नैमिषारण्य और मिश्रिख में जून-23 तक आये 2,88,150 श्रद्धालु लखनऊ: जनपद सीतापुर में स्थित अजयपुर झील को पर्यटन की विभिन्न गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा है। पर्यटन विभाग 92 हेक्टेयर में फैली हुई अजयपुर झील में बोटिंग और कैफेटेरिया आदि बनाने का निर्णय लिया है। इस झील के विकास पर लगभग 04 करोड़ 75 लाख रूपये से विभिन्न पर्यटन विकास संबंधी कार्य कराये जायेगे। इस झील के विकास के लिए डीपीआर तैयार कराया गया है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि सीतापुर जिले में सुविख्यात तीर्थ स्थल नैमिषारण्य और मिश्रिख है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जाते हैं। इस वर्ष जून तक 2 लाख 88 हजार 150 पर्यटक आए थे। उन्होंने बताया कि यहां हमेशा पर्यटक आते हैं लेकिन अभी संख्या कम है। इसे बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग झील का विकास करने का निर्णय लिया गया है। यहां बोटिंग की सुविधा शुरू की जाएगी तथा झील के भीतर कैफेटेरिया बनेगा। इसके अलावा सीढ़िया बनाई जाएंगी और किनारे बैठने के लिए फर्श तैयार कराई जायेगी। श्री सिंह ने बताया कि यहां वन विभाग को पहले से ही भवन बनाया गया है। इस भवन में आगन्तुकों एवं पर्यटकों के लिए जलपान आदि की भी व्यवस्था के लिए कैन्टीन बनाई जायेगी। इस स्थल पर छोटे मोटे आयोजन के लिए भी व्यवस्था होगी। इसके अलावा टेंट हाउस लगाने के लिए स्थान उपलब्ध कराया जायेगा। पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में धार्मिक व ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों के साथ-साथ ईको टूरिज्म, साहसिक टूरिज्म और रूरल टूरिज्म आदि में बहुत संभावनाएं हैं। इस इसी की तहत सीतापुर में अजयपुर झील का विकास कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यहां तक पहुंचने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी है। राज्य सरकार प्रत्येक जनपद में स्थित अल्पज्ञात एवं प्रसिद्ध धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करने का निर्णय लिया है।