'IATO का मंच उत्तर प्रदेश की अपार पर्यटन क्षमताओं का लाभ उठाने में मदद करेगा'
भोपाल/लखनऊ, 01 सितंबर /उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग 39वें इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) वार्षिक सम्मेलन में प्रमुख प्रतिभागी के रूप में हिस्सा ले रहा रहा है। आईएटीओ सम्मेलन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक होटल में 30 अगस्त से 2 सितंबर तक चल रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की भी गरिमामय उपस्थिति के बीच कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 'रिसर्जेंट इंडिया इनबाउंड' थीम पर आयोजित सम्मेलन में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का प्रतिनिधित्व विशेष सचिव, ईशा प्रिया ने किया। आईएटीओ के 39वें सम्मेलन में टूर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट, होटल व्यवसायी समेत देश भर से आए प्रतिभागी शामिल हुए हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के स्टॉल पर जानकारी लेने वालों की भीड़ रही। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 को लेकर आगंतुकों में जिज्ञासा दिखी। यूपी पर्यटन विभाग की ओर से राज्य के विभिन्न लोकप्रिय और कम ज्ञात स्थलों का प्रचार-प्रसार किया गया। आईएटीओ के उपाध्यक्ष और सम्मेलन के अध्यक्ष रवि गोसाईं ने स्वागत भाषण दिया, जिसने चार दिवसीय मेगा इवेंट के लिए एक जीवंत माहौल तैयार किया। उन्होंने कहा, सम्मेलन का थीम 'रिसर्जेंट इंडिया इनबाउंड' है, जो वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में देश के मजबूत विकास और पुनरुत्थान को दर्शाता है। आईएटीओ सम्मेलन में उत्तर प्रदेश पर्यटन की सक्रिय भागीदारी रही, जो पर्यटन के विविध अवसर प्रदान करने के लिए विख्यात है। इस कार्यक्रम में यूपी पर्यटन का स्टॉल लगा है, जहां राज्य के लोकप्रिय और कम ज्ञात दोनों तरह के स्थलों को प्रदर्शित किया गया है। पर्यटन विभाग के इस प्रयास ने आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया। प्रयागराज महाकुंभ 2025 के प्रति लोगों का आकर्षण दिखा। सम्मेलन में उपस्थित लोगों ने महाकुंभ 2025 से संबंधित जानकारियां हासिल की। गौरतलब है, इस भव्य आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इनमें बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों की भी है, जो शुभ स्नान, अनुष्ठान में भाग लेंगे।
उत्तर प्रदेश में 12 मेगा पर्यटन सर्किट भी विकसित किए गए हैं। इनमें रामायण सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, बुद्ध सर्किट और इको-टूरिज्म की थीम पर आधारित गंतव्यों की वृहद श्रृंखला है। आगरा में तीन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। राज्य में 100 से अधिक वन्य जीव, विरासत और ग्रामीण पर्यटन स्थल भी हैं। पर्यटन के नजरिए से उत्तर प्रदेश विभिन्न स्थलों में रुचि रखने वाले यात्रियों के लिए एक 'खजाना' है। धर्मनगरी अयोध्या, जिसे सात मोक्ष पुरियों में से एक माना जाता है और भगवान श्री राम की जन्मस्थली है, तीर्थयात्रा और पर्यटन का प्रमुख केंद्र है। यह यूपी के 'आध्यात्मिक त्रिकोण' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। केंद्र सरकार ने रामलला मंदिर और उसके आस-पास के स्थानों पर उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए छात्रावास और पार्किंग जैसी सुविधाओं को विकसित करने के लिए 127 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वर्ष 2023 में, 6.3 करोड़ से अधिक भक्तों ने अयोध्या का दौरा किया था। अगले कुछ वर्षों में 13 करोड़ से अधिक आगंतुकों के आने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास पर भी सम्मेलन में प्रकाश डाला गया। अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसकी क्षमता प्रति वर्ष 01 करोड़ यात्रियों की है। पुनर्निर्मित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन, जिसकी प्रतिदिन 1 लाख यात्रियों की क्षमता है, राज्य के पर्यटन परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार हैं। इसके अतिरिक्त हेलीपोर्ट परियोजना, जिसका कार्य पीपीपी मॉडल पर चल रहा है, प्रमुख पर्यटक स्थलों से संपर्क बढ़ाने में अहम होगा।
आईएटीओ सम्मेलन के दूसरे दिन विशेष सत्र में विशेष सचिव पर्यटन, उप्र. ईशा प्रिया ने विभिन्न रुचियों वाले यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में विशिष्ट पर्यटन कार्यक्रम बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा, 'छह से अधिक महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों वाले उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में बौद्ध धर्मावलंबी आते हैं। विशेषकर बौद्ध धर्म मानने वाले देशों से आने वाले पर्यटकों के लिए एक समर्पित बौद्ध सर्किट विकसित किया गया है। इसी के तहत, हम सितंबर माह में वियतनाम और मलेशिया के प्रतिभागियों को आमंत्रित करते हुए एक फैम ट्रिप का आयोजन कर रहे हैं। उसके बाद, अक्टूबर में कंबोडिया के प्रतिभागियों को आमंत्रित किया जाएगा।'उन्होंने आगे कहा, 'बौद्ध धर्म के अलावा उत्तर प्रदेश जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से 18 की जन्मस्थली है। राज्य अफ्रीका के समुदायों और दुनिया भर में भारतीय प्रवासियों से जुड़ने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है, उन्हें अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।' उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, 'उत्तर प्रदेश विविधताओं वाला राज्य है। प्रदेश हर पर्यटक को कुछ न कुछ प्रदान करता है। चाहे वह आध्यात्मिक ज्ञान हो या वन्यजीव रोमांच या फिर बौद्ध धर्म की समृद्ध विरासत में गहराई से उतरना। भोपाल में आयोजित आईएटीओ वार्षिक सम्मेलन पर्यटन के क्षेत्र में हमारी भागीदारी प्रस्तुत करने का एक मंच प्रदान करता है। यह मंच उत्तर प्रदेश की अपार पर्यटन क्षमताओं का लाभ उठाने में मदद करेगा। उम्मीद है आने वाले समय में अधिक से अधिक लोग हमारे राज्य की अनोखे धरोहरों से जुड़ेंगे और बेहतर अनुभव प्राप्त करेंगे।' 39वां आईएटीओ वार्षिक सम्मेलन भारत में इनबाउंड टूरिज्म में स्टेकहोल्डर्स के लिए अपार संभावनाओं का पता लगाने का एक मंच के रूप में सामने आया है। जिसमें उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।