प्रणाम पर्यटन प्रतिनिधि 

मेरठ । क्रांतिधरा साहित्य अकादमी, भारत द्वारा  मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल (क्रांतिधरा मेरठ साहित्यिक महाकुंभ)  के  सप्तम  संस्करण के आयोजन से संबंधित विशेष बैठक रोहटा रोड, मेरठ स्थित कार्यालय पर आयोजित की गई जिसमें काव्य गोष्ठी व मैंगो पार्टी भी रखी गई।

मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के सप्तम् संस्करण आयोजन समिति की बैठक में महासचिव डा रामगोपाल भारतीय जी, वरिष्ठ इतिहासकार डा ऐ. के. गांधी जी,   ब्रजराज किशोर 'राहगीर' जी, डा विजय पंडित, वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी प्रशांत कौशिक जी, कवयित्री रामकुमारी जी, कवयित्री कविता मधुर जी, गाजियाबाद से शिक्षाविद् व कवि डा राजीव पांडेय जी, वरिष्ठ गीतकार ओंकार त्रिपाठी जी और अरमान कौशिक शामिल रहे । 

आयोजन समिति की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि वर्ष 2023 का तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल दिनांक 24, 25, 26 नंवबर को भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा ।

जिसमें नेपाल, भूटान, मारिशस, ब्रिटेन, रूस, जापान, अमरीका, कनाडा और बेल्जियम देशों सहित भारत के सभी राज्यों से एक हजार से अधिक वरिष्ठ साहित्यकारों, नवोदित कलमकारों व युवाओं की सहभागिता रहेगी। 

तीन दिवसीय मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल में हिन्दी सहित अनेक भाषाओं में साहित्यिक व सामाजिक परिचर्चाएं होंगी। साथ ही पुस्तक प्रदर्शनी, पुस्तक विमोचन, पुस्तक समीक्षा, साक्षात्कार सत्र, शोधपत्र, लघुकथा, बाल साहित्य, शोध पत्र, बहुभाषी कवि सम्मेलन, मुशायरा व  सम्मान समारोह आयोजित किए जाएंगे । 

*क्रांतिधरा साहित्य अकादमी* की अध्यक्ष पूनम पंडित ने बताया कि हमारा संस्थान वसुद्धैव कुटुम्बकम् की भावना के साथ वरिष्ठ लेखकों के सानिध्य में हिन्दी सहित अनेक भाषाओं के लेखन से जुडे नवोदित व गुमनाम कलमकारों को एक अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराने के साथ साथ अनेकता में एकता का संदेश देता है और अंतरराष्ट्रीय  साहित्य महोत्सव के माध्यम से देश विदेश के साहित्य, कला, संस्कृति व शोध से सभी को रूबरू कराता है। 

मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजक डा विजय पंडित ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी क्रांतिधरा मेरठ में प्रत्येक वर्ष होने वाले तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक आयोजन क्रांतिधरा मेरठ साहित्यिक महाकुम्भ  (मेरठ लिटरेरी फेस्टिवल ) में चयन समिति द्वारा चयनित साहित्यिक विभूतियों को निम्नलिखित सम्मान प्रदान किये जायेंगे .. 



1) क्रांतिधरा साहित्य शिखर सम्मान

2) संत गंगादास स्मृति सम्मान 

3) गीतकार भारतभूषण स्मृति सम्मान 

4) शायर हफीज़ मेरठी स्मृति सम्मान 

5) पं. मुखराम शर्मा स्मृति सम्मान

6) आदिकवि भानुभक्त आचार्य स्मृति सम्मान (केवल नेपाली भाषा के साहित्यकार) 

7) एकादशी त्रिपाठी स्मृति सम्मान   

8.) क्रांतिधरा रत्न सम्मान ( उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान, समाजसेवा व अन्य क्षेत्र में)

9) लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड (साहित्यिक व समाज सेवा के क्षेत्र में) 

24, 25, 26 नवंबर  2023 में होने वाले तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के सातवें संस्करण में चयनित विभूतियों को उपरोक्त सभी सम्मानों / पुरस्कारों  में नकद धनराशि, श्रीफल, अंगवस्त्र, पुस्तकें आदि प्रदान कर अलंकृत किया जायेगा । 

आयोजन समिति, सलाहकार समिति और कार्य समिति सदस्य  या उनके निकटतम संबंधीयों की प्रवष्टियों पर विचार नहीं किया जायेगा । 

अगर कोई भी अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक महोत्सव में सहभागिता के इच्छुक हैं तो अपना बायोडाटा भेज सकते हैं। यह भी स्पष्ट किया कि मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल में सहभागिता के लिए किसी तरह का कोई भी पंजीकरण शुल्क नहीं है, सभी के लिए खुला निमंत्रण है।  

आयोजन समिति की बैठक में काव्य गोष्ठी में रचनापाठ करते हुए कवयित्री कविता मधुर ने कहा .. 

प्रकृति हमें समझाती हर पल, उसके गुण अपनाएं

आज चलो फिर सहज सरल सा ,जीवन सभी बनायें ।

देखो डाली पेडों की भी ,फल से खुद झुक जाती 

फल देकर हमको वह लगती, है जैसे  मुस्काती ।

कवयित्री रामकुमारी ने कहा 

ये वीरो की धरा है पावन, क्या इसका गुणगान करे।

क्रांति वेदी का हवन कुंड है,मेरठ का क्या बखान करे।।

डा रामगोपाल भारतीय ने कहा 

चलते चलते धूप में हमको था साया महसूस हुआ

हमको मां की याद आई थी उसका ही आंचल होगा

कद का अंदाजा हो जाता है लोगों की बातों से

उतनी भारी बात करेगा जिसमें जितना बल होगा

जिसने इस दुनिया से लेकर दुनिया को ही लौटाया

होगा कोई देवता या जल बरसाता बादल होगा ।

बृजराज किशोर 'राहगीर' ने कहा ..

उन्नत तकनीकों से बने नगर होंगे।

दूर चाँद की धरती पर भी घर होंगे।

किसी समय यह सपना सच हो जाएगा, 

पास आदमी के उड़ने को पर होंगे। 

वरिष्ठ गीतकार ओंकार त्रिपाठी ने कहा ..  

मेरा नाम क्या है विनय का हिमालय

मुझे गर्व की गंध भाती नहीं है

मेरे हाथ आती पवन हाथ खाली

बिना गीत उपहार जाती नहीं है। 

डा राजीव पांडेय ने सुनाया.. 

उदित भानु की प्रथम किरण ने, वसुधा मुख के अधर हुए।

अलसायी पलकों के सपने डूब नहाते किसी कूए ।। 

आज की बैठक और काव्य गोष्ठी के समापन पर क्रांतिधरा साहित्य अकादमी की अध्यक्ष पूनम पंडित ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। 

डा विजय पंडित: आयोजक /  litfestofmeerut@gmail.com