कार्यदायी संस्थाओं एवं ठेकेदारों के भुगतान में विलम्ब को गम्भीरता से लिया जाएगा


लखनऊ:उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण के लिए प्रस्तावित सभी परियोजनाओं की डीपीआर तथा अन्य वित्तीय मामलों को विधिवत जांच करने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाय। उन्होंने यह भी कहा जाय संबंधित भूमि का स्वामित्व आदि की जांच एवं आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किये जायं। उन्होंने कहा कि किसी भी विवादित जमीन का प्रस्ताव तैयार न किया जाए। उन्होंने कई योजनाओं की टेण्डर प्रक्रिया की गति धीमी पाये जाने पर नराजगी जाहिर करते हुए कहा कि विलम्ब के लिए दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने एक प्रकरण में जिलाधिकारी मिर्जापुर को निर्देश दिए कि एक विवादित मामले को यथाशीघ्र हल करायें, जिससे निर्माण कार्य शुरू किया जा सके।

पर्यटन मंत्री  गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन में पर्यटन तथा संस्कृति विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कई परियोजनाओं की स्वीकृति मिलने के बाद भी टेण्डर न किए जाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डीपीआर को पूरी सावधानी से के साथ तैयार किया जाए। किसी भी दशा में डीपीआर को शंसोधित अथवा पुनर्शंसोधित न किया जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा बार-बार डीपीआर की धनराशि बढ़ाने एवं केन्द्र सरकार द्वारा कराये गये 5.5 करोड़ रुपये की परियोजना को स्टीमेट में शामिल करने पर जांच के निर्देश दिए और कहा कि जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।


जयवीर सिंह ने यह भी निर्देश दिए कि निर्माणाधीन परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया जाए यदि निर्माण कार्य अधोमानक है या घटिया सामग्री का उपयोग पाया गया है, तो संबंधित कार्यदायी संस्था एवं पीएम/एपीएम के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्थाओं के भुगतान में किसी भी कीमत पर विलम्ब न किया जाए और यह भी निर्देशित किया कि ठेकेदारों के भुगतान भी समय से किया जाए। अन्यथा कार्य की गुणवत्ता एवं समयबद्धता प्रभावित होगी। उन्होंने सीतापुर में टीएफसी के लिए भूमि उपलब्ध न कराये जाने पर संबंधित उपनिदेशक को कड़ी फटकार लगायी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में समयबद्धता एवं गुणवत्ता हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाए।

पर्यटन मंत्री ने गीत-संगीत के लिए समर्पित लोक कलाकारों को कार्यक्रम दिए जाने में पूरी पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंजीकृत सभी कलाकारों को कार्यक्रम अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए। कलाकारों के चयन से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि वह सरकार के किसी भी कार्यक्रम में विगत 03 माह में भाग नहीं लिए हों। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर पंजीकृत अभी तक जिन कलाकारों को मंच नही मिला है उन्हें आज से ही मौका दिए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाए। उन्होंने कहा कि इन कलाकारों को 06 फरवरी से महाकुम्भ में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नए कलाकारों को अवसर प्रदान किया जाए। जिन कलाकारों को अब तक मौका नहीं मिला है उन्हें अनिवार्य रूप से कार्यक्रम दिए जाए। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जो अधिकारी भ्रमण के लिए विदेश जा रहे हैं। उनकों स्वदेश आने पर अपने अनुभवों को साझा करने की जरूरत है ताकि इसका लाभ विभाग को मिल सके।

इस अवसर पर मा0 मंत्री जी ने राजकीय अभिलेखागार संस्कृति विभाग की वार्षिक पत्रिका पहल और राजकीय संग्रहालय की पत्रिका ‘अन्वेषणम्’ का विमोचन किया। बैठक में प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, विशेष सचिव संस्कृति श्री रविन्द्र कुमार उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम की एमडी सुश्री सान्या छाबड़ा, अपर निदेशक संस्कृति श्रीमती सृष्टि धवन तथा पर्यटन सलाहकार श्री जे0पी0 सिंह सहित सभी कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।