सोनभद्र स्थित 1400 मिलियन वर्ष पुराने जीवाष्म पार्क को यूनेस्को की सूची में दर्ज कराया जायेगा : पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह
प्रणाम पर्यटन ब्यूरो
लखनऊ: .जनपद सोनभद्र में अमेरिका के एलोस्टोन पार्क के बाद एशिया का सबसे बड़े एवं प्राचीन सलखन जीवाष्म पार्क के समीप स्थित जीवाष्म पार्क को पर्यटन विभाग युनेस्को की सूची में दर्ज कराने का निर्णय लिया है। यह फासिल्स पार्क लगभग 1400 मिलियन वर्ष पूराना होने का अनुमान है। इसे देखने के लिए पूरी दुनिया से जीवाष्म वैज्ञानिक एवं पर्यटक वर्ष भर आते रहते हैं। इस स्थान पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं विकसित करने का फैसला लिया गया है।
यह जानकारी आज यहाँ प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश को पर्यटन के मामले में विश्व मानचित्र पर स्थापित किया जाए। इसी को देखते हुए जीवाष्म पार्क को दुनिया के सामने पेश करने के लिए यूनेस्को की सूची में स्थान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल में ही विभाग की टीम ने बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइन्सेज के निदेशक डॉ0 एम0जी0 ठक्कर के साथ इस पार्क का भ्रमण किया था। जनपद सोनभद्र में बहुत-सी प्राकृतिक संरचनाएं मौजूद हैं। पर्यटकों एवं जीवाष्म प्रेमियों को देखने के लिए कई दर्शनीय स्थल भी हैं। इसलिए इसके आसपास पर्यटन विकास किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि पृथ्वी पर किसी समय जीवित रहने वाले अति प्राचीन जीवों के संरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जो पृथ्वी की सतहों या चट्टानों की परतों में सुरक्षित पाये जाते हैं, उन्हें जीवाष्म या फासिल्स कहते हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार के जीवाश्मों के निरीक्षण से पता चलता है कि पृथ्वी पर अलग-अलग कालखण्ड में भिन्न-भिन्न श्रेणी के जीव-जन्तु हुए हैं। इनसे विभिन्न प्रकार की आकृतियां बनती हैं जो वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का विषय होती हैं। जनपद सोनभद्र जिले में इसके अलावा बहुत सारे दर्शनीय स्थल हैं। रमणीक एवं मनोरम घाटियों एवं जल प्रपात भी हैं। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय लोगो की भी आमदनी होगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस पार्क में पाए जाने वाले जीवाश्म शैवाल और स्ट्रोमेटोलाइट्स प्रकार के जीवाश्म हैं। अनुमान के मुताबिक यह 1400 मिलियन वर्ष पुराना है। इसकी देखरेख वन विभाग करता है। सोनभद्र में इतने पुराने फासिल की जानकारी ज्यादातर लोगों को नहीं है। इसलिए यहां पर्यटकों की संख्या कम है। पर्यटन विभाग यहां बुनियादी पर्यटक सुविधाएं विकसित करने के साथ ही लोगों तक विभिन्न् माध्यमों से जानकारी पहुंचाई जाएगी। इसकी लोकप्रियता बढ़ने से राज्य सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा।
जयवीर सिंह ने बताया कि यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र का एक ऐसा संगठन है, जो सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत स्थलों को सूचीबद्ध करता है। प्रदेश में आगरा का किला, फतेहपुर सिकरी, ताजमहल, सारनाथ, वाराणसी के घाट आदि शामिल हैं। प्रयास है कि सोनभद्र जिले स्थित फासिल्स पार्क को यूनेस्को की सूची में जगह मिले। इस फासिल्स पार्क के जीवाष्म भूवैज्ञानिकों के लिए कौतूहल बने हुए हैं इन पर समय-समय पर शोध की जा रही है। इसके आसपास बुनियादी सुविधाएं न होने के कारण पर्यटकों का आना-जाना कम है।
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