'मुख्यमंत्री ने पूज्य शंकराचार्य व अन्य संतगण का कुशलक्षेम पूछा'
लखनऊ : 19 जनवरी, 2025 / मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज महाकुम्भनगर में पूज्य शंकराचार्य व अन्य संतगण के शिविर में जाकर सबका कुशलक्षेम पूछा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूज्य शंकराचार्यों और संतगण की कृपा से महाकुम्भ-2025 सुचारूपूर्वक चल रहा है। उन्होंने शंकराचार्यों के आगमन को आयोजन के लिए मंगलमय बताया। उन्होंने कहा कि संतों के आगमन से महाकुम्भ की समस्त दिव्यता और भव्यता सम्भव है। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने पूज्य संतों और उनके अनुयायियों के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की और किसी भी तरह की समस्या का निराकरण तत्काल करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मेला क्षेत्र के सेक्टर-9 स्थित कर्षिणी आश्रम के गुरुशरणानन्द जी और आचार्यबाड़ा के अध्यक्ष व मंत्री से शिष्टाचार भेंट की। इसके बाद उन्होंने प्रयाग सुमेरु पीठ के परम पूज्य संत जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानन्द जी के शिविर पहुंचकर उनसे भेंट की। जगद्गुरु वासुदेवानन्द सरस्वती जी को प्रणाम कर महाकुम्भ और सनातन धर्म के लिए किये गये उनके योगदान के लिए साधुवाद दिया। महाकुम्भ में उनके अनुयायियों और शिविर के लिये मेला प्राधिकरण द्वारा की गई व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने पुरीपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानन्द सरस्वती जी से शिष्टाचार भेंट की। उनकी कुशलक्षेम पूछकर महाकुम्भ में उनके आगमन को सनातन की जय बताया। इसके बाद उन्होंने शारदा द्वारिकापीठ शंकराचार्य सदानन्द सरस्वती जी से शिष्टाचार भेंट की।
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का सफल आयोजन संतों की कृपा है। महाकुम्भ सामाजिक समता और समरसता का महापर्व है। जाति-वर्ग अथवा किसी भी अन्य प्रकार के भेदभाव से परे होकर पूरा देश त्रिवेणी तट पर एकजुट होकर पुण्य स्नान का लाभ प्राप्त कर रहा है। एकता के इस महाकुम्भ पर त्रिवेणी तट से पूरी दुनिया में अखण्ड भारत का संदेश गूंज रहा है। मुख्यमंत्री ने यह विचार आज महाकुम्भनगर में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष चिदानंद मुनि के शिविर में चल रही पूज्य मोरारी बापू की कथा के दौरान व्यक्त किए। मुख्यमंत्री जी के शिविर में पहुंचने पर व्यासपीठ पर उपस्थित श्री मोरारी बापू ने ’साधु!साधु! कहकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी स्वयं एक सिद्धपीठ के संत हैं। उनके नेतृत्व में महाकुम्भ का सफल आयोजन हो रहा है और आज पूरी दुनिया में सनातन संस्कृति गौरवान्वित हो रही है।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती ने मुख्यमंत्री जी को बुद्धि, शुद्धि और सिद्धि का अद्भुत संगम कहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी में एक शासक, साधक और उपासक का विलक्षण समन्वय है। मुख्यमंत्री पद का दायित्व निर्वहन हो या गोरक्षपीठाधीश्वर की जिम्मेदारी, मुख्यमंत्री जी ने अपने विचारों और कार्यों से देश, समाज और राष्ट्र को एक नई दिशा दी है।