अयोध्या में एक छत के नीचे 'श्रीराम मंदिर' का इतिहास
संस्कृति विभाग एवं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के मध्य समझौता ज्ञापन निष्पादित
लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि अयोध्या में नवनिर्मित अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय एवं आर्ट गैलरी में भगवान श्रीराम के मंदिर से जुड़ी दुर्लभ धरोहरों, संरचनाओं तथा उत्खनन से प्राप्त विभिन्न अवशेषों को पूरे विश्व समुदाय के अवलोकनार्थ प्रदर्शित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एक छत के नीचे भगवान श्रीराम के मंदिर के इतिहास को दर्शाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज सम्पन्न हुए समझौता ज्ञापन के अनुसार यह सभी सामग्री श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या द्वारा संरक्षित की जायेगी। एमओयू निष्पादन के अवसर पर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र भी उपस्थित थे।
पर्यटन मंत्री आज संगीत नाटक अकादमी के सभागार में संस्कृति विभाग उ0प्र0 तथा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के मध्य सम्पन्न हुए समझौता ज्ञापन के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लम्बे संघर्षों तथा बलिदान के बाद मंदिर निर्माण में सफलता प्राप्त हुई। देश के प्रधानमंत्री मा0 मोदी जी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री योगी जी के मार्गदर्शन में मंदिर का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। जनवरी, 2024 में इसे प्रधानमंत्री जी करकमलों द्वारा शुभारम्भ होगा।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं को अयोध्या की भव्यता एवं भगवान श्रीराम के मंदिर को दर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा। इससे प्रदेश में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आयेंगे। पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार तथा राजस्व अर्जन की असीमित संभावनायें हैं। दुनिया के अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण हो जाने से अयोध्या में काशी की तरह ही पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी होगी।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार देश की गौरवशाली संस्कृति एवं सनातन परम्परा को आगे बढ़ाते हुए राजस्व के साथ ही रोजगार सृजित करने पर विशेष जोर दे रही है। अयोध्या आने वाले श्रद्धालु अध्यात्मिक, ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थलों का दर्शन करने के साथ ही भगवान श्रीराम के जीवन मूल्यों को आत्मसात कर सकेंगे। इससे रामराज्य के स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि मा0 मोदी जी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था पॉचवंे स्थान से आगे बढ़कर तीसरे स्थान पर पहुॅचेगी। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है, जब भारत भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए विकसित राष्ट्र की श्रेणी में स्थापित होगा।
इस अवसर पर अध्यक्ष निर्माण समिति श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या श्री नृपंेद्र मिश्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस संग्रहालय में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन मूल्यांे से जुड़े विशिष्ट पहलुओं को प्रदर्शित किया जायेगा। जो आने वाली पीढ़ी को सदियों तक प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या राज्य सरकार की सभी अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करेगा।
ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत राय ने कहा कि भगवान श्रीराम का मंदिर एक लम्बे इतिहास को समेटे हुए है। यह विश्व मानवता की धरोहर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि 06 दिसम्बर, 1992 से लेकर मंदिर निर्माण के दौरान खुदाई में दुर्लभ वस्तुएं प्राप्त हुई हैं। यह श्रद्धालुओं के लिए बहुमूल्य धरोहर है। उन्होंने कहा कि मंदिर के नीचे उत्खनन से प्राप्त बहुमूल्य सामग्री तथा 1154 ई0 के शिलालेख तथा भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सभी वस्तुओं को सुरक्षित रखा गया है। इन सभी सामग्री को संग्रहालय में प्रदर्शित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 1885 के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों के पत्र के अलावा फ्रांसीसी यात्री की प्रकाशित डायरी तथा अन्य दुर्लभ दस्तावेजों को सुरक्षित तथा संरक्षित रखा गया है। इन्हंे भी संग्रहालय को हस्तान्तरित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि समस्त दुर्लभ सामग्रियों को अभिलेखीकरण कराने का प्रयास किया जायेगा।
श्री चंपत राय ने कहा कि सारा संसार राममय है। विश्व के कोने-कोने में राम से जुड़े ग्रन्थों, पाण्डुलिपियों को आम जनता के अवलोकनार्थ संग्राहलय को दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि समाज को अतीत के गौरवशाली इतिहास को देखने एवं चिन्तन करने का अवसर प्राप्त होगा। इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा धर्मार्थ कार्य श्री मुकेश मेश्राम ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज का समझौता ज्ञापन ट्रस्ट को संग्रहालय के संरक्षण तथा देखरेख के लिए किया गया है। भगवान श्रीराम का जीवन के आदर्श मूल्यों के साथ जुड़ा हुआ एक आयाम है। जो मनुष्य को मनुष्यता का बोध कराता है। इसके साथ ही रामचरित मानस मानव समुदाय को जीवन मूल्यों को आधार देता है।
इस मौके पर ’’लखनऊ की रामलीला’’ तथा ’’संस्कृति में राम’’ पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर प्रयागराज की सुप्रिया सिंह रावत एवं उनकी टीम ने मनोहारी भेड़िया नृत्य का प्रदर्शन किया। इसके अलावा संगीत नाटक अकादमी द्वारा सुरभि शुक्ला की परिकल्पना पर आधारित नमामि राम नृत्य नाटिका की शानदार प्रस्तुति दी गयी। निदेशक संस्कृति एवं सूचना श्री शिशिर जी ने अतिथियों का आभार ज्ञापित करते हुए मनोहारी प्रस्तुति के लिए कलाकारों को बधाई दी। इस अवसर पर श्री अनूप कुमार मित्तल सदस्य मंदिर निर्माण समिति के अलावा विशेष सचिव संस्कृति श्री राकेश चन्द्र शर्मा तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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