दुर्गेश मोहन को नेपाल में मिला अंतर्राष्ट्रीय 'हिंदी काव्य रत्न' सम्मान
पटना। ब्रजनंदन मिश्र के सुपुत्र दुर्गेश मोहन जिनका कर्म क्षेत्र बिहटा, पटना है ।ये शिक्षक एवं साहित्यकार हैं ।इन्हें अंतर्राष्ट्रीय हिंदी काव्य रत्न मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इन्हें देश_विदेश के पत्र _पत्रिकाओं में साहित्य सृजन एवं सम्मान मिलने का सौभाग्य प्राप्त है।14 सितंबर, 2024 को हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में शब्द प्रतिभा बहु क्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा हिंदी दिवस अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता _2024 आयोजित की गई। जिसका आयोजन स्थल लुंबिनी, नेपाल था ।इसमें नेपाल ,भारत ,कनाडा, अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया तथा तंजानिया के कविगण ऑनलाइन भाग लिए थे ।कुल रचनाकारों की सहभागिता 6742 थी, जिसमें उत्कृष्ट रचना के आधार पर 675 रचनाकारों का चयन किया गया, जिन्हें हिंदी काव्य रत्न मानद उपाधि से सम्मानित किया गया एवं 25 नवोदित रचनाकारों को भी काव्य श्री सम्मान से सम्मानित किया गया। इस आयोजन में सहभागिता व्यक्त करने वालों में 16 वर्ष से लेकर 75 वर्ष तक आयु के रचनाकार थे ।
हिंदी दिवस के अवसर पर संस्था अध्यक्ष आनंद गिरि मायालु ने कहा_ हिंदी विश्व भाषा बन चुकी है। इसे बोलने में जितना आनंद आता है, उतना ही यह सरल भाषा भी है ।यह संस्था कवि,लेखक एवं विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन स्वरूप मंच प्रदान करता आ रहा है। इस संस्था में आदरणीया चरना कौर की भी अहम भूमिका रहती है।इस कार्यक्रम का उद्देश्य नेपाल _भारत की मैत्री भाषा को सुदृढ़ बनाना है।
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