिग्नार अन्ना जूलॉजिकल पार्क, वेन्डलूर, चेन्नई से आयी सफेद बाघिन को कराल में अवमुक्त किया गया। इस सफेद बाघिन को 15 दिन बाद दर्शकों हेतु डिस्प्ले किया जायेगा। इस अवसर पर प्राणि उद्यान द्वारा तैयार की गयी वन्यजीवों एवं पक्षियों पर आधारित पॉकेट बुक का विमोचन किया गया। एमेकस एकेडमी के विद्यार्थियों द्वारा वन्यजीव एवं पर्यावरण पर आधारित नाटक का मंचन किया गया।


     इस अवसर पर डा0 सक्सेना ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि आज हमें प्राणि उद्यान का 101वाँ स्थापना दिवस मनाने का मौका प्राप्त हुआ है। यह हम सभी के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि प्राणि उद्यान में 88 प्रजातियों के लगभग 1000 से अधिक वन्यजीव उपलब्ध हैं, प्राणि उद्यान के वन्यजीवों के बाड़े और अधिक बड़े हों परन्तु इस प्राणि उद्यान में इतनी अधिक जगह नहीं है। इसलिए इस प्राणि उद्यान को जल्द ही कुकरैल में स्थानान्तरित किया जायेगा, जिससे वन्यजीवों के रहने के लिए अधिक स्थान प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि प्राणि उद्यान का 102वाँ स्थापना दिवस कुकरैल में मनाया जाए।

     मंत्री जी ने दिव्यांगजनों हेतु प्राणि उद्यान में स्थित स्पर्श गैलरी (ब्रेल) का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्पर्श गैलरी दिव्यांगजनों के लिए बहुत उपयोगी है। एमेकस एकेडमी के विद्यार्थियों द्वारा वन्यजीव एवं पर्यावरण पर आधारित मंचित नुक्कड़ नाटक की प्रशंसा करते हुए कहा कि वन्यजीवों को मारने से खाद्य श्रृंखला खराब होती है जिसका प्रभाव हम सभी पर पड़ता है। जंगलों को काटने से वन्यजीव आबादी क्षेत्र में आते हैंं और हम सभी को परेशानियांे का सामना करना पड़ता है। इस लिए वन्यजीव एवं जंगलों का संरक्षण बहुत ही आवश्यक है।

     समारोह के विशिष्ट अतिथि श्री के0पी0 मलिक ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें सदैव ही प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए। आने वाले समय में यह प्राणि उद्यान नई ऊँचाईयों को प्राप्त करेगा। उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चें जब मॉल जाते हैं तो उन्हें आधुनिकता का संदेश मिलता है परन्तु जब यह बच्चे प्राणि उद्यान आते हैं तो यह स्थल उन्हें प्रकृति से जोड़ता है।

इस अवसर पर  प्राणि उद्यान के पूर्व निदेशकों को क्रमशः श्री महेन्द्र सिंह, श्री संजय श्रीवास्तव, श्री बी0 प्रभाकर, श्रीमती रेनू सिंह, श्री अनुपम गुप्ता एवं श्री अशोक कुमार सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त प्राणि उद्यान के कर्मचारियों के लिए वार्षिक खेल-कूद प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरूस्कृत किया गया तथा प्राणि उद्यान के अधिकारी एंव कर्मचारियों को उनके द्वारा किये गये कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें भी सम्मानित भी किया गया।

     कार्यक्रम में श्री मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, श्रीमती ममता संजीव दूबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश, श्री सुधीर कुमार शर्मा, प्रबन्ध निदेशक, उत्तर प्रदेश वन निगम, श्री वी0के0 मिश्र, निदेशक, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ, डा0 उत्कर्ष शुक्ला, उप निदेशक, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ, श्री आर0के0 नेगी, क्षेत्रीय वनाधिकारी, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ तथा प्राणि उद्यान के कर्मचारी उपस्थित रहे। प्राणि उद्यान की शिक्षा अधिकारी, श्रीमती नीना कुमार द्वारा आये हुए सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित कर उनका आभार व्यक्त किया गया।