प्रणाम पर्यटन डेस्क पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित शांतिनिकेतन को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया है। सऊदी अरब में रविवार को हुई वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। शांतिनिकेतन की शुरुआत रविंद्रनाथ टैगोर के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ने 1863 में एक आश्रम के तौर पर की थी। 1901 में रविंद्रनाथ टैगोर ने इसे प्राचीन भारत के गुरुकुल सिस्टम पर आधारित रेजिडेंशियल स्कूल और आर्ट सेंटर में बदला। टैगोर ने 1921 में यहां विश्व भारती की स्थापना की, जिसे 1951 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया। रविंद्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन का लंबा समय यहां बिताया था। शांतिनिकेतन के यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने पर प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुशी जताई है। प्रधान मंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक शांतिनिकेतन को वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया है। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का पल है। वहीं,विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह देश के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर को सच्ची श्रद्धांजलि है। घोषणा के बाद विश्वभारती यूनिवर्सिटी में जश्न मनाया जा रहा है। यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग और परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। फैकल्टी, स्टाफ और स्टूडेंट्स ने पारंपरिक कपड़े पहने और रवींद्र-संगीत पर डांस किया। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने कहा कि शांतिनिकेतन का हेरिटेज लिस्ट में शामिल होना हमारे लिए खुशी और सम्मान की बात है। पिछले 12 सालों में हमारी सरकार ने शांतिनिकेतन के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बताया कि शांतिनिकेतन वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने वाली भारत की 41वीं धरोहर है। लंबे समय से इसे हेरिटेज लिस्ट में शामिल करने की मांग की जा रही थी। इससे पहले आगरा किला, अजंता की गुफाएं, ताजमहल, कोणार्क सूर्य मंदिर, काजीरंगा नेशनल पार्क, फतेहपुर सीकरी, सांची और जयपुर के जंतर मंतर समेत कई धरोहरों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। दुनिया की कुल 1172 प्रॉपर्टी वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल हैं। सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को इसमें शामिल किया जाता है।